इन पांच कारणों से भारत को मिली शर्मनाक हार

पुणे : स्टीव ओकीफी और नाथन लियोन की फिरकी के जादू से ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में भी भारत को सिर्फ 107 रन पर समेटकर तीसरे ही दिन पहला क्रिकेट टेस्ट 333 रन से जीतकर चार मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली. ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ ही भारत के लगातार 19 मैचों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 25, 2017 4:04 PM

पुणे : स्टीव ओकीफी और नाथन लियोन की फिरकी के जादू से ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में भी भारत को सिर्फ 107 रन पर समेटकर तीसरे ही दिन पहला क्रिकेट टेस्ट 333 रन से जीतकर चार मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली.

ऑस्ट्रेलिया ने इसके साथ ही भारत के लगातार 19 मैचों के अजेय अभियान को भी थाम दिया और साथ ही 20 टेस्ट बाद मेजबान टीम को उसके मैदान पर हार का स्वाद चखाया. पहली पारी में 35 रन देकर छह विकेट चटकाने वाले बायें हाथ के स्पिनर ओकीफी ने दूसरी पारी में भी 35 रन देकर छह विकेट चटकाए. जबकि आफ स्पिनर लियोन ने 53 रन देकर चार विकेट हासिल किए जिससे भारतीय टीम 441 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सिर्फ 33.5 ओवर में 107 रन पर पवेलियन लौट गई. भारत की इस शर्मनाक हार के पीछे कई कारण हैं, लेकिन आइये पांच बड़े कारणों के बारे में जानते हैं.
1. ऑस्‍ट्रेलिया बना टॉस का बॉस – पहले टेस्‍ट मैच में कंगारुओं ने भारत को बड़े अंतर से मात दे‍ दिया और श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बना ली है. भारत की इस शर्मनाक हार के पीछे सबसे बड़ी वजह टॉस हारना रहा है. पुणे की पिच जैसी थी उसमें पहले बल्‍लेबाजी करने वाले को पिच से काफी मदद मिली. ऑस्‍ट्रेलिया ने इसका बखुबी लाभ उठाया. हालांकि टेस्‍ट मैच की तुलना में ऑस्‍ट्रेलियाई टीम ने भी कुछ बड़ा स्‍कोर नहीं खड़ा किया था, लेकिन जैसा पिच का मिजाज था 260 रन का स्‍कोर भी काफी बड़ा साबित हुआ.
2. भारतीय बल्‍लेबाजी का शर्मनाक प्रदर्शन – भारत की हार के लिए बल्‍लेबाजों की भी अहम भूमिका रही है. दोनों ही पारियों में भारतीय बल्‍लेबाज अपना शर्मनाक प्रदर्शन दिखाया. गेंदबाजों ने तो अपना काम सही तरीके से किया, लेकिन बल्‍लेबाजों ने दूसरे दिन से ही हार की नींव रख दी थी. भारत ने पहली पारी में केवल 105 रन ही बनाये. शानदार फॉर्म में चल रहे कप्‍तान विराट कोहली ने दोनों ही पारियों में निराश किया और पहली पारी में शून्‍य और दूसरी पारी में मात्र 13 रन बनाये.
ऑस्‍ट्रेलियाई गेंदबाजी आक्रमण के आगे भारतीय बल्‍लेबाजी पूरी तरह से ध्वस्‍त हो गयी. न तो ऑपनर अपना प्रभाव छोड़ पाये और न ही मध्‍यक्रम के बल्‍लेबाजों ने और नहीं पूछल्‍ले बल्‍लेबाजों ने. मैच में ऐसा कभी नहीं लगा कि वही भारतीय टीम है जिसने इंग्‍लैंड को टेस्‍ट में 4-0 से व वनडे और टी-20 में 2-1 से रौंदकर तहलका मचा दिया था. एक बार फिर ऑस्‍ट्रेलियाई टीम भारत पर अपनी धाक कायम रखने में कामयाब रही.
3. ऑस्‍ट्रेलियाई स्पिनर स्टीव ओकीफी और नाथन लियोन की घातक गेंदबाजी – पुणे की पिच स्पिनरों के लिए काफी मददगार साबित हुई, लेकिन भारतीय स्पिनरों की तुलना में ऑस्‍ट्रेलियाई स्पिनर कमाल दिखाने में कामयाब रहे. स्पिनर स्‍टीव ओकीफी और नाथन लियोन ने दोनों ही पारियों में घातक गेंदबाजी की और भारत को हारने पर मजबूर कर दिया.
स्‍टीव ओकीफी ने पहली पारी में 6 और दूसरी पारी में 6 विकेट लिये. वहीं नाथन लियोन ने पहली पारी में एक और दूसरी पारी में 4 भारतीय बल्‍लेबाजों को पवेलियन का रास्‍ता दिखाया. हालांकि भारतीय स्पिनरों ने भी अपना काम बखुबी निभाया, लेकिन उनका साथ बल्‍लेबाजों ने नहीं दिया.
4. ऑस्‍ट्रेलिया की अच्‍छी बल्‍लेबाजी – भारत की हार के लिए ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाजी की भी बड़ी भूमिका रही. कंगारुओं ने दोनो ही पारी में शानदार बल्‍लेबाजी का नजारा पेश किया. पहली पारी में मैट रेंशाव ने 68 रनों की और मिशेल स्टार्क की 61 रनों की पारी ने ऑस्‍ट्रेलिया को अच्‍छी शुरुआत दिलायी. दूसरी पारी में स्टीवन स्मिथ ने कप्‍तानी पारी खेली और 109 रनों की शानदार पारी खेली और अपना 18वां टेस्ट शतक जड़ा. तेज टर्न और उछाल के बीच स्मिथ की यह पारी भारतीय सरजमीं पर किसी विदेशी बल्लेबाज की सर्वश्रेष्ठ पारियों में से एक है. यह भारत के खिलाफ पिछले पांच टेस्ट में उनका लगातार पांचवां शतक है.
5. विराट कोहली का फ्लॉप शो – भारत की हार के लिए सबसे बड़ी वजह कप्‍तान विराट कोहली का खराब प्रदर्शन रहा है. इस मैच से पहले विराट कोहली ने कई रिकॉर्ड अपने नाम किये. उन्‍होंने लगातार चार सीरीज में चार दोहरा शतक जमाकर तहलका मचा दिया. इंग्‍लैंड के खिलाफ कोहली ने पांच मैचों की टेस्‍ट श्रृंखला में एक शतक और एक दोहरे शतक की मदद से कुल 655 रन बनाये थे. लेकिन ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ उनका बल्‍ला जैसे रूठ गया और दोनों ही पारी में निराश किया. पहली पारी में शून्‍य पर और दूसरी पारी में 13 रन पर आउट हो गये. कोहली का दोनों ही पारियों में न चलना भारत के लिए बड़ी मुसिबत बन गयी और भारत को हार का सामना करना पड़ा.

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