घरेलू टेस्ट में तुरुप का पत्ता साबित होंगे गौतम गंभीर : बांगड
इंदौर : केएल राहुल और शिखर धवन के चोटिल होने से गौतम गंभीर के फिर से टेस्ट मैच खेलने की संभावना प्रबल हो गयी है और बल्लेबाजी कोच संजय बांगड ने भी आज कहा कि दिल्ली का यह बल्लेबाज लंबे घरेलू सत्र में भारतीय टेस्ट टीम के लिये बेहद अहम साबित होगा. राहुल की चोट […]
इंदौर : केएल राहुल और शिखर धवन के चोटिल होने से गौतम गंभीर के फिर से टेस्ट मैच खेलने की संभावना प्रबल हो गयी है और बल्लेबाजी कोच संजय बांगड ने भी आज कहा कि दिल्ली का यह बल्लेबाज लंबे घरेलू सत्र में भारतीय टेस्ट टीम के लिये बेहद अहम साबित होगा.
राहुल की चोट के कारण गंभीर की लगभग दो साल बाद भारतीय टेस्ट टीम में वापसी हुई है. वह कोलकाता टेस्ट में नहीं खेल पाये थे लेकिन धवन वहां चोटिल हो गये और अब टीम के पास शुक्रवार से शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट मैच में उन्हें उतारने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. बांगड ने कहा, ‘‘गौतम गंभीर महत्वपूर्ण खिलाड़ी है. टीम से बाहर रहने के दौरान उन्होंने वास्तव में अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी और राज्य की टीम की तरफ से अच्छा प्रदर्शन किया.
इसके बाद जब उन्हें दलीप ट्राफी में मौका मिला तो वे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे और यह भी उन्होंने गुलाबी गेंद के खिलाफ बनाये जबकि कुछ बल्लेबाजों को उससे खेलने में दिक्कत आ रही थी. उसने खुद को पूरी तरह से तैयार रखा है. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि केएल राहुल और शिखर धवन की चोट से यह सुनिश्चित हो गया है कि टीम में उनके लिये जगह है. उन्होंने स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ खुद को साबित किया है तथा हमने भारत में अभी जितने टेस्ट मैच खेलने हैं उसे देखते हुए वह शीर्ष क्रम में बेहद महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन जाता है. ‘ भारत वर्तमान टेस्ट श्रृंखला के बाद इंग्लैंड, बांग्लदेश (एक टेस्ट) और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट श्रृंखलाएं खेलेगा.
बांगड ने कहा कि न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले दो मैचों में कप्तान विराट कोहली का रन नहीं बना पाना चिंता का विषय नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘उसने वेस्टइंडीज दौरे में बेहतरीन प्रदर्शन किया जहां उसने दोहरा शतक जमाया. यहां तक कि जमैका में भी उसने अच्छी बल्लेबाजी की थी जबकि त्रिनिदाद का मैच बारिश की भेंट चढ़ गया. यदि आप कोलकाता में उसकी पारी (45 रन) पर गौर करो तो यह मैच के लिये लिहाज से महत्वपूर्ण रही.
भारत चार विकेट पर 45 रन बनाकर (दूसरी पारी में) जूझ रहा था जब उसने और रोहित शर्मा ने मिलकर टीम को उबारा. ‘ बांगड ने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर कई अवसरों पर जितने रन बनने चाहिए उतने नहीं बनते हैं लेकिन छोटे छोटे योगदान से भी मदद मिलती है. उसने यहीं किया है. मुझे पूरा विश्वास है कि वह इन पारियों को बड़ी पारियों में तब्दील करने के लिये बेताब होगा. ‘
बल्लेबाजी कोच ने कहा कि खुद पर विश्वास के कारण टीम मुश्किल परिस्थितियों में निबटने में सक्षम रही है. उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान टीम पिछले 12 से 15 महीनों से साथ में टेस्ट मैच श्रृंखलाएं खेल रहा है और उन्हें अपनी क्षमताओं पर पूरा विश्वास है. हम कभी किसी भी स्थिति में हार के बारे में सोचते.’ बांगड ने कहा कि भले ही भारत ने श्रृंखला जीत ली है लेकिन वह अंतिम मैच में किसी भी तरह से ढिलायी नहीं बरतेगी. उन्होंने कहा, ‘‘स्कोर लाइन जो भी हो हम जीत के लक्ष्य से ही मैदान पर उतरेंगे.’