आईपीएल के टलने के बाद अब महेंद्र सिंह धौनी की वापसी की उम्मीद भी धीरे धीरे कम होती दिखाई पड़ रही है, इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने भी धौनी के बारे में कहा था कि उन्हें 2019 विश्व कप के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था. लेकिन चेन्नई सुपर किंग्स के कोच लक्ष्मीपति बालाजी इस बात से इत्तिफाक नहीं रखते हैं. उनका मानना है कि धौनी के बल्ले की धार कुंद नहीं हुई है, उन्होंने बुधवार को इस दिग्गज विकेट कीपर बल्लेबाज के बारे में बात करते हुए कहा कि हमें धौनी द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लिए गये 6 महीने के ब्रेक बारे में बात नहीं करना चाहिए.
ये कोई बड़ी बात नहीं है, अगर आप टाइगर वुड्स या रोजर फेडरर को देखें तो वे भी बड़े टूर्नामेंट्स मिस करते हैं और वापस आते हैं. ब्रेक ले लेने से हुनर में कोई फर्क नहीं पड़ता है, न ही उनका प्रदर्शन कमजोर होता है, धौनी के साथ भी ऐसा ही है, जब प्रदर्शन दिखाने का मौका आएगा तो आपक स्किल लेवल के बारे में सोचने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
वो भले उस तरह के नहीं हैं जैसे 25 या 26 साल के खिलाड़ी होते हैं लेकिन खेल मानसिकता की अगर बात करें तो वह बिल्कुल सही अवस्था में हैं, जितना मैंने उन्हें चेन्नई के ट्रेनिंग सेशन में देखा तो वह बिल्कुल भी चुके हुए नहीं दिखाई पड़े, वह ट्रेनिंग सेशन के पहले दिन से ही पूरे जोश में नजर आए.
बतौर खिलाड़ी और कोच मैंने देखा है कि वो प्लेइंग इलेवन में कितनी अहम भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि केएल राहुल ने सीनित ओवरों के क्रिकेट में अपना दावा काफी मजबूत कर लिया है लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें वर्ल्ड कप टी- 20 के लिए उन्हें जरूर शामिल करना चाहिए.
38 वर्षीय बालाजी ने कहा, ‘यह पूरी तरह से चयनकर्ताओं पर निर्भर करता है लेकिन आप अगर मुझसे पूछें तो मैं किसी भी बड़े टूर्नामेंट में धोनी को जरूर लेकर जाना चाहूंगा. सिर्फ मैच फिनिश करने का हुनर ही नहीं धोनी के खेलने के अन्य कई फायदे भी होते हैं. वह इस टीम गेम में कई आयाम जोड़ते हैं, बड़े टूर्नामेंट जीतने की बात हो तो कामचलाऊ खिलाड़ियों से बात बनती नहीं बल्कि बिगड़ सकती है. इसलिए हर स्थान के लिए आपके पास सर्वश्रष्ठ खिलाड़ी होना चाहिए. ‘
गौरतलब है कि आईपीएल को अभी कोरोना की वजह से टाल दिया गया है, ऐसा माना जा रहा है कि अब आईपीएल सितंबर या अक्टूबर के महीने में खेला जाएगा. इस बारे में बात करने पर बाला जी ने कहा कि इसमें अडजस्ट करना कोई मुश्किल काम नहीं होगा क्योंकि आईपीएल हमेशा से मार्च, अप्रैल और मई की गर्मियों में खेला जाता है. उन्होंने कहा कि चैपियन्स लीग टी 20 रद्द होने से पहले ये टूर्नामेंट इस दरम्यान होता था तो इस वातावरण से हम अच्छी तरह परिचित हैं, मैंने जैसा नोटिस किया था पिचों में कोई बड़ा बदलाव नहीं था.
आपको बता दें कि चेन्नई के प्रमुख खिलाड़ी सुरेश रैना का भी मानना है कि उसमें बल्लेबाजी की धार कम नहीं हुई, वो उसी तरह लंबे लंबे छक्के मार रहे हैं जैसा कि वो पहले मारते थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वो नए नए शॉट्स खेलने की भी कोशिश कर रहे थे.