रांची : मैच में विपरीत परिस्थितियों में शांत रहनेवाले महेंद्र सिंह धौनी ने एक बार फिर अपने फैसले से सबको चौंकाते हुए चार जनवरी को वनडे और टी-20 की कप्तानी छोड़ दी. धौनी ने अचानक इतना बड़ा फैसला क्यों लिया, इस बारे में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बिहार (बीसीए) के सचिव आदित्य वर्मा ने खुलासा किया है. आदित्य वर्मा के अनुसार धौनी ने अमिताभ चौधरी (तब बीसीसीआइ के जॉइंट सेक्रेटरी) के दबाव में टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ने का मन बनाया.
आदित्य वर्मा ने बताया कि अमिताभ चौधरी चाहते थे कि धौनी इस रणजी ट्रॉफी के वर्तमान सत्र का सेमीफाइनल मैच खेलें, जो झारखंड और गुजरात के बीच नागपुर (एक से पांच जनवरी) में खेला गया. वहीं धौनी ने मैच खेलने से इनकार कर दिया, क्योंकि वह टेस्ट क्रिकेट से पहले ही संन्यास ले चुके हैं और रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल मुकाबला भी पांच दिवसीय था. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचने वाली झारखंड टीम मैच हार गयी.
चूंकि धौनी इस सत्र में झारखंड रणजी टीम के मेंटर थे और सेमीफाइनल मैच के दौरान नागपुर में टीम के साथ मौजूद थे और लगातार खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहे थे. इसके बावजूद टीम को हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद नाराज अमिताभ चौधरी ने मैच हारने की पूरी जिम्मेवारी धौनी पर डाल दी और इसी दबाव में धौनी ने कप्तानी छोड़ दी.