नयी दिल्ली : विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने भले ही अब तक खेले गये 20 टेस्ट मैचों में से 12 में जीत दर्ज की है लेकिन इसमें ओपनरों का बहुत अधिक योगदान नहीं रहा और आलम यह है कि कुछ खिलाडियों की चोट तो कुछ की खराब फार्म के कारण उनके कप्तानी कार्यकाल में भारत अब तक छह सलामी जोडियां आजमा चुका है.
कोहली को टेस्ट टीम की कप्तानी करते हुए लगभग दो साल हो गये हैं. उन्होंने अब तक 20 टेस्ट मैचों में टीम की कमान संभाली है जिसमें भारत ने 12 में जीत दर्ज की जबकि दो में उसे हार मिली. बाकी छह मैच ड्रा छूटे. इन मैचों में अधिकतर पारियों में भारतीय सलामी जोड़ी टीम को अच्छी शुरुआत देने में नाकाम रही. कोहली की कप्तानी में भारत ने जो 35 पारियां खेली उनमें से सलामी जोड़ी ने केवल एक शतकीय और पांच अर्धशतकीय साझेदारियां निभायी. इनमें से मुरली विजय ने सर्वाधिक 27 पारियों में पारी का आगाज किया और इसलिए उन्होंने 40.73 की औसत से इस बीच 1059 रन भी बनाये.
विजय ने सर्वाधिक 13 पारियों में शिखर धवन के साथ पारी की शुरुआत की लेकिन ये दोनों एक दो अवसरों को छोड़कर अधिकतर अवसरों पर टीम को अपेक्षित शुरुआत देने में नाकाम रहे. धवन और विजय ने बांग्लादेश के खिलाफ फतुल्लाह में पहले विकेट के लिये 283 रन जोड़े थे. इसके अलावा उन्होंने दो अर्धशतकीय साझेदारियां भी निभायी. इन सबके बावजूद इन दोनों ने एक साथ में केवल 537 रन ही बनाये हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि बाकी दस पारियों में वे टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दे पाये. धवन ने इस बीच 18 पारियों में पारी की शुरुआत की और उन्होंने 39.70 की औसत से 675 रन बनाये लेकिन चोट और खराब फार्म के कारण वह फिलहाल टीम से बाहर चल रहे हैं.
विजय और धवन के अलावा केएल राहुल पर कोहली ने सलामी बल्लेबाज के रुप में काफी भरोसा दिखाया लेकिन कर्नाटक का यह युवा ओपनर चोटों से जूझता रहा जिसके कारण वह इस दौरान केवल 15 पारियों में ही पारी की शुरुआत कर पाये. इनमें राहुल ने 37.80 की औसत से 158 रन बनाये.
राहुल ने विजय के साथ आठ पारियों में पारी की शुरुआत की लेकिन इसमें ये दोनों मिलकर 171 रन ही जोड़ पाये और इस बीच केवल एक अर्धशतकीय साझेदारी निभायी गयी. इसके अलावा राहुल ने धवन के साथ भी पांच पारियों में पारी का आगाज किया लेकिन इन दोनों के बीच भी एक अर्धशतकीय साझेदारी ही बनी. राहुल ने दो पारियों में चेतेश्वर पुजारा के साथ भी पारी की शुरुआत की लेकिन इन दोनों पारियों में वह नहीं चल पाये थे.
धवन और राहुल के चोटिल होने के कारण गौतम गंभीर को टीम में वापसी का मौका मिला लेकिन उन्होंने इस बीच जो चार पारियां खेली उनमें खास प्रदर्शन नहीं कर पाये. गंभीर ने विजय के साथ पारी की शुरुआत की और इन दोनों के बीच इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट में पहले टेस्ट मैच की पहली पारी में 68 रन की साझेदारी के अलावा कोई उल्लेखनीय साझेदारी नहीं निभायी गयी. मोहाली में विजय के साथ पार्थिव पटेल ने पारी की शुरुआत की लेकिन दोनों पारियों में वे टीम को अच्छी शुरुआत नहीं दिला पाये. विजय इन दोनों पारियों में नहीं चले लेकिन पार्थिव ने अच्छी बल्लेबाजी की जिससे कोहली अब उन्हें न सिर्फ विकेटकीपर बल्कि सलामी बल्लेबाज के विकल्प के रुप में भी देख रहे हैं.