ग्रेटर नोएडा : बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने आईसीसी चेयरमैन शशांक मनोहर पर निशाना साधते हुए उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने बोर्ड को उस समय छोड़ दिया जब ‘डूबते जहाज के कप्तान’ के रुप में उनकी जरुरत थी.
बीसीसीआई ने आईसीसी को उसके प्रस्तावित दो स्तरीय टेस्ट प्रारुप से वापस हटने को बाध्य किया और साथ ही चैम्पियन्स ट्राफी 2017 के प्रस्तावित बजट पर भी सवाल उठाये. यह प्रतियोगिता इंग्लैंड में होनी है.
मनोहर ने स्पष्ट किया है कि बीसीसीआई के हितों को देखना उनके लिए अनिवार्य नहीं है और ठाकुर ने अब खुले तौर पर उनके रवैये की आलोचना की है.
बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ निशाना साधते हुए नाराज ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इससे कोई फर्क नहीं पडता कि मैं आईसीसी चेयरमैन के बयान से नाराज हूं या नहीं. लेकिन अध्यक्ष के रुप में मुझे सभी को यह बताने की जरुरत है कि मेरे बोर्ड के समस्य क्या महसूस करते हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘जब बोर्ड को अध्यक्ष के रुप में मनोहर की जरुरत थी (उच्चतम न्यायालय में कानूनी लडाई के दौरान) तो वह बोर्ड को बीच में छोड़कर चले गए. यह ऐसे है जैसे जहाज का कप्तान डूबते हुए जहाज को छोडकर चला गया हो.”
ठाकुर ने आरोप लगाया कि मनोहर बीसीसीआई के समर्थन से क्रिकेट जगत में सुरक्षित जगह ढूंढ रहे थे.उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को समझना होगा कि जब आईसीसी का संविधान बदला गया (बिग थ्री को खत्म करना) तो मनोहर बीसीसीआई अध्यक्ष थे. उन्हें सदस्यों को विश्वास में लेना चाहिए था. लेकिन तब वह क्रिकेट जगत में अपने लिए जगह ढूंढ रहे थे.” बीसीसीआई आईसीसी के 105 सदस्यों में से एक है और ठाकुर ने कहा कि बीसीसीआई का उद्देश्य कमजोर क्रिकेट देशों के साथ खडे रहना है.
ठाकुर ने कहा, ‘‘यह हमारी जिम्मेदारी है कि जिंबाब्वे, श्रीलंका और बांग्लादेश के साथ खडे रहें. हम प्रत्येक उस देश के साथ खडे रहना चाहते हैं. जो अच्छा करना चाहता है. हमें सवाल पूछने कि जरुरत है कि भारत में मैचों की तुलना में चैम्पियन्स ट्राफी के प्रत्येक मैच की लागत कैसे तीन गुना हो गई। उन्हें 15 मैचों का आयोजन करना है और हमने विश्व टी20 में 58 मैचों का आयोजन किया था.
उन्हें तीन स्थानों पर मैच करने हैं जबकि हमने आठ स्थान पर मैच किए थे।” सभी देशों के लिए टीवी अधिकार राजस्व के ‘साझा पूल’ पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, ‘‘अगर आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड को अपने प्रसारण अधिकार बेचने में दिक्कत आ रही है जो आप इसके लिए बीसीसीआई को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते (कइयों का मानना है कि प्रस्तावित दो स्तरीय प्रारुप के पीछे का कारण यही है)”