शशांक मनोहर जून 2018 तक बने रहेंगे आइसीसी के चेयरमैन
नयी दिल्ली : आईसीसी चेयरमैन के रुप में शशांक मनोहर के कार्यकाल को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो गई जब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे जो जून 2018 तक होगा. आईसीसी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद पुष्टि करती है कि शशांक मनोहर आईसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन के रुप […]
नयी दिल्ली : आईसीसी चेयरमैन के रुप में शशांक मनोहर के कार्यकाल को लेकर अनिश्चितता समाप्त हो गई जब बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि वह अपना कार्यकाल पूरा करेंगे जो जून 2018 तक होगा. आईसीसी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद पुष्टि करती है कि शशांक मनोहर आईसीसी के स्वतंत्र चेयरमैन के रुप में अपने कार्यकाल के अंत तक काम करना जारी रखेंगे जो जून 2018 तक है.”
पिछले साल मार्च में मनोहर ने ‘निजी कारणों’ से चेयरमैन पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था लेकिन आईसीसी निदेशकों- पूर्ण सदस्यों और एसोसिएट्स – ने उन्हें पद पर बने रहने के लिए मना लिया.
क्या शशांक मनोहर ने बीसीसीआई को आईसीसी में हराया ?
‘ईएसपीएन क्रिकइंफो’ की रिपोर्ट के अनुसार मनोहर को पूर्ण सदस्यों के समूह ने एक बार फिर मना लिया है जो चाहते हैं कि वह सुधारवादी कदमों की प्रक्रिया पूरी करें जिसे उन्होंने शुरू किया है. शुरुआत में मनोहर सिर्फ इस साल जून में आईसीसी के वार्षिक सम्मेलन तक पद पर रहना चाहते थे लेकिन हाल में उन्होंने मन बदल लिया. नागपुर के इस वकील के नये राजस्व और संचालन माडल दोनों को सदस्यों का भारी भरकम बहुमत मिला है.
दुबई में आईसीसी बोर्ड बैठक के दौरान जब इसे मतदान के लिए लाया गया तो बीसीसीआई को राजस्व माडल पर 1-13 जबकि संचालन माडल पर 2-12 से श्किस्त का सामना करना पड़ा. राजस्व और संचालन माडल का विरोध सिर्फ बीसीसीआई ने किया जिसने वैश्विक क्रिकेट संस्था में समर्थन गंवा दिया है. बीसीसीआई अधिकारियों का मानना है कि मनोहर के कारण ही दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड ने राजस्व का बड़ा हिस्सा गंवा दिया है.
बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के अनुसार चिंता का बड़ा कारण राजस्व माडल नहीं बल्कि संचालन माडल है. वेबसाइट के अनुसार मनोहर के अपना कार्यकाल पूरा करने से ईसीबी अध्यक्ष जाइल्स क्लार्क की उम्मीदें टूट गई हैं जो आईसीसी का स्वतंत्र चेयरमैन बनने को लेकर उत्सुक थे.