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होम ग्राउंड पर 250वां टेस्ट खेलने ईडन गार्डन्स में उतरेगा भारत

नयी दिल्ली : कानपुर के ग्रीन पार्क में ऐतिहासिक 500वां टेस्ट मैच खेलने वाली भारतीय टीम जब शुक्रवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरा मैच खेलने के लिए उतरेगी तो यह उसका घरेलू धरती पर 250वां टेस्ट मैच होगा. भारत ने अब तक अपनी सरजमीं पर 249 टेस्ट मैच खेले हैं […]

नयी दिल्ली : कानपुर के ग्रीन पार्क में ऐतिहासिक 500वां टेस्ट मैच खेलने वाली भारतीय टीम जब शुक्रवार को कोलकाता के ईडन गार्डन्स में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरा मैच खेलने के लिए उतरेगी तो यह उसका घरेलू धरती पर 250वां टेस्ट मैच होगा. भारत ने अब तक अपनी सरजमीं पर 249 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से उसने 88 में जीत दर्ज की है जबकि 51 में उसे हार मिली है. एक मैच टाई रहा है जबकि 109 मैच ड्रा छूटे हैं. विदेशी धरती पर भारत ने 251 मैचों में से 42 में जीत हासिल की जबकि 106 में उसे हार मिली और 103 मैच ड्रा रहे.

लेकिन ग्रीन पार्क के बाद अब ईडन गार्डन्स भी ऐतिहासिक मैच बनने जा रहा है. इस मैच के साथ भारत दुनिया का तीसरा देश बन जाएगा जिसने अपनी सरजमीं पर 250 या इससे अधिक मैच खेले हैं. इंग्लैंड ने अपनी धरती पर सर्वाधिक 501 टेस्ट मैच खेले हैं. उसके बाद आस्ट्रेलिया ( 404 टेस्ट ) का नंबर आता है. वेस्टइंडीज ( 237 ) चौथे और दक्षिण अफ्रीका ( 217 ) पांचवें नंबर पर है.

भारत ने अपनी सरजमीं पर अपने अधिकतर मैच आजादी के बाद खेले हैं. उसने 1947 से पहले घरेलू मैदानों पर केवल तीन मैच खेले थे जिनमें से दो में उसे हार मिली थी। इनमें से पहला मैच उसने 15 दिसंबर 1933 को इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई जिमखाना में खेला था जिसमें उसे नौ विकेट से हार मिली थी. यह वही मैच था जिसमें लाला अमरनाथ ने पदार्पण करते हुए शतक जड़ा था. घरेलू धरती पर भारत ने 50वां टेस्ट मैच फरवरी 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ दिल्ली में खेला था.

इस मैच में हनुमंत सिंह ने पदार्पण किया था और 105 रन बनाये थे। मंसूर अली खां पटौदी ने भी इस मैच में अपना दोहरा शतक ( नाबाद 203 रन ) जड़ा था जिससे यह ड्रा छूटा था. भारत ने अपनी सरजमीं पर 100वां टेस्ट मैच नवंबर 1979 में पाकिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में खेला था जो ड्रा रहा था जबकि 150वां मैच जिम्बाब्वे के खिलाफ मार्च 1993 में दिल्ली में खेला था जिसमें उसने पारी और 13 रन से जीत दर्ज की थी. उस मैच में विनोद कांबली ने 227 रन की पारी खेली थी.

संयोग से भारतीय सरजमीं पर 200वां टेस्ट मैच कोलकाता में ही खेला गया था. भारत और पाकिस्तान के बीच मार्च 2005 में खेले गये इस मैच में राहुल द्रविड ने दोनों पारियों में शतक ( 110 और 135 रन ) बनाये थे जिससे भारतीय टीम ने 195 रन से बडी जीत दर्ज की थी. इस तरह से अगर भारत दूसरे टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड को हरा देता है तो यह एक तरह से उसकी हैट्रिक होगी. यह भी दिलचस्प है कि भारत ने अपनी सरजमीं पर सर्वाधिक टेस्ट मैच ईडन गार्डन्स में ही खेले हैं.

