नयी दिल्ली : सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय पहलवान नरसिंह यादव से जुड़े डोपिंग मामले में मामला दर्ज कर लिया है. नरसिंह के मूत्र के नमूने में प्रतिबंधित पदार्थ पाया गया था जिसके कारण वह रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले पाये थे. सीबीआई के सूत्रों ने आज कहा कि एजेंसी ने अब इस मामले में जांच का जिम्मा ले लिया है जिसमें हरियाणा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर रखी है.
नियमों के अनुसार राज्य पुलिस द्वारा प्राथमिकी को सीबीआई फिर से दर्ज करती है लेकिन वह जांच के दौरान पाये गये किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिये स्वतंत्र होती है. मामला धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 328 (जहर) और आईपीसी की धारा 506 के तहत दर्ज किया गया है. सूत्रों ने कहा कि नरसिंह ने जो शिकायत दर्ज करायी है उसमें आरोप लगाया गया है कि दरियापुर कलां के एक पहलवान जितेश ने रियो ओलंपिक में उनकी भागीदारी रोकने के लिये उनके खाने और पेय पदार्थों में नारकोटिक्स और प्रतिबंधित पदार्थ मिलाये.
सीबीआई प्रवक्ता देवप्रीत सिंह ने कहा, ‘‘आरोप लगाया गया है इस अंतरराष्ट्रीय पहलवान के खाने – पानी में प्रतिबंधित पदार्थ मिलाया गया था ताकि वह रियो ओलंपिक में भाग नहीं ले सके जिसके लिये उसने क्वालीफाई किया था. ‘ यादव पर खेल पंचाट ने चार साल का प्रतिबंध लगाया था जिसके कारण वह ओलंपिक में भाग नहीं ले पाये थे. इसके बाद भारतीय कुश्ती महासंघ ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी. इस पहलवान को ओलंपिक खेल शुरू होने से लगभग 20 दिन पहले प्रतिबंधित दवा के सेवन का दोषी पाया गया.
जानें नरसिंह यादव डोप टेस्ट मामले में कब-कब क्या-क्या हुआ
* सुशील कुमार ने दिया था ट्रायल की चुनौती
दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने नरसिंह यादव को ट्रायल की चुनौती दे दी थी. नरसिंह यादव को रियो ओलंपिक का टिकट मिलने के बाद सुशील कुमार ने संघ के फैसले को चुनौती देते हुए कोर्ट में ट्रायल की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. जिसमें कोर्ट ने सुशील को झटका देते हुए नरसिंह को क्लीन चीट दी थी और चयन ट्रायल को गैरकानूनी बताया.
* डोप टेस्ट में नरसिंह पकड़े गये
सुशील कुमार को पछाड़कर रियो का टिकट हासिल करने वाले नरसिंह यादव को उस समय झटका लगा था जब उन्हें डोपिंग टेस्ट में पकड़ लिया गया था. 25 जून के डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर नरसिंह यादव पांच जुलाई को हुए दूसरे टेस्ट में भी फेल हो गये थे. पांच जुलाई को हुए टेस्ट के भी ए और बी नमूने पाजीटिव पाये गए.
भारतीय कुश्ती महासंघ के सूत्र ने प्रतिबंधित एनाबालिक स्टेरायड मेथांडिएनोन का हवाला देते हुए बताया ,‘‘ यह वही पदार्थ है जो पहले टेस्ट में पाया गया था. इसका शरीर से बाहर जाना संभव नहीं था.’ नरसिंह ने दावा किया है कि उसके विरोधियों ने उसके फूड सप्लीमेंट्स और खाने में इसे मिलाया. उसके फूड सप्लीमेंट्स हालांकि टेस्ट में साफ पाये गए.
* नरसिंह ने लगाया साजिश का आरोप
डोपिंग में फंसे नरसिंह यादव ने इस प्रकरण में सीबीआई जांच की मांग की थी, उन्होंने आरोप लगाया कि उनका रियो का सपना तोड़ने के लिये यह साजिश रची गयी. नरसिंह ने कहा, ‘‘इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए. मेरे चयन से संबंधित पूरा प्रकरण अदालत में हुआ था. एक सीआईडी रिपोर्ट भी थी कि मेरी जिंदगी खतरे में है. इससे स्पष्ट होता है कि मुझे फंसाया गया है ताकि मैं रियो जाने से रुक जाउं. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपनी शिकायत महासंघ को दे दी है जिसमें मैंने स्पष्ट किया है कि कुछ चीज मेरे भोजन में डाली गयी होगी जिसे मैस में तैयार किया गया था. यह मेरे खिलाफ साजिश है. ‘
* नरसिंह की शिकायत पर सोनीपत में एफआईआर दर्ज
नरसिंह यादव डोप प्रकरण में कथित साजिश के मामले ने नया मोड़ तब आया था जब नरसिंह ने दो पहलवानों पर उनके खाने में प्रतिबंधित स्टेरायड मिलाने का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. नरसिंह ने सोनीपत थाने में एफआईआर दर्ज कराई जिसमें दो साथी पहलवानों के नाम हैं जिनमें से एक 17 बरस का है.नरसिंह यादव की शिकायत पर सोनीपत में आईपीसी की धारा 328 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया गया था.
