टूट गया रणजी में 69 साल पुराना रिकार्ड
मुंबई : महाराष्ट्र के स्वप्निल गुगाले और अंकित बावने ने आज यहां दिल्ली के खिलाफ तीसरे विकेट के लिये 594 रन की अटूट साझेदारी करके रणजी ट्रॉफी में किसी भी विकेट के लिये सबसे बडी भागीदारी का नया रिकार्ड बनाया लेकिन पारी समाप्त घोषित करने के अप्रत्याशित फैसले के कारण वे केवल 30 रन से […]
मुंबई : महाराष्ट्र के स्वप्निल गुगाले और अंकित बावने ने आज यहां दिल्ली के खिलाफ तीसरे विकेट के लिये 594 रन की अटूट साझेदारी करके रणजी ट्रॉफी में किसी भी विकेट के लिये सबसे बडी भागीदारी का नया रिकार्ड बनाया लेकिन पारी समाप्त घोषित करने के अप्रत्याशित फैसले के कारण वे केवल 30 रन से विश्व रिकार्ड से चूक गये. कप्तान गुगाले 351 रन बनाकर नाबाद रहे जबकि बावने ने भी नाबाद 258 रन बनाये.
इन दोनों ने दो विकेट पर 41 रन से अपनी साझेदारी आगे बढायी और रणजी ट्रॉफी में 69 साल पुराना रिकार्ड तोड़ने में सफल रहे. महाराष्ट्र का स्कोर जब दो विकेट पर 635 रन था तब गुगाले ने पारी समाप्त घोषित करके सभी को चौंका दिया. दिल्ली ने ग्रुप बी के इस मैच में इसके जवाब में दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 21 रन बनाये हैं.
गुगाले और बावने ने हालांकि अपनी साझेदारी के दौरान कई नये रिकार्ड बनाये. उन्होंने विजय हजारे और गुल मोहम्मद का 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिलने से छह महीने पहले बनाये गये 577 रन के रिकार्ड को तोड़ा. हजारे और गुल मोहम्मद ने चौथे विकेट के लिये बडौदा की तरफ से होलकर के खिलाफ वडोदरा में यह रिकार्ड बनाया था. गुल मोहम्मद विभाजन के बाद पाकिस्तान की तरफ खेलने लगे थे. जब पारी समाप्ति की घोषणा की गयी तब गुगाले और बावने किसी भी विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी के विश्व रिकार्ड से केवल 30 रन दूर थे.
श्रीलंका के कुमार संगकारा और माहेला जयवर्धने ने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कोलंबो में तीसरे विकेट के लिये ही 624 रन जोड़े थे. यह प्रथम श्रेणी मैचों में 600 से अधिक रन की एकमात्र साझेदारी है. इस तरह से गुगाले और बावने की साझेदारी किसी भी विकेट के लिये दूसरी बड़ी भागीदारी है.
गुगाले और बावने ने सुबह महाराष्ट्र की पारी दो विकेट पर 290 रन से आगे बढ़ायी और फिर दिन भर दिल्ली के गेंदबाजों को विकेट के तरसाये रखा. असल में दूसरे वानखेडे में दूसरे दिन एक भी विकेट नहीं गिरा. इन दोनों बल्लेबाजों ने अपने करियर में पहली बार दोहरा शतक लगाया जबकि गुगाले तिहरा शतक भी पूरा करने में सफल रहे. सलामी बल्लेबाज गुगाले ने अपनी पारी के दौरान 521 गेंदों का सामना किया तथा 37 चौके और पांच छक्के लगाये. बावने ने 500 गेंद खेली तथा उनकी पारी में 18 चौके और दो छक्के शामिल हैं.
गुगाले का स्कोर प्रथम श्रेणी मैचों में तटस्थ स्थान पर सबसे बडी व्यक्तिगत पारी है. यह कप्तान के रुप में गुगाले का पहला मैच था जिसमें उन्होंने तिहरा शतक जड़ा. प्रथम श्रेणी मैचों में कप्तान के तौर पर अपने पहले मैच में ही सबसे बडी साझेदारी का रिकार्ड बिल पोंसफोर्ड के नाम पर है जिन्होंने 1923 में विक्टोरिया की तरफ से तस्मानिया के खिलाफ 429 रन बनाये थे. जहां तक रणजी में तीसरे विकेट की साझेदारी का सवाल है तो गुगाले और बावने ने सौराष्ट्र के सागर जोगियानी और रविंद्र जडेजा के 2012-13 में बनाये गये 539 रन के रिकार्ड तो तोड़ा.
दिल्ली के कप्तान उन्मुक्त चंद ने इस साझेदारी को तोड़ने के लिये अपनी तरफ से सभी प्रयास किये. उन्होंने नौ गेंदबाजों को आजमाया लेकिन इसका महाराष्ट्र कके इन दोनों बल्लेबाजों पर कोई असर नहीं पड़ा. बाद में गुगाले के पारी समाप्त करने के फैसले से ही दिल्ली के गेंदबाजों को राहत मिली. दिल्ली की तरफ से दोनों विकेट कल नवदीप सैनी (44 रन देकर दो विकेट) ने लिये थे. दिल्ली ने इसके बाद सहज शुरुआत की. स्टंप उखड़ने के समय उन्मुक्त चार और मोहित शर्मा 14 रन पर खेल रहे थे.