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”करुण, जयंत की सफलता में विराट, अनिल की अहम भूमिका”
नयी दिल्ली : भारत ए और अंडर-19 मुख्य कोच राहुल द्रविड ने ऐसा माहौल तैयार करने के लिये आज टेस्ट कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच अनिल कुंबले की तारीफ की जिसमें युवा खिलाड़ी सहज महसूस कर रहे हैं. द्रविड का मानना है कि भारतीय ए टीम से खेल चुके करुण नायर और जयंत यादव […]
नयी दिल्ली : भारत ए और अंडर-19 मुख्य कोच राहुल द्रविड ने ऐसा माहौल तैयार करने के लिये आज टेस्ट कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच अनिल कुंबले की तारीफ की जिसमें युवा खिलाड़ी सहज महसूस कर रहे हैं. द्रविड का मानना है कि भारतीय ए टीम से खेल चुके करुण नायर और जयंत यादव सिर्फ इसलिये सफल हुए हैं क्योंकि इसके लिये एक ‘प्रक्रिया’ बनायी गयी है. द्रविड ने आज ‘बीसीसीआई डाट टीवी’ से कहा, ‘‘यह देखना शानदार है कि ये खिलाड़ी ‘ए’ टीम और घरेलू प्रदर्शन के बाद यहां पहुंचे हैं.
मुझे लगता है कि राष्ट्रीय स्तर के ढांचे में जो माहौल बनाया गया है, उससे ही ऐसा हुआ है. वे सहज महसूस कर रहे हैं और अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसका श्रेय विराट और अनिल को जाता है जिन्होंने यह माहौल बनाया और जैसा राष्ट्रीय स्तर पर कर रहे हैं. इसलिये हम परिणाम देख रहे हैं, इस प्रक्रिया का हिस्सा होना शानदार है. ” द्रविड करुण नायर को ‘ए’ टीम, दिल्ली डेयरडेविल्स और राजस्थान रायल्स में खेलते देख चुके हैं, जिनकी सफलता पर उन्हें गर्व है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह शानदार है. उसे पहला (टेस्ट) शतक बनाते हुए देखना और फिर इसे तिहरे शतक में तब्दील करते हुए देखना शानदार है. मुझे लगता है कि इससे सिर्फ उसकी काबिलियत का ही पता नहीं चलता लेकिन उसकी भूख और इच्छा का भी पता चलता है. यह सचमुच अहम है. यह अच्छा है और मैं भारतीय क्रिकेट के लिये खुश हूं. युवा खिलाडियों को आगे बढ़ते हुए देखना हमेशा अच्छा है. उम्मीद है कि वह आगे बढ़े. उसमें काबिलियत है. ”
द्रविड ने कहा, ‘‘करुण, राहुल और जयंत जैसे खिलाडियों को इस दौरे पर देखना अच्छा था. हार्दिक पंड्या को ए टूर से मौका मिला था लेकिन वह नहीं खेल सका क्योंकि वह चोटिल था. ” उन्होंने कहा कि उनका काम ‘ए’ या अंडर-19 टीमों के लिये मैच जीतना और हारने के रुप में परिणाम दिलाने के बजाय राष्ट्रीय टीम के लिये बेहतरीन खिलाड़ी मुहैया कराना है.
द्रविड ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि अंडर-19 और ए टीमें परिणाम के लिये हैं. हां, हम परिणाम हासिल करना चाहते हैं लेकिन यह युवा खिलाडियों के विकास और उन्हें मौका देने के बारे में ज्यादा है. कोचिंग उन्हें बतौर खिलाड़ी तैयार करने के लिये नहीं है बल्कि उन्हें ऐसे लोगों के रुप में तैयार करने के लिये है कि वे बेहतरीन कैरियर और जिंदगी बना सकें. ”
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