* साई की भूमिका पर संदेह
नरसिंह यादव के डोपिंग प्रकरण मामले में साई की भूमिका पर भी संदेह जताया गया था. पहलवान ने खुद को फंसाने के लिये की गयी ‘साजिश’ में साई अधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया था. नरसिंह यादव ने 19 जुलाई को डब्ल्यूएफआई को लिखित में शिकायत दर्ज की, जिसमें उन्होंने साई के एक अधिकारी के नाम का जिक्र किया है और खिलाडियों समेत कुछ अन्य के खिलाफ भी आरोप लगाये हैं. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘एक महीने के समय में नरसिंह के तीन डोप परीक्षण कराये गये और इससे काफी संदेह उठता है. साथ ही उसके साथ कमरे में रहने वाला साथी संदीप यादव भी इसी प्रतिबंधित पदार्थ के लिए पाजीटिव पाया गया है. ‘
* नरसिंह को मिला संघ का साथ
साई सेंटर सोनीपत में नरसिंह यादव के कमरे में रहने वाले संदीप यादव के भी डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद डब्ल्यूएफआई ने कहा कि इससे शक पक्का हो गया है कि इसमें कोई साजिश हुई है. भारतीय कुश्ती महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा ,‘‘ शिविर में नरसिंह के रुममेट को भी उसी पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया जिससे साफ पता चलता है कि यह साजिश है. दोनों पहलवान रुममेट होने के कारण एक ही सप्लीमेंट्स ले रहे थे.’
* आत्महत्या करने का मन बना चुके थे नरसिंह
डोपिंग प्रकरण में फंसने के बाद पहलवान नरसिंह यादव बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करने की कोशिश की थी. इसका खुलासा उनके एक करीबी मित्र ने किया था. नरसिंह के मित्र ने कहा, जिस दिन डोप टेस्ट में नाकाम होने की खबर सामने आयी थी वो बुरी तरह से टूट चुका था. बदनामी से बचने के लिए वो आत्महत्या करना चाहता था. नरसिंह के मित्र ने कहा, वो लड़ाका है, देश और अपने परिवार के सम्मान लिए वो कुछ भी कर सकता है. उसने अब तक जो भी हासिल किया है वो बिना डोप के हासिल किया है और इसका उसे गर्व है.
* बैन के बाद यादव ने कहा था बेगुनाही साबित करेंगे
ओलंपिक में खेलने पर रोक लगने के साथ ही चार साल के बैन लगने के बाद यादव ने अपनी बेगुनाही साहित करने की बात कही थी. उन्होंने कहा था कि खेल पंचाट के फैसले से मैं टूट चुका हूं. पिछले दो महीनों में मैंने बहुत कुछ झेला है लेकिन देश के गौरव लिए खेलने की सोच ने मेरा हौसला बनाये रखा. मेरे पहले बाउट से 12 घंटे पहले रियो ओलंपिक में खेलने और देश के लिए पदक जीतने का मेरा सपना क्रूरता से तोड़ दिया गया.’ उन्होंने कहा, अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए मैं सबकुछ करुंगा. मेरे पास लड़ने की अब यही वजह है.’
* वाडा मामने के लिए तैयार नहीं था कि नरसिंह के खिलाफ साजिश हुई
विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने ओलंपिक शुरू होने से तीन दिन पहले रियो में खेल पंचाट के तदर्थ संभाग में नरसिंह को नाडा से मिली क्लीन चिट को चुनौती दी थी. खेल पंचाट ने चार घंटे तक चली सुनवाई के बाद जारी बयान में कहा था कि, ‘‘संबंधित पक्षों को सूचित किया जाता है कि अपील स्वीकार कर ली गई है और नरसिंह यादव पर चार साल का प्रतिबंध लगाया जाता है.
खेल पंचाट की समिति यह मानने को तैयार नहीं है कि वह साजिश का शिकार हुए हैं. इसके कोई सबूत नहीं है कि उनकी कोई गलती नहीं थी और डोपिंग निरोधक नियम उन्होंने जान बूझकर नहीं तोड़े. इसीलिए समिति ने उनपर चार साल का प्रतिबंध लगाया.’ नरसिंह का नाम ओलंपिक कार्यक्रम में था और उन्हें क्वालीफिकेशन दौर में फ्रांस के जेलिमखान खादजिएव से खेलना था लेकिन खेल पंचाट के फैसले ने उनकी सारी उम्मीदें तोड़ दीं.
खेल पंचाट ने कहा, ‘‘वाडा ने भारत के नाडा के फैसले के खिलाफ खेल पंचाट के तदर्थ विभाग में आपात याचिका दायर की थी. नरसिंह 25 जून और पांच जुलाई को दो डोप टेस्ट में नाकाम रहे. उन्होंने कहा कि वह साजिश का शिकार हुए हैं. वाडा ने अनुरोध किया कि उनपर चार साल का प्रतिबंध लगाया जाये.’