धौनी ने जारी किया ‘एम एस धौनी-द अनटोल्ड स्टोरी” का ट्रेलर, बोले, विश्वकप जीतना जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण

जालंधर : भारत ने महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई में टी20 विश्व चैंपियनशिप और एकदिवसीय विश्व कप सहित चैंपियन्स ट्राफी में भी जीत दर्ज की लेकिन सीमित ओवरों की टीम के कप्तान ने 2011 में भारतीय सरजमीं पर मिली 50 ओवरों के टूर्नामेंट की जीत को आज यहां अपने जीवन का सबसे यादगार और महत्वपूर्ण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2016 10:00 PM

जालंधर : भारत ने महेंद्र सिंह धौनी की अगुवाई में टी20 विश्व चैंपियनशिप और एकदिवसीय विश्व कप सहित चैंपियन्स ट्राफी में भी जीत दर्ज की लेकिन सीमित ओवरों की टीम के कप्तान ने 2011 में भारतीय सरजमीं पर मिली 50 ओवरों के टूर्नामेंट की जीत को आज यहां अपने जीवन का सबसे यादगार और महत्वपूर्ण पल करार दिया.

अपने जीवन पर बन रही फिल्म ‘एम एस धौनी – द अनटोल्ड स्टोरी’ के ट्रेलर की शुरुआत स्थानीय लवली प्रोफेशनल युनिवर्सिटी परिसर में करने आए धौनी ने कहा, ‘‘वैसे तो मेरे लिए मेरा व्यक्तिगत जीवन बहुत महत्वपूर्ण है और इसकी तुलना नहीं की जा सकती है लेकिन (2011 में अपनी सरजमीं पर) विश्वकप जीतना मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण पल रहा.”

छात्रों से बातचीत में धौनी ने कहा, ‘‘विश्वकप जीतना सबसे महत्वपूर्ण क्षण था. इस क्षण को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. खेल के मैदान में यह सबसे बेहतरीन पल था और इसे मैं शब्दों में नहीं बांध सकता हूं.” ‘कैप्टन कूल’ के नाम से विख्यात धौनी ने जालंधर के बल्लों की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘‘जालंधर शहर से मेरा पुराना नाता है. यहां के लोगों के प्यार को मैं नहीं भूल सकता हूं.

जालंधर की सबसे बड़ी खासियत यहां बनने वाला बल्ला है जो रन बनाने के लिहाज से बेहतर है.” टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके धौनी ने कहा कि उनकी पसंद का बल्ला यहीं पर बनता है जो बढिया लकड़ी का होता है और जिससे वह बहुत सारे रन बना चुके हैं. इससे पहले अपने जीवन पर बन रही फिल्म के बारे में धौनी ने कहा, ‘‘इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं है जिसमें मेरा विशेष गुणगान किया गया हो. इसमें मेरे शुरुआती जीवन के बारे में बताया गया है.”

धौनी ने कहा, ‘‘आने वाली फिल्म में मेरे जीवन के कई पहलुओं को दिखाया गया है. खास तौर से शुरुआती जीवन के बारे में. इसमें उन मेहनत और चुनौतियों को भी दिखाया गया है जिनका मैंने सामना किया है.” एकदिवसीय टीम के कप्तान ने कहा, ‘‘मैं युवाशक्ति में अधिक भरोसा रखता हूं और जब मुझे पता चला कि सुशांत इसमें मेरी भूमिका अदा करेंगे तो तो मैं समझ गया कि वह फिल्म में इस पात्र के साथ पूरा न्याय कर सकेंगे.”

रेलवे में टिकट निरीक्षक के तौर पर करियर की शुरुआत करने वाले धौनी ने कहा कि सुशांत ने इसे सही सिद्ध कर दिया क्योंकि उसने पिछले कई महीनों में कड़ी मेहनत की है और जैसे मैं बोलता हूं, चतला हूं, बातचीत करता हूं और खेलता हूं वह सबकुछ उन्होंने सीख लिया है.” उन्होंने कहा, ‘‘ पढाई के दौरान बहुत कुछ सीखने की कोशिश करो और सफल बन जाओ. साधारण जीत पर अधिक प्रसन्न होने की बजाए यह अधिक महत्वपूर्ण है कि खुद में लगातार जीत हासिल करने की भावना को पैदा करें.”

इस दौरान विश्वविद्यालय के सहयोग से धौनी ने श्रेष्ठ खिलाडियों को पढाई की ओर अग्रसर करने लिए ‘एलपीयू-एमएसधोनी स्कॉलरशिप’ की शुरुआत की. यह स्कालरशिप अंतरराष्ट्रीय खिलाडियों, रणजी पदक विजेताओं, अंतर विश्वविद्यालय फाइनलिस्ट सहित अन्य कुशल खिलाडियों को दिया जाएगा. धौनी ने इस दौरान छात्रों की मांग पर अपना विशेष ‘हेलीकाप्टर शाट’ भी लगा कर दिखाया और टिकट निरीक्षक से भारत के कप्तान बनने की संक्षिप्त कहानी भी सुनाई.

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