कोलकाता के इस मैदान पर न्यूजीलैंड के खिलाफ उसका कुल 40वां टेस्ट मैच होगा. अभी तक ईडन गार्डन्स पर जो 39 मैच खेले गये हैं उनमें भारत ने 11 में जीत दर्ज की है जबकि नौ में उसे हार मिली है. भारत के हालांकि दिल्ली का फिरोजशाह कोटला और चेन्नई का एमए चिदंबरम स्टेडियम अधिक भाग्यशाली रहे हैं. इन दोनों मैदानों पर भारत ने 13 – 13 जीत दर्ज की हैं. उसने दिल्ली में 33 और चेन्नई में 31 टेस्ट मैच खेले हैं. भारत वैसे अपनी सरजमीं पर कुल 21 मैदानों पर टेस्ट मैच खेल चुका है जिनमें से नौ स्टेडियम ऐसे हैं जिनमें उसने पिछले 20 साल से भी अधिक समय से कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है.

अपनी सरजमीं पर भारत ने सर्वाधिक 55 टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ खेले हैं. इनमें से उसे 15 में जीत और 13 में हार मिली. इसके बाद आस्ट्रेलिया : 46 टेस्ट, 19 जीत, 12 हार :, वेस्टइंडीज : 45 मैच, 11 जीत, 14 हार :, पाकिस्तान : 33 मैच, सात जीत, पांच हार : और न्यूजीलैंड : 32 मैच, 14 जीत, दो हार : का नंबर आता है. भारत ने अब तक टेस्ट खेलने वाले देशों में से बांग्लादेश के खिलाफ अपनी सरजमीं पर कोई मैच नहीं खेला है. पिछले कुछ वर्षों से भारत का अपनी सरजमीं पर प्रदर्शन शानदार रहा है. भारत ने अपनी धरती पर जो आखिरी 49 मैच खेले हैं उनमें से 29 में उसे जीत मिली जबकि केवल छह मैच में उसे हार का सामना करना पडा। इसके विपरीत उसने जो पहले 50 टेस्ट मैच अपनी धरती पर खेले थे उनमें उसे आठ में जीत और 12 में हार मिली थी.

इसके बाद हालांकि उसका घरेलू मैदानों पर प्रदर्शन में लगातार सुधार होता रहा. उसने अपनी धरती पर पहले 100 टेस्ट मैचों में से 22 जीते और 26 हारे. इस तरह से 51 से 100 टेस्ट मैच के बीच वह 14 टेस्ट जीतने में सफल रहा. इसके बाद अगले 50 टेस्ट मैचों में भी उसे 14 मैचों में जीत दर्ज की लेकिन केवल नौ मैचों में उसे हार मिली जबकि 151 से 200वें टेस्ट मैच तक उसने 23 में जीत हासिल की और दस मैच में उसे हार झेलनी पडी. भारत ने 2000 से लेकर अब तक अपनी धरती पर कुल 74 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से 40 में उसे जीत और 11 में हार मिली जबकि बाकी 23 मैच ड्रा रहे.

कप्तानों की बात करें तो महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में भारत ने अपनी धरती पर सर्वाधिक 30 मैच खेले हैं जिनमें से 21 में उसे जीत और केवल तीन में हार मिली. मोहम्मद अजहरुद्दीन और सौरव गांगुली अन्य दो कप्तान हैं जिनकी अगुवाई में भारत ने अपनी सरजमीं पर अच्छी सफलताएं हासिल की। अजहर की अगुवाई में भारत ने अपनी धरती पर 20 टेस्ट मैच खेले जिनमें से उसे 13 में जीत और चार में हार मिली. गांगुली ने भारतीय धरती पर जिन 21 टेस्ट मैचों में कप्तानी की उनमें भारत ने दस जीते और तीन हारे.

सुनील गावस्कर की अगुवाई में खेले गये 29 टैस्ट मैचों में जीत हार का आंकडा सात और दो का रहा जबकि मंसूर अली खां पटौदी की कप्तानी में भारत ने अपनी धरती जो 27 टेस्ट मैच खेले उनमें से उसे छह में जीत और नौ में हार मिली। कपिल देव को भी 20 टेस्ट मैचों भारतीय धरती पर कप्तानी करने का गौरव हासिल है लेकिन इनमें से टीम केवल दो में जीत दर्ज कर पायी और चार में उसे हार मिली.

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