हैदराबाद : पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन पर लगे मैच फिक्सिंग का दाग अब भी उनके दामन पर लगे हुए हैं. इससे उनका पीछा नहीं छूट रहा है. रह रह कर उन्हें अपना अतित परेशान कर रहा है. भले ही उन्हें इस मामले पर कोर्ट से क्लीन चीट मिल गयी है, लेकिन फिर भी उन्हें कई जगहों पर सफाई देनी पड़ती है.
ऐसा ही मामला हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) अध्यक्ष पद के लिये भरे गये नामांकन पत्रों के साथ भी हुआ है. अजहर ने एचसीए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन फॉर्म भरा था, लेकिन उनके नामांकन को इसलिए नामंजूर कर दिया गया है क्योंकि उनपर मैच फिक्सिंग का गंभीर आरोप लगा था.
एचसीए सूत्रों ने बताया कि अजहर का आवेदन निर्वाचन अधिकारी के राजीव रेड्डी ने नामंजूर कर दिया क्योंकि उन्हें यह पक्का पता नहीं था कि बीसीसीआई ने उन पर मैच फिक्सिंग के लिये लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया है या नहीं और वह एचसीए के मतदाता हैं या नहीं. सूत्रों ने कहा, ‘‘उनका (अजहर) नामांकन पत्र निर्वाचन अधिकारी ने जांच के बाद नामंजूर कर दिया.
* बीसीसीआई ने अजहर पर प्रतिबंध हटाया गया या नहीं इस पर नहीं दिया कोई जवाब
पीठासीन अधिकारी ने बीसीसीआई को लिखा था कि क्या उन पर मैच फिक्सिंग के लिये लगाया गया प्रतिबंध हटा दिया गया है या नहीं. बीसीसीआई ने इसका जवाब नहीं दिया. ‘ एक अन्य सूत्र ने हालांकि कहा कि निर्वाचन अधिकारी को बीसीसीआई के बजाय लोझ़ा समिति को लिखना चाहिए था. इसके अलावा यह भी मसला है कि अजहर एचसीए के मतदाता हैं या नहीं.
* नामांकन रद्द किये जाने से अजहर दुखी और निराश
अजहर से जब उनका नामांकन रद्द किये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं दुखी और निराश हूं. मुझे अदालत ने सभी आरोपों से बरी कर रखा है. ‘ अजहरुद्दीन ने इस सप्ताह के शुरू में एचसीए के शीर्ष पद के लिये नामांकन भरा था.
* साल 2000 में अजहरुद्दीन पर लगा था मैच फिक्सिंग का गंभीर आरोप
टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तानों और खिलाडियों में शामिल मोहम्मद अजहरुद्दीन के क्रिकेट कैरियर में उस समय सबसे बड़ा भूचाल आया था जब वो अपने अच्छे फॉर्म से गुजर रहे थे. साल 2000 में उनके ऊपर मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगे. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोनिये ने आरोप लगाया था कि उनसे एक मैच फिक्सर की मुलाकात अजहर ने करायी थी.
इसके बाद जांच के बाद उनपर आईसीसी और बीसीसीआई ने बैन लगा दिया था. हालांकि आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट ने उनके ऊपर लगे आजीवन प्रतिबंध को खारिज करते हुए उन्हें क्लीन चीट दे दिया. ज्ञात हो अजहर की कप्तानी में भारतीय टीम शानदार प्रदर्शन किया. उन्होंने 1990 से 1999 तक भारतीय टेस्ट और वनडे टीम की कप्तानी की थी.