नयी दिल्ली : बीसीसीआई के विद्रोही तेवरों के प्रति कड़ा रवैया अपनाते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज उसके अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को उनके पदों से हटा दिया. साथ ही दोनों के कार्य को तत्काल प्रभाव से बंद कर देने का आदेश सुनाया.
ठाकुर और शिर्के को बोर्ड से हटाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि नये प्रशासक के बीसीसीआई का कामकाज संभालने तक अध्यक्ष का कामकाज बोर्ड का सबसे वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सचिव का काम वर्तमान संयुक्त सचिव संभालेगा. इस समय गोकाराजू गंगराजू सबसे सीनियर उपाध्यक्ष हैं और अमिताभ ठाकुर वर्तमान संयुक्त सचिव के पद पर कार्य कर रहे हैं. वैसे में गंगराजू बीसीसीआई अध्यक्ष और चौधरी सचिव का कार्यभार संभालेंगे.
* कोर्ट ने ठाकुर को लताड़ा
शीर्ष अदालत ने आज बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से बर्खास्त अनुराग ठाकुर पर सख्त तेवर अपनाते हुए जमकर लताड़ लगायी. कोर्ट ने ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का फैसला लिया. कोर्ट ने उनसे जवाब मांगा गया कि बीसीसीआई में सुधार लागू करने के अदालत के निर्देशों के क्रियान्वयन में बाधा पहुंचाने के लिये आखिर क्यों न उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.
* बीसीसीआई के कामकाज को प्रशासकों की एक समिति देखेगी
मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि बीसीसीआई के कामकाज को प्रशासकों की एक समिति देखेगी और उसने वरिष्ठ अधिवक्ता फाली एस नरिमन और इस मामले में न्यायमित्र के रुप में सहायता कर रहे गोपाल सुब्रहमण्यम से प्रशासकों की समिति में ईमानदार व्यक्तियों को सदस्यों के रुप में नामित करने में अदालत की मदद करने का आग्रह किया.
इस पीठ में न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और डी वाई चंद्रचूड भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि नरिमन और सुब्रहमण्यम दो सप्ताह में अपना काम पूरा करेंगे तथा प्रशासकों की समिति में व्यक्तियों के नामांकन के लिये निर्देश जारी करने संबंधी मसला अदालत 19 जनवरी को लाया जाएगा.