जडेजा-साहा व गेंदबाजों ने बिगाड़ा कंगारुओं का खेल, पढ़ें वरिष्ठ संपादक अनुज सिन्हा को

।। अनुज कुमार सिन्हा ।। कुछ अनहोनी नहीं हुई तो भारत की जीत तय है. सिर्फ 87 रन तो चाहिए, सभी विकेट शेष. आसान सा लक्ष्य पर संभल कर खेलना होगा भारतीय बल्लेबाजों को. मंगलवार सुबह जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे तो भारतीय बल्लेबाजों का सिर फोड़ने का हर प्रयास करेंगे. मैदान में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 28, 2017 8:05 AM

।। अनुज कुमार सिन्हा ।।

कुछ अनहोनी नहीं हुई तो भारत की जीत तय है. सिर्फ 87 रन तो चाहिए, सभी विकेट शेष. आसान सा लक्ष्य पर संभल कर खेलना होगा भारतीय बल्लेबाजों को. मंगलवार सुबह जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे तो भारतीय बल्लेबाजों का सिर फोड़ने का हर प्रयास करेंगे.

मैदान में बाउंसर की भरमार कर सकते हैं, कमेंट कर सकते हैं. ऐसा हर काम करेंगे जिससे भारतीय बल्लेबाजों का धैर्य टूटे. भारत टेस्ट जीतेगा, सीरिज भी. स्मिथ की बोली कल बंद होगी,लेकिन यह सब ऐसे ही नहीं हुआ. दूसरे दिन के खेल समाप्त होने तक दोनों टीमें बराबरी पर थीं. सारा कुछ इस बात पर निर्भर कर रहा था कि तीसरे दिन बचे हुए भारतीय बल्लेबाज कितने रन और जोड़ सकते हैं. लीड ले सकते हैं या नहीं. जडेजा और साहा विकेट पर थे. दोनों ने सातवें विकेट के लिए 96 रन की साझेदारी की.

जडेजा का 63 रन किसी शतक से कम नहीं है. 32 रन की महत्वपूर्ण लीड मिली. इस विकेट पर यह बड़ी लीड थी. इस लीड के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी इसी उम्मीद में होंगे कि चौथी पारी तो भारत को खेलनी है. उन्हें इस बात का यह आभास नहीं था कि ऑस्ट्रेलिया की पारी 137 पर सिमट सकती है. इस विकेट पर चौथी पारी में दो सौ रन बनाना मुश्किल हो सकता था.

असामान्य उछाल पर बल्लेबाजी कठिन तो है ही. भारत अगर दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बना पाया, उसे 137 रन पर रोक दिया तो इसका बड़ा श्रेय स्पिनरों की जगह तेज गेंदबाजों को जाता है. दोनों ओपनरों का उमेश यादव ने पैवेलियन भेजा. भारत के लिए सबसे बड़ा सरदर्द तो स्मिथ है. भुवनेश्वर कुमार ने हालांकि एक ही विकेट लिया लेकिन वह विकेट स्मिथ का था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम उबर नहीं सकी. बाकी का काम जडेजा और अश्विन को करना था, उन्होंने कर दिया.

मैक्सवेल थोड़ा फड़फड़ाये, तेज खेला लेकिन 45 रन बना कर चल दिये. अपना पहला मैच खेल रहे कुलदीप ने तो पहली पारी में ही कमाल दिखा दिया था. दूसरी पारी में अश्विन-जडेजा ने बाकी का काम पूरा कर दिया. मैच पूरे तौर पर भारत के कब्जे में है. ऐसे तौ हारेंगे नहीं लेकिन जब विकेट फेंकने के मूड से उतरेंगे,तब तो कुछ भी हो सकता है. कोहली के बगैर यह जीत मिलनेवाली है.

पूरी टीम की जीत होगी. ऑस्ट्रेलिया की टीम ने रांची में किसी तरह हार को टाल दिया था लेकिन धर्मशाला में अब बचना लगभग असंभव है. मैच चौथे दिन लंच तक या बहुत हुआ तो लंच के आधा घंटा के भीतर खत्म होगा. सीरिज भारत के नाम होगा. सीरिज की शुरुआत शर्मनाक लेकिन इसका शानदार अंत होने जा रहा है.

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