विशाखापत्तनम : चेतेश्वर पुजारा अपनी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं और उनका कहना है कि उन्होंने अपनी तकनीक में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन मुख्य कोच अनिल कुंबले की सलाह पर इरादे में निश्चित रुप से बदलाव किया है. भारत के तीसरे नंबर के खिलाड़ी की कैरेबियाई दौरे के दौरान धीमी बल्लेबाजी की काफी आलोचना की गयी थी लेकिन उन्होंने लौटने के बाद जोरदार वापसी करते हुए पांच टेस्ट मैचों में लगातार तीन शतक और साथ ही तीन अर्धशतक जड़े.
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जानें, कुंबले ने ऐसा क्या कह दिया कि पुजारा जड़ रहे हैं शतक पर शतक
विशाखापत्तनम : चेतेश्वर पुजारा अपनी जिंदगी की सर्वश्रेष्ठ फार्म में हैं और उनका कहना है कि उन्होंने अपनी तकनीक में कोई बदलाव नहीं किया है लेकिन मुख्य कोच अनिल कुंबले की सलाह पर इरादे में निश्चित रुप से बदलाव किया है. भारत के तीसरे नंबर के खिलाड़ी की कैरेबियाई दौरे के दौरान धीमी बल्लेबाजी की […]
पुजारा ने कहा, ‘‘जहां तक तकनीक का संबंध है तो मैंने ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया है. यह सिर्फ इच्छा है. न्यूजीलैंड के खिलाफ जिस तरह मैंने शुरुआत की, मैं सैकड़े से करीब से चूक गया. मैंने अनिल भाई से बात की और उन्होंने कहा कि मैं जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहा हूं, उसमें कुछ भी गलत नहीं है. मैं शायद एक ही चीज ‘अपने इरादे’ में सुधार कर सकता हूं और मैंने इसी पर काम किया. ”
पुजारा ने 119 रन की शतकीय पारी खेली और साथ ही कप्तान विराट कोहली (नाबाद 151 रन) के साथ तीसरे विकेट के लिये 226 रन की भागीदारी निभायी. उन्होंने कहा, ‘‘छक्के के साथ शतक पूरा करना मेरे लिये विशेष था. जैसा कि मैंने पहले टेस्ट में अच्छी शुरुआत की थी और घरेलू मैदान पर एक शतक बनाना मेरे लिये विशेष था. मैं अपनी इसी शानदार फार्म को जारी रखकर इसका पूरा फायदा उठाना चाहता था. मैं और विराट लंबी साझेदारी बनाना चाहते थे और यह टीम के लिये अहम भी है. ”
पुजारा ने अपने स्ट्रोक्स खेले और दो छक्के जमाये जिसमें एक मिडविकेट के उपर था. इसकी बदौलत उन्होंने अपना 11वां टेस्ट शतक पूरा किया जबकि कोहली आराम से बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्होंने एक भी छक्का नहीं जड़ा. उन्होंने कप्तान की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘वह (विराट) अपने शाट खेलना चाहता है. मैं हमेशा उनकी बल्लेबाजी का लुत्फ उठाता हूं. वह दबदबा बनाना चाहता है. हम हालात का पूरा फायदा उठाना चाहते थे. मुझे उनके साथ बल्लेबाजी करने में मजा आया. ”
पुजारा पहले सत्र में 22 रन के स्कोर पर दो बार रन आउट होने से बचे. लेकिन उन्होंने माना कि संवाद की कोई कमी नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘‘पहले सत्र में हम एक एक रन को अच्छी तरह नहीं समझ सके. हमने लंच ब्रेक में बात की. अगर आप दूसरा सत्र देखोगे तो हमारी रनिंग पहले से कहीं बेहतर हो गयी थी. लंच टाइम के बाद चीजें बेहतर हो गयीं. ”
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