इन्दौर में 89 साल बाद शुरू हुआ पहला टेस्ट, भारत-न्‍यूजीलैंड बने गवाह

इन्दौर : इन्दौर में प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट की औपचारिक शुरुआत तत्कालीन होलकर राजवंश की सरपरस्ती में वैसे तो वर्ष 1927 में ही हो गई थी. लेकिन इसके 89 साल के लम्बे अंतराल के बाद इस शहर में पहले टेस्ट मैच का आयोजन सम्भव हो सका. भारत और न्यूजीलैंड के बीच होलकर स्टेडियम में आठ अक्तूबर से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 9, 2016 5:12 PM

इन्दौर : इन्दौर में प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट की औपचारिक शुरुआत तत्कालीन होलकर राजवंश की सरपरस्ती में वैसे तो वर्ष 1927 में ही हो गई थी. लेकिन इसके 89 साल के लम्बे अंतराल के बाद इस शहर में पहले टेस्ट मैच का आयोजन सम्भव हो सका.

भारत और न्यूजीलैंड के बीच होलकर स्टेडियम में आठ अक्तूबर से शुरू हुआ टेस्ट मैच इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मध्यप्रदेश के इतिहास का इस प्रारुप का पहला मुकाबला है. क्रिकेट इतिहास के जानकार सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी ने आज बताया, ‘‘ज्ञात इतिहास के मुताबिक इंदौर में प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट खेलने की औपचारिक शुरुआत वर्ष 1927 में हुई जब तत्कालीन होलकर रियासत में संरक्षण में एक टीम गठित की गयी थी. इसके बाद वर्ष 1940 के दशक में शहर में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत हुई थी.”
उन्होंने कहा इंदौर में क्रिकेट की समृद्ध परंपरा रही है. इन्दौर की होलकर टीम ने वर्ष 1941..42 से 1954..55 के बीच चार बार रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट जीता था, जबकि यह छह बार इस प्रतिष्ठित घरेलू स्पर्धा की उपविजेता रही थी. चतुर्वेदी ने कहा कि होलकर टीम का अहम हिस्सा रहे सीके नायडू और सैयद मुश्ताक अली जैसे खिलाडियों ने क्रिकेट के इतिहास में कई नगीने जडे. उन्होंने बताया कि भारत को वर्ष 1932 में टेस्ट टीम का दर्जा मिला था.
नायडू भारतीय टेस्ट टीम के पहले कप्तान थे. भारत ने अपना पहला टेस्ट मैच 1932 में लार्ड्स के मैदान पर इंग्लैण्ड के खिलाफ खेला था. 1934 में सैयद मुश्ताक अली भी भारतीय टेस्ट टीम में शामिल हो गए थे. उन्होंने मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर वर्ष 1936 में इंग्लैण्ड के खिलाफ टेस्ट शतक जड़कर इतिहास रच दिया था. यह कारनामा विदेशी धरती पर भारत के किसी क्रिकेटर के बनाये पहले टेस्ट शतक के रुप में इतिहास में दर्ज है.

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