इंडियन प्रीमियर लीग सीजन- 10 के फाइनल में मुंबई इंडियंस ने एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की. उसने आईपीएल विजेता का खिताब तीसरी बार जीता है. इसे मुंबई की बड़ी उपलब्धि माना चाहिए, लेकिन उससे भी ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि मुंबई ने कल टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी तो की लेकिन उसकी बैटिंग ऐसी नहीं थी कि उसे जीतने लायक माना जाये. पहली पारी में मुंबई की बैटिंग पर पुणे की बॉलिंग हावी दिख रही थी और पुणे के गेंदबाज शानदार प्रदर्शन कर रहे थे. परिणाम स्वरूप मुंबई की पारी मात्र 129 रन पर सिमट गयी.
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क्या IPL-10 में धौनी का फेल होना ही बना पुणे की हार का कारण?
इंडियन प्रीमियर लीग सीजन- 10 के फाइनल में मुंबई इंडियंस ने एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम की. उसने आईपीएल विजेता का खिताब तीसरी बार जीता है. इसे मुंबई की बड़ी उपलब्धि माना चाहिए, लेकिन उससे भी ज्यादा गौर करने वाली बात यह है कि मुंबई ने कल टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी तो की लेकिन […]
ऐसे में पुणे के लिए लक्ष्य बहुत बड़ा नहीं था, बावजूद इसके मुंबई की टीम ने रोचक तरीके से एक रन से पुणे को पटखनी दे दी. इसमें कोई दो राय नहीं कि मुंबई की टीम को फाइनल खेलने का अनुभव था और टीम के तौर पर देखें तो पुणे के लिए यह पहला मौका था, बावजूद इसके यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि पुणे की टीम में कई ऐसे दिग्गज थे, जिनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर फिर क्यों पुणे की टीम हार गयी?
नहीं चला महेंद्र सिंह धौनी का बल्ला
क्रिकेट के जानकारों का ऐसा मानना है कि धौनी का बल्ला नहीं चलना पुणे की हार का सबसे बड़ा कारण है. अगर पुणे की बल्लेबाजी पर हम ध्यान दें, तो पायेंगे कि ओपनर रहाणे और कप्तान स्मिथ ने अपना काम कर दिया था. लेकिन वे अंतिम तक टिक नहीं सके. ऐसे में टीम को विजयश्री सिर्फ धौनी ही दिला सकते थे और उनपर इसकी जिम्मेदारी भी थी. लेकिन जसप्रीत बुमराह ने उन्हें पार्थिव पटेल के हाथों मात्र दस रन पर कैच करवा दिया. जिसके कारण पुणे की टीम दबाव में आ गयी और मनीष तिवारी जैसे खिलाड़ी टीम को जीत तक नहीं ले जा सके. चूंकि शुरुआत में भी टीम की तरफ से तूफानी बल्लेबाजी नहीं हुई थी, इसलिए टीम पर दबाव था, जिससे खिलाड़ी उबर नहीं पाये.
मुंबई का टीमवर्क
मुंबई इंडियंस ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी को चुना, जबकि इस बार के आईपीएल में टॉस के बाद लोग चेज करने को ही प्राथमिकता दे रहे थे. लेकिन रोहित ने इसके विपरीत काम किया. हालांकि मुंबई ने आईपीएल का फाइनल हमेशा पहले बल्लेबाजी करके जीता है और रोहित ने इसी परंपरा के तहत कल भी पहले बैटिंग को चुना और उनका फैसला सही साबित हुआ. हालांकि बल्लेबाजी में मुंबई कुछ कमाल नहीं कर सका था, लेकिन गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण प्रशंसनीय रहा. अगर यह कहा जाये कि मुंबई ने टीमवर्क से खिताब जीता तो गलत नहीं होगा.
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