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मैच रद्द होने के खतरे के बीच कल राजकोट में इंग्लैंड और भारत का मुकाबला

राजकोट : वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार दो श्रृंखला में जीत के साथ आत्मविश्वास से भरी दुनिया की नंबर एक भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ कल से यहां शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला में प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी. लेकिन फंड रिलीज करने के मामले को लेकर बीसीसीआई […]

राजकोट : वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड के खिलाफ लगातार दो श्रृंखला में जीत के साथ आत्मविश्वास से भरी दुनिया की नंबर एक भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ कल से यहां शुरू हो रही पांच मैचों की टेस्ट क्रिकेट श्रृंखला में प्रबल दावेदार के रूप में शुरुआत करेगी. लेकिन फंड रिलीज करने के मामले को लेकर बीसीसीआई आज सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है, उसका कहना है कि अगर लोढ़ा समिति रियायत नहीं देती है, तो कल का भारत-इंग्लैंड मैच रद्द भी हो सकता है.

यह श्रृंखला पिछले तीन दशक में भारतीय सरजमीं पर पांच टेस्ट की पहली श्रृंखला होगी और पहले टेस्ट के साथ टेस्ट केंद्र के रूप में राजकोट का पदार्पण होगा. दुनिया की नंबर एक टीम भारत और पिछली बार उसे चार साल पहले घरेलू सरजमीं पर हराने वाले इंग्लैंड के बीच कडा मुकाबला होने की उम्मीद है.

इंग्लैंड ने 2012 में पहला मैच गंवाने के बाद वापसी करते हुए चार टेस्ट की श्रृंखला 2-1 से जीती थी. इंग्लैंड की जीत में तब ग्रीम स्वान और मोंटी पनेसर की बेहतर स्पिन जोडी ने अहम भूमिका निभाई थी लेकिन इस दौरे पर दोनों ही टीम का हिस्सा नहीं हैं. मौजूदा कप्तान एलिस्टेयर कुक और विवादास्पद बल्लेबाज केविन पीटरसन ने तब शानदार बल्लेबाजी की थी. पीटरसन अब इंग्लैंड टीम का हिस्सा नहीं हैं.

भारत के मौजूदा टेस्ट कप्तान विराट कोहली चार साल पहले इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सरजमीं पर और फिर इंग्लैंड में पांच मैचों की श्रृंखला में 3-1 से शिकस्त झेलने वाली टीम इंडिया का हिस्सा थे और उन्होंने इन दोनों श्रृंखलाओं के दौरान मिले कडे सबक को भुलाया नहीं होगा.
इंग्लैंड की टीम हालांकि इस बार यहां बांग्लादेश में दो टेस्ट की श्रृंखला 1-1 से बराबर करके आई है जहां उसे मेजबान टीम के खिलाफ पहली बार टेस्ट मैच में शिकस्त का सामना भी करना पडा.

इसके अलावा लगभग एक हफ्ते पहले भारत पहुंचने वाले इंग्लैंड ने दौरे पर कोई अभ्यास मैच नहीं खेला है. टीम के सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज जेम्स एंडरसन भी कंधे की चोट से पूरी तरह नहीं उबरे हैं और कम से कम पहले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे.

कुक और अपना 100वां टेस्ट खेलने वाले आलराउंडर स्टुअर्ट ब्राड दोनों ने कहा है कि आक्रामक शैली में अगुआई करने वाले कोहली की कप्तानी में खेलने वाली भारतीय टीम के खिलाफ वे ‘अंडरडाग’ के रूप में शुरुआत करेंगे. कोहली की नजरें भी इंग्लैंड के खिलाफ बल्ले से अपने खराब रिकार्ड में सुधार करने पर टिकी होंगी.

भारतीय टीम का हालांकि इंग्लैंड को लेकर चिंतित होना लाजमी है. कोच अनिल कुंबले चाहते हैं कि टीम रणनीति को उसी तरह अमलीजामा पहनाए जैसा उन्होंने पिछली श्रृंखला में न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 की जीत के दौरान किया था.

उप कप्तान अजिंक्य रहाणे ने भी कल कुछ नये चेहरों वाली इंग्लैंड की टीम के खिलाफ आत्ममुग्धता के खतरों के प्रति चेताया था.
यह भारत में पहली टेस्ट श्रृंखला होगी जिसमें अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) का इस्तेमाल किया जाएगा जिसका बीसीसीआई अब तक विरोध करता रहा है.

आठ साल पहले श्रीलंका में एकमात्र श्रृंखला में डीआरएस की मौजूदगी में खेलने वाला भारत इस प्रणाली को लेकर रणनीति बना रहा है.
कोलकाता में 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ शिकस्त के बाद से भारत घरेलू मैदान पर 14 टेस्ट में अजेय रहा है. लोकेश राहुल, शिखर धवन और रोहित शर्मा के चोटिल होने के बावजूद भारत का बल्लेबाजी क्रम मजबूत है.

कोहली एक बार फिर बल्लेबाजी में रहाणे के साथ अगुआई करेंगे. मुरली विजय, टीम में वापसी करने वाले गौतम गंभीर और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम के शीर्ष स्कोरर रहे चेतेश्वर पुजारा से भी टीम को काफी उम्मीदें होंगी. पुजारा यहां अपने घरेलू मैदान पर खेलेंगे. न्यूजीलैंड के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला के दौरान रोहित के चोटिल होने के बाद कर्नाटक के बल्लेबाज करुण नायर या फिर बडौदा के आलराउंडर हार्दिक पंड्या को टेस्ट पदार्पण का मौका मिल सकता है.

सभी की नजरें हालांकि इस मैच के लिए तैयार सौराष्ट्र क्रिकेट संघ स्टेडियम के विकेट पर होंगी. एससीए सचिव निरंजन शाह ने कहा है कि पिच से चौथे दिन से स्पिनरों को मदद मिलेगी. फार्म में चल रहे रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा की मौजूदगी में स्पिन विभाग में भारत का पलडा भारी है.

भारत इस मैच में तीन स्पिनरों के साथ उतर सकता है और ऐसे में लेग स्पिनर अमित मिश्रा को भी मौका मिल सकता है. बीमारी के कारण न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रृंखला से बाहर रहे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा की भी टीम में वापसी हुई है जिससे तेज गेंदबाजी विभाग मजबूत होगा.
अब देखना यह होगा कि तेज गेंदबाजी विभाग में मोहम्मद शमी के साथ उनकी जोडी बनती है या उमेश यादव की. कागजों पर देखा जाए तो भारत के पास इंग्लैंड के खिलाफ पिछली तीन सीरीज में मिली हार का बदला चुकता करने का अच्छा मौका है.

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