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चैंपियंस ट्रॉफी : भारत सबसे मजबूत दावेदार, जानें क्या कहते हैं आंकड़े

नयी दिल्ली : लंदन के ओवल मैदान पर आज इंग्‍लैंड और बांग्‍लादेश के बीच मैच के साथ चैंपियंस ट्रॉफी का शानदार आगाज हो जाएगा. 18 जून तक चलने वाले इस महा मुकाबले को मिनी वर्ल्‍ड कप के नाम से भी जाना जाता है. चैंपियंस ट्रॉफी 1998-90 से आरंभ हुआ. हालांकि लगातार वर्षों में नहीं आयोजित […]

नयी दिल्ली : लंदन के ओवल मैदान पर आज इंग्‍लैंड और बांग्‍लादेश के बीच मैच के साथ चैंपियंस ट्रॉफी का शानदार आगाज हो जाएगा. 18 जून तक चलने वाले इस महा मुकाबले को मिनी वर्ल्‍ड कप के नाम से भी जाना जाता है. चैंपियंस ट्रॉफी 1998-90 से आरंभ हुआ. हालांकि लगातार वर्षों में नहीं आयोजित हुए हैं, बल्कि बीच-बीच में टूर्नामेंट को रोका भी गया. यह आठवां चैंपियंस ट्रॉफी है जिसमें आठ टीमों ने हिस्‍सा लिया है. इस बार वेस्‍टइंडीज की टीम टूर्नामेंट से बाहर है. हालांकि टीम इंडिया के खेलने पर भी एक समय संश्‍य की स्थिति बन गयी थी, लेकिन आखिरकार विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने के लिए लंदन पहुंच चुकी है.

बहरहाल टूर्नामेंट का आगाज आज से होना है, वैसे में अब सवाल है कि इस बार कौन सी टीम ट्रॉफी पर कब्‍जा करेगी. टीम इंडिया मौजूदा चैंपियन है. महेंद्र सिंह धौनी की अगुआई में 2003 में पहली बार टीम इंडिया ने चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्‍जा किया था. इसबार भी क्रिकेट जानकारों का मानना है कि टीम इंडिया के पास ही ट्रॉफी रह जाएगी.

टीम इंडिया के खिलाड़ी शानदार फॉर्म में चल रहे हैं. खुद कप्‍तान विराट कोहली अच्‍छे फॉर्म में चल रहे हैं. दोनों अभ्‍यास मैच में टीम इंडिया शानदार जीत दर्ज की. न्‍यूजीलैंड के खिलाफ कप्‍तान कोहली ने शानदार पारी खेली, तो दूसरे अभ्‍यास मैच में शिखर धवन,कार्तिक, हार्दिक पंड्या सहित पूरी टीम ने शानदार खेल का प्रदर्शन दिखाया.हालांकि मेजबान इंग्‍लैंड की टीम को भी टूर्नामेंट का मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
आइये एक नजर आंकड़ों पर डालते हैं.
1. ऑस्‍ट्रेलिया दो बार का चैंपियन : ऑस्‍ट्रेलिया की टीम ने दो बार चैंपियंस ट्रॉफी पर कब्‍जा किया है. ऑस्‍ट्रेलियाइ टीम लगातार दो बार चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता रहा है. 2006-07 और 2009-10 में ऑस्‍ट्रेलिया ने ट्रॉफी पर कब्‍जा किया था. इंडिया,न्‍यूजीलैंड, वेस्‍टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका ने एक-एक बार जीत दर्ज की है. हालांकि 2002-03 में भारत और श्रीलंका को संयुक्‍त रूप से विजेता घोषित किया गया था. इस बार टीम इंडिया के पास जीत दर्ज कर ऑस्‍ट्रेलियाई टीम के रिकॉर्ड की बराबरी करने का पूरा मौका है.
2. धौनी और युवराज सिंह हैं सबसे अनुभवी खिलाड़ी – टीम इंडिया के पास चैंपियंस ट्रॉफी के लिहाज से दो महत्‍वपूर्ण खिलाड़ी हैं. एक तो टीम इंडिया के पूर्व कप्‍तान महेंद्र सिंह धौनी और दूसरा युवराज सिंह. धौनी कप्तानी करते हुए सबसे अधिक मैच खेलने वाले खिलाडियों में छठे स्‍थान पर मौजूद हैं. रिकी पोंटिंग 16 मैचों के साथ टॉप पर हैं. धौनी ने अपनी कप्‍तानी में आठ मैच खेले हैं. हालांकि इस बार भारत की जो टीम इंग्‍लैंड गयी है उनमें से अधिकांश खिलाडियों को चैंपियंस ट्रॉफी खेलने का अनुभव है.
3. लगातार जीत का रिकॉर्ड बना सकता है भारत
भारतीय क्रिकेट टीम अगर अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और फिर अगले मैच में श्रीलंका को हराने में सफल रहती है तो वह आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी में लगातार सर्वाधिक मैच जीतने का नया रिकार्ड बना देगी. चैंपियन्स ट्रॉफी में लगातार सर्वाधिक सात मैच जीतने का रिकार्ड वेस्टइंडीज के नाम पर है जिसने 2002 और 2006 के बीच यह रिकार्ड बनाया था लेकिन कैरेबियाई टीम इस बार टूर्नामेंट के लिये क्वालीफाई नहीं कर पायी और ऐसे में भारत के पास उसका रिकार्ड तोड़ने का मौका है जो 2009 से अब तक लगातार छह मैच जीत चुका है.
4. क्या कहते हैं क्रिकेटर – श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगकारा ने कहा कि गत चैम्पियन भारत में चैम्पियंस ट्रॉफी खिताब बरकरार रखने की क्षमता है क्योंकि उनकी टीम काफी संतुलित है जिसमें उनकी तेज गेंदबाजी में काफी आक्रामकता है. संगकारा ने आईसीसी वेबसाइट में अपने कालम में लिखा, ‘‘इस साल टूर्नामेंट में चार एशियाई टीमें खेल रही हैं और स्पष्ट रुप से इसमें भारत इस क्षेत्र से शीर्ष पर है. इसने 2013 में खिताब जीता था और उनकी टीम इस साल भी ट्रॉफी जीतने की काबिलियत रखती है. ”
महान स्पिनर ईरापल्ली प्रसन्ना का मानना है कि भारत का संतुलित आक्रमण उसे चैम्पियंस ट्राफी में खिताब का प्रबल दावेदार बनाता है. प्रसन्ना ने कहा ,‘‘ मेरा मानना है कि भारत और आस्ट्रेलिया सबसे संतुलित टीमें हैं. इन्हें फाइनल में पहुंचना चाहिए. भारत का आक्रमण बहुत अच्छा है जिसमें छह विशेषज्ञ गेंदबाज हैं.”
भारत के पूर्व आफ स्पिनर ने कहा कि कि स्पिनर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा 2013 की तरह ही अहम भूमिका निभायेंगे. जडेजा ने 12 – 13 की औसत से 12 विकेट लिये थे जबकि अश्विन ने आठ विकेट चटकाये. प्रसन्ना ने कहा ,‘‘ मैं कुलदीप यादव को भी टीम में देखना चाहता था लेकिन इंग्लैंड में तेज गेंदबाजों की भी जरूरत है और यही वजह होगी कि वह टीम में जगह नहीं बना सका.”

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