नयी दिल्ली : टीम इंडिया के मुख्य कोच अनिल कुंबले आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. यह जन्म दिन उनके लिए काफी खास रहा है, क्योंकि इसबार वो टीम इंडिया के कोच के रूप में अपना जन्मदिन मना रहे हैं. जब टीम लगातार अच्छे प्रदर्शन दिखा रही है तो फिर कोच के लिए खुशी दोगुनी हो जाती है.
कुंबले दुनिया के तीसरे सबसे महान स्पिनर रहे हैं. श्रीलंका के मुथया मुरलीधरन और ऑस्ट्रेलिया के शेन वार्न के बाद कुंबले ही टेस्ट में सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी हैं. कुंबले ने टेस्ट क्रिकेट में 619 विकेट लिये हैं.
कुंबले का क्रिकेट कैरियर काफी दलिचस्प रहा है. उन्हें एक मेहनती खिलाड़ी के साथ-साथ बेहतरीन कप्तान के रूप में भी याद किया जाता है.
कुंबले के गेंदबाजी की खासियत यह थी कि वे गेंद को ज्यादा टर्न तो नहीं करते थे, लेकिन उनकी गेंद में एक गति होती थी और उनकी गेंद ज्यादा सटीक भी होती थी.गति में सूक्ष्म परिवर्तनों के साथ गेंद को उछाल देने में वे माहिर थे, यही कारण था कि बल्लेबाज उनकी गेंद से चकित हो जाते थे.
कुंबले के माता-पिता का नाम कृष्णा स्वामी और सरोजा है. उनके एक भाई दिनेश कुंबले है. अनिल कुंबले का विवाह चेतना कुंबले से हुआ है. इनके दो बच्चे हैं, बेटे का नाम मेयस और बेटी का नाम स्वस्ति कुंबले है. इसके अतिरिक्त कुंबले दंपती की एक और बेटी है, जो चेतना की पहली शादी से है.
कुंगले को उनके 46वें जन्मदिन पर हर ओर से शुभकामना संदेश मिल रहे हैं. बीसीसीआई ने भी उन्हें सोशल मीडिया के जरिये बधाई दी है और उन्हें महान खिलाड़ी बताया. सोशल मीडिया में अपने अनोखे कमेंट के लिए मशहूर हो चुके वीरेंद्र सहवाग ने भी उन्हें शानदार बधाई दी है.
आइये जानें कुंबले से जुड़ी कुछ खास बातें
1. अनिल कुंबले का जन्म 17 अक्टूबर 1970 को कर्नाटक के बंगलुरु में कृष्णा स्वामी और सरोजा के यहां हुआ.
2. उनका सरनेम ‘कुंबले’ उनके परिवार वालों ने कुंबला नाम के उनके पैतृक गांव के नाम पर रखा.
3. कुंबले को ‘जंबो’ के नाम से जाना जाता है. उनकी लम्बाई के कारण उन्हें जंबो कहा जाता था. कुंबले को सबसे पहले जंबो नाम टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने दिया था. कुंबले ने इस बात का खुलासा कुछ दिनों पहले किया था. उन्होंने बताया कि इरानी टॉफी के दौरान वो रेस्ट ऑफ इंडिया के लिए खेल रहे थे और सिद्धू मिड ऑन पर फिल्डिंग कर रहे थे. कुंबले ने बताया, उनकी कुछ गेंदें अचानक उछाल ले रही थी. इसी में सिद्धू ने कहा था, जंबो जेट, बाद में जेट हट गया और उनका नाम सदा के लिए जंबो हो गया.
कुंबले ने भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी भी की है. 2007-08 में कुंबले ने 14 मैचों में टीम की कप्तानी की. जिसमें उन्होंने 3 मैच में जीत दर्ज की. 5 मैचों में हार का सामना करना पडा़. जबकि 6 मैच ड्रॉ रहे.
4. नेशनल कॉलेज बसावनागुडी से शिक्षा ग्रहण करने के बाद 1992 में राष्ट्रीय विद्यालय कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली.
