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#RanchiTest : टॉस का फायदा ले गयी स्मिथ-मैक्सवेल की जोड़ी

-अनुज कुमार सिन्हा- ऐसा कहा जा रहा था कि जेएससीए (रांची) का विकेट पहले दिन से ही स्पिनर का साथ देगा, बल्लेबाजी कठिन होगी, गेंद बहुत ज्यादा टर्न करेगी, लो रहेगी, लेकिन पहले दिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. सब आकलन अभी तक गलत निकला. पुणे और बेंगलुरू की तुलना में रांची का यह […]

-अनुज कुमार सिन्हा-

ऐसा कहा जा रहा था कि जेएससीए (रांची) का विकेट पहले दिन से ही स्पिनर का साथ देगा, बल्लेबाजी कठिन होगी, गेंद बहुत ज्यादा टर्न करेगी, लो रहेगी, लेकिन पहले दिन ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. सब आकलन अभी तक गलत निकला. पुणे और बेंगलुरू की तुलना में रांची का यह विकेट बेहतर दिख रहा है. दूसरे-तीसरे दिन जो होना होगा, होगा. लेकिन पहले दिन का फायदा ले गया अॉस्ट्रेलिया. अच्छा खासा रन बना कर सुरक्षित स्थिति की ओर जा रहा है.

टॉस निर्णायक था और इसमें अॉस्ट्रेलिया के कप्तान स्मिथ भाग्यशाली रहे. टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय लिया. यही सही फैसला भी था. पहले दिन का खेल जब समाप्त हुआ तब तक अॉस्ट्रेलिया अच्छी स्थिति में पहुंच चुका था. 299 रन, सिर्फ चार विकेट खोकर. भले ही वार्नर और रेनशॉ ने पहले विकेट के लिए 50 रनों की तेज और ठोस शुरुआत की थी लेकिन उसके बाद विकेट का पतन आरंभ हुआ, लगा कि शायद अॉस्ट्रेलिया बड़ा स्कोर खड़ा नहीं कर सके, टॉस का फायदा नहीं ले सके, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. एक समय 140 रन पर चार विकेट गंवा देने के कारण अॉस्ट्रेलिया की टीम थोड़े देर के लिए दबाव में आ गयी थी. पारी को फिर संभाला कप्तान स्मिथ ने. साथ दिया मैक्सवेल ने. इस सीरीज में पहली बार टीम में शामिल मैक्सवेल ने अपने चयन को सही साबित किया.

अपने स्वभाव के विपरीत धैर्य की पारी खेली. जब मौका मिला, छक्का भी जड़ा. अर्द्धशतक जमाया. उधर दीवार की तरह स्मिथ जमे रहे, सीरीज का दूसरा शतक जमाया. उनका साथ दिया मैक्सवेल ने. कोहली के साथ हुए विवाद के कारण स्मिथ मानसिक तौर पर परेशान जरूर थे, टॉस के दौरान भी चेहरे के भाव से ऐसा ही लग रहा था लेकिन स्मिथ के खेल से ऐसा नहीं लगा. बल्ला से जवाब दिया और भारतीय गेंदबाजों को हावी होने नहीं दिया. अश्विन और जडेजा को भी आराम से खेला.

भारत के लिए चिंता बढ़ती जा रही है क्योंकि चौथी पारी में उसे बल्लेबाजी करनी पड़ेगी. पहले दिन विकेट भले ही बेहतर दिखा लेकिन जैसे-जैसे खेल बढ़ेगा,संभव हो कि वैसे-वैसे बल्लेबाजी थोड़ी मुश्किल होगी. ऐसी स्थिति में अॉस्ट्रेलिया अगर पहली पारी में बड़ा स्कोर खड़ा कर अच्छी लीड ले लेता है तो भारत परेशानी में पड़ सकता है. ऐसा दिखने लगा है. अगर इस सीरीज को देखा जाये तो तीनों टेस्ट में पहले दिन सबसे कम विकेट इसी टेस्ट में गिरे हैं. पहले दिन सबसे ज्यादा रन भी इसी टेस्ट में बना है. 299 रन. यह बता रहा है कि धैर्य से खेलने से इस विकेट पर (आउट फील्ड काफी तेज है) जमने के बाद रन बनाया जा सकता है.

यही तो स्मिथ और मैक्सवेल ने किया. पहले जमा, फिर लगातार शॉट लगाया. याद रखिए, पहले टेस्ट में भारत ने पहले दिन अॉस्ट्रेलिया के 256 रन पर नौ विकेट गिराये थे. इसमें छह विकेट स्पिनर के थे. दूसरे टेस्ट में अॉस्ट्रेलियाइ स्पिनर लियोन ने पहले ही दिन कमाल कर दिया था,उसने अकेले आठ विकेट लेकर भारत की पारी को 189 रन पर समेट दिया था. इसके बाद अॉस्ट्रेलिया ने 40 रन भी बनाये थे. यानी कुल 229 रन ही बने थे. रांची के टेस्ट में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है. रन बन रहे हैं पर विकेट नहीं गिर रहे हैं. अश्विन-जडेजा विकेट के लिए तरस रहे हैं. स्मिथ और मैक्सवेल ने पांचवें विकेट के लिए 47.4 ओवर में 159 रन की साझेदारी कर मैच पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है. गजब की धैर्य वाली पारी. स्मिथ 117 नाबाद (गेंद 243) और मैक्सवेल नाबाद 82 रन (गेंद 147). सुबह में भले ही इशांत शर्मा और उमेश यादव ने बेहतरीन गेंदबाजी की लेकिन बाद में उनका भी असर कम होता गया. चार ही गेंदबाज भारतीय टीम में हैं और पांचवें गेंदबाज की कमी भी खल रही है.

भारत के लिए इस टेस्ट में चिंता की एक और बात है. 40वें ओवर में फील्डिंग करते हुए कोहली के कंधे में चोट लगी और उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा. इसका असर भी दिखा. कोहली आक्रामक कप्तान हैं. रहाणे में वह आक्रामकता नहीं दिखी. खास तौर पर जब जडेजा गेंदबाजी करते रहे तो लंबे समय तो नजदीकी फील्डर नहीं रखा गया. रहाणे विकेट लेने के बजाय रन रोकने पर भरोसा करते रहे. कोहली शायद ऐसा नहीं करते. कोहली के खेल पर इस चोट का असर दिखा तो भारत को और भारी पड़ेगा.

पहले दिन का मैच तो खत्म हो गया. अब सारा कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि भारत दूसरे दिन कितनी जल्दी और कितने कम से कम स्कोर पर अॉस्ट्रेलिया को समेट पाता है. उसके बाद शुरू होगा भारतीय बल्लेबाजों का टेस्ट. कोहली का भी टेस्ट. भारतीय बल्लेबाजों को हर हाल में अॉस्ट्रेलिया से पहली पारी में बढ़त लेनी होगी. इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि इस सीरीज में अॉस्ट्रेलिया के स्पिनरों ने भारत की धरती पर अच्छा प्रदर्शन किया है और स्पिन खेलने में माहिर भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया है. सवाल यह है कि जब अश्विन के आगे स्मिथ-मैक्सवेल आराम से खेल सकते हैं तो भारत के बल्लेबाज क्यों नहीं बड़ा स्कोर खड़ा कर सकते.

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