भारत-न्यूजीलैंड श्रृंखला में अश्विन-जडेजा का रहा दबदबा, 60 में से 41 विकेट चटकाये
नयी दिल्ली : विराट कोहली ने न्यूजीलैंड पर श्रृंखला में मिली 3-0 की जीत के लिये पूरी टीम का श्रेय ऐसे ही करार नहीं दिया बल्कि आंकड़ों से खुलासा होता है कि उनका आकलन इस परिदृश्य में इतना सटीक क्यों दिखता है. आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 27 विकेट अपने नाम किये जबकि रविंद्र जडेजा […]
नयी दिल्ली : विराट कोहली ने न्यूजीलैंड पर श्रृंखला में मिली 3-0 की जीत के लिये पूरी टीम का श्रेय ऐसे ही करार नहीं दिया बल्कि आंकड़ों से खुलासा होता है कि उनका आकलन इस परिदृश्य में इतना सटीक क्यों दिखता है. आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने 27 विकेट अपने नाम किये जबकि रविंद्र जडेजा ने 14 विकेट हासिल किये और दोनों ने मिलकर न्यूजीलैंड के कुल 60 विकेट में से 41 विकेट चटकाये.
भारत के इस प्रदर्शन की तुलना में न्यूजीलैंड के गेंदबाज केवल 42 विकेट ही हासिल कर सके जो भारत के इन दोनों स्पिनरों द्वारा मिलकर हासिल किये गये विकेटों से महज एक विकेट अधिक था. मिशेल सैंटनर और ट्रेंट बोल्ट दोनों ने 10-10 विकेट हासिल किये. अश्विन के 27 विकेट हरभजन सिंह (2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लिये गये 32 विकेट) के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा, जिसमें से दो बार उन्होंने 10 विकेट हासिल किये. उन्होंने अब तक 39 टेस्ट में छह बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लिये हैं और इस आंकडे में भारतीयों में अनिल कुंबले के बाद दूसरे नंबर पर काबिज हैं.
अश्विन ऐसे पहले गेंदबाज हैं जिन्होंने अपने पहले 39 टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा 220 टेस्ट शिकार किये हैं. विकेट पूरी तरह से टर्न लेने वाला नहीं था लेकिन तीसरे या चौथे दिन पिच पर अश्विन को खेलना बहुत मुश्किल हो गया जिसमें ऐसा पूरी तरह से उनकी गेंदबाजी कौशल से हुआ था, पिच की मदद से नहीं.
अश्विन ने जडेजा को आदर्श करार किया था जिन्होंने बीच बीच में विकेट दिलाये और 2.34 के इकोनोमी रेट से गेंदबाजी की. अन्य तेज गेंदबाजों में भुवनेश्वर कुमार के कोलकाता में चटकाये गये पांच विकेट शानदार रहे जबकि मोहम्मद शमी (आठ विकेट) ने ईडन गार्डन्स में दूसरी पारी में गेंद को रिवर्स स्विंग कराया.
बल्लेबाजी विभाग में चेतेश्वर पुजारा अपने रंग में थे, उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतकों की बदौलत 373 रन जोड़े जिसमें उनका औसत 74 से ज्यादा का रहा. ऐसा लगता है कि उन्होंने कुछ और समय के लिये बल्लेबाजी में तीसरे नंबर का स्थान अपने लिये पक्का कर दिया है. भरोसेमंद अजिंक्य रहाणे ने लंबे प्रारुप के बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर अपना दर्जा बढाना जारी रखा और इंदौर टेस्ट में 188 रन का अपना व्यक्तिगत स्कोर बनाया.
वह सीरीज में 347 रन बनाकर सर्वाधिक रन जुटाने वाले बल्लेबाजों में दूसरे नंबर पर रहे. विराट कोहली का दोहरा शतक खुशगवार रहा जिससे भारतीय कप्तान इस पार्टी में जुडने में आखिर में रहा लेकिन उन्होंने इस श्रृंखला में 309 रन जुटाये. कोहली ने अपने 211 रन के शानदार प्रयास से दिखा दिया कि लंबी पारी के लिये संयम कितना जरुरी होता है, कोलकाता में 45 रन की दूसरी पारी साफ उदाहरण थी कि समय के साथ टूटी पिच पर उन्होंने कैसा प्रदर्शन किया.