7 बार मैन ऑफ द सीरीज का रिकार्ड अश्विन के नाम, कहा – कड़ी मेहनत और संयम से मिली सफलता

इंदौर : भारत की तरफ से रिकार्ड सातवीं बार मैन आफ द सीरीज बनने वाले रविचंद्रन अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अपने साथी गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए आज यहां कहा कि इस तरह के विकेटों पर कड़ी मेहनत और संयम बनाये रखने से उन्हें सफलता मिली. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2016 10:59 PM

इंदौर : भारत की तरफ से रिकार्ड सातवीं बार मैन आफ द सीरीज बनने वाले रविचंद्रन अश्विन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में अपने साथी गेंदबाजों के प्रदर्शन की तारीफ करते हुए आज यहां कहा कि इस तरह के विकेटों पर कड़ी मेहनत और संयम बनाये रखने से उन्हें सफलता मिली. भारत ने तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में न्यूजीलैंड को 321 रन से हराकर श्रृंखला में 3-0 से क्लीन स्वीप किया. अश्विन ने मैच में 140 रन देकर 13 विकेट लिये. उन्होंने श्रृंखला में 27 विकेट हासिल किये. अश्विन ने कहा, ‘यह ऐसा विकेट था जिस पर (विकेट हासिल करने के लिये) आपको कड़ी मेहनत करने और संयम बनाये रखने की जरुरत थी.

पांवों से बने निशान की बात की जाए तो आफ स्टंप के बाहर इससे बहुत कम मदद मिल रही थी. दूसरी पारी में उन्होंने जरुर अच्छे शाट नहीं खेले जिससे हमें मदद मिली.’ उन्होंने कहा, ‘पिच से पर्याप्त उछाल नहीं मिल रही थी जिससे कि शार्ट लेग पर कैच जाए. वह (विराट कोहली) चाहता था कि वे ड्राइव करने की कोशिश करें.’ भारत ने अश्विन के पदार्पण के बाद जो आठ टेस्ट श्रृंखलाएं जीती उनमें से सात में यह आफ स्पिनर मैन आफ द सीरीज बना.

उन्होंने कीवी टीम के खिलाफ जीत के लिये अपने साथी गेंदबाजों को भी श्रेय दिया जिन्होंने श्रृंखला में न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को किसी भी समय टिककर नहीं खेलने दिया. अश्विन ने कहा, ‘मैं (मोहम्मद) शमी, भुवी (भुवनेश्वर कुमार), और उमेश (यादव) का विशेष जिक्र करना चाहूंगा. उन्होंने रिवर्स स्विंग से हमें काफी विकेट दिलाये. जड्डू (रविंद्र जडेजा) का तो जवाब नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘विराट ने मुझसे कहा कि वह गेंदबाजों को रोटेट करना चाहता है और इससे मदद मिली.

जडेजा ने मार्टिन गुप्टिल का विकेट लिया. मैं वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं और मैं आत्मविश्वास से भरा हूं.’ अश्विन ने इंदौर के दर्शकों का भी विशेष आभार व्यक्त किया जो आखिरी दिन बड़ी संख्या में यहां पहुंचे थे. उन्होंने कहा, ‘मैं सबसे पहले इंदौर के दर्शकों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं जो इतनी बड़ी संख्या में यहां पहुंचे. इससे ऐसा लग रहा था कि जैसे यह नब्बे के दशक का टेस्ट मैच हो.’

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