नयी दिल्ली : भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली का मानना है कि प्रत्येक खिलाडी की कुछ कमजोरियां होती हैं लेकिन जो इन पर सफलतापूर्वक काम करता है वह एक शीर्ष स्तर के क्रिकेटर से जिस तरह की निरंतरता की उम्मीद की जाती है, उसे हासिल कर सकता है. कोहली ने 2016 में टेस्ट क्रिकेट में 1215 रन और सभी तरह के प्रारुपों में 2500 से अधिक रन बनाये.
उन्होंने हर प्रारुप में भारत की तरफ से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और भारतीय टेस्ट कप्तान का मानना है कि यह अपने खेल को बेहतर समझने से जुड़ा है. उन्होंने ईसीबी.सीओ.यूके के साथ बातचीत में कहा, ‘यह मेरा अपने खेल को पहले की तुलना में अधिक बेहतर समझने से जुडा है. मेरे पास जो कौशल है उसमें मैं खुश हूं.मैं अपने कमजोर और मजबूत पक्षों को अच्छी तरह से जानता हूं.’
कोहली ने कहा, ‘यह उचित संतुलन हासिल करने से भी जुडा है. लोग किसी तरह की कमजोरी नहीं होने की बात करते हैं और यह गलत है. प्रत्येक की कुछ कमजोरियां होती हैं तथा निरंतरता कुछ नहीं बल्कि इन कमजोरियों से पार पाना और टेस्ट क्रिकेट में अपने खेल के अनुरुप रन बनाने की क्षमता हासिल करना है.’ कोहली ने रीयाल मैड्रिड के सुपरस्टार क्रिस्टियानो रोनाल्डो से प्रेरणा ली है जिनकी कार्यशैली का वह अनुसरण करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैंने क्रिस्टियानो रोनाल्डो से काफी प्रेरणा ली. जिस तरह से वह पिछले कई वर्षों से शीर्ष पर काबिज है उसका कारण केवल कडी मेहनत है. मैंने सुना है कि वह दुनिया में सबसे कडी मेहनत करने वाला फुटबालर है और इसलिए वह उस स्थान पर है. मेसी जीनियस है लेकिन यह खिलाडी (रोनाल्डो) अपनी कड़ी मेहनत के कारण उसे जबर्दस्त चुनौती देता है.’
कोहली ने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने का दबाव ऐसा है जिसे सभी को गले लगाना चाहिए क्योंकि कोई इससे भाग नहीं सकता है. उन्होंने कहा, ‘यह इससे जुडा है कि आप उस स्थिति को कैसे देखते हैं. यह उसी तरह से है जबकि आप बल्लेबाजी के लिये जाते हैं. आप या तो अपने पीछे चार स्लिप देखते हो या फिर आप केवल सीमा रेखा को देखते हो.’
कोहली ने कहा, ‘जहां तक बाहरी दबाव की बात है तो मैंने इससे भागने के बजाय इसका लुत्फ उठाना शुरु कर दिया है क्योंकि यदि मैं इससे भागता हूं तो यह वापस मुझे जकड लेगा और मुझे उस स्थिति में पहुंचा देगा जिसकी मैं कल्पना भी नहीं कर सकता हूं. इसलिए मैं इसके साथ ही आगे बढता हूं और इससे पार पाने के उपाय ढूंढता हूं. ‘