5. कुंबले ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सफर 1990 में शुरू किया. उन्होंने 9 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ अपने कैरियर का पहला टेस्ट मैच खेला था. वहीं आखिरी टेस्ट 29 अक्टूबर 2008 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. कुंबले ने 132 टेस्ट मैच खेले जिसमें उन्होंने 619 विकेट लिये और दुनिया के तीसरे सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ी बने.
6. कुंबले ने 25 अप्रैल 1990 में कैरियर का पहला वनडे मैच श्रीलंका के खिलाफ खेला और आखिरी वनडे 19 मार्च 2007 में बरमुडा के खिलाफ खेला. 271 वनडे में कुंबले ने 337 विकेट लिये.
7. कुंबले ने टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट भी लिये हैं. ऐसा करने वाले वो दुनिया के दूसरे खिलाड़ी हैं. 4 फरवरी 1999, दिल्ली का फिरोजशाह कोटला मैदान भला कौन भूल सकता है. कुंबले की फिरकी के आगे पाकिस्तानी बल्लेबाज घुटने टेकते नजर आये. कुंबले ने एक पारी में दस विकेट लेकर इंग्लैंड के जिम लेकर के रेकॉर्ड की बराबरी की. टेस्ट मैच की चौथी पारी में कुंबले ने 26.3 ओवरों में 74 रन देकर 10 विकेट झटके थे.
8. कुंबले लंबे समय तक भारतीय गेंदबाजी के अगुआ रहे हैं. साल 2004 में उन्होंने एक साल में टेस्ट क्रिकेट में एक पारी में 6 बार पांच या उससे अधिक विकेट लिए. यह एक भारतीय रेकॉर्ड है. इस वर्ष उन्होंने 74 विकेट लिए थे. अपने पूरे कैरियर में कुंबले ने एक पारी में 35 बार 5 या उससे अधिक विकेट लिए.
9. कुंबले ने अपने टेस्ट कैरियर में 2.69 के इकोनोमी से शानदार गेंदबाजी की और 619 विकेट लिये. कुंबले ने अपने कैरियर में 8 बार दस विकेट, 35 बार पांच विकेट और 31 बार चार विकेट लिये हैं.
10. कुंबले को 2005 में भारत के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्मश्री’ से नवाजा गया था.
11. कुंबले अपनी गेंदों में विविधता के लिए जाने जाते थे. वह अपनी गेंद को अलग-अलग ऊंचाई पर बाउंस करवा सकते थे. अपनी काबिलियत के बूते उन्होंने भारत को कई मुश्किल मैच जितवाये.
12. अनिल कुंबले की गेंद शेन वॉर्न या मुरलीधरन की तरह बहुत ज्यादा स्पिन नहीं होती थी, लेकिन उनकी लाइन-लेंथ इतनी सटीक थी कि बड़े बड़े बल्लेबाज उनसे खौफ खाते थे.
13. बल्लेबाजी क्रम में काफी नीचे उतरने वाले कुंबले के नाम एक टेस्ट शतक और पांच अर्धशतक भी है. कुंबले ने टेस्ट मैच में 2506 और वनडे में 938 रन बनाये हैं. टेस्ट मैच में उनका उच्च्तम स्कोर 110 नॉटआउट रहा है. वह मैदान पर बेहद संतुलित और सौम्य नजर आते थे.
14. कुंबले के शानदार क्रिकेट कैरियर का अंत वर्ष 2007-08 में हुआ, जब कुंबले ने संन्यास की घोषणा कर दी.
15. अनिल कुंबले का विवाह चेतना कुंबले से हुआ है. इनके दो बच्चे हैं, बेटे का नाम मेयस और बेटी का नाम स्वस्ति कुंबले है. इसके अतिरिक्त कुंबले दंपती की एक और बेटी है, जो चेतना की पहली शादी से है.
16. कुंबले को इसी साल टीम इंडिया का मुख्य कोच चुना गया. हालांकि उन्हें बीसीसीआई ने एक साल के लिए ही टीम का कोच बनाया है. कोच बनने के साथ ही उन्हें टीम में कई सुधार के काम किये हैं और उनके टीम के साथ जुड़ने भर से टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है.