कोरोना महामारी के कारण महिला एशिया कप फुटबॉल (Women’s Asia Cup Football) में भारतीय टीम को तगड़ा झटका लगा है. 12 खिलाड़ियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद चीनी ताइपै के खिलाफ मैच से भारतीय टीम ने नाम वापस ले लिया. लेकिन अब भारतीय टीम को टूर्नामेंट से ही बाहर होने पड़ गया.
एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने की भारत के बाहर होने की घोषणा
एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने सोमवार को महिला एशियाई कप से भारत के बाहर होने की औपचारिक घोषणा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले आने के कारण चीनी ताइपै के खिलाफ मैच से भारतीय टीम के नाम वापिस लेने के बाद उसके सारे मैच रद्द माने जायेंगे. भारतीय टीम चीनी ताइपै के खिलाफ पूरी टीम उतारने की स्थिति में नहीं थी क्योंकि उसके 12 खिलाड़ी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं.
कोरोना ने भारतीय खिलाड़ियों के सारे अरमानों पर फेरा पानी
भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ियों का जीवन पिछले एक वर्ष के दौरान एएफसी एशियाई कप में खेलने और फीफा विश्व कप में जगह बनाने के सपने के इर्द गिर्द घूम रहा था, लेकिन कोरोना ने एकदम से उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया. कप्तान आशालता देवी से लेकर टीम में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी हेमम शिल्की देवी तक सभी के लिये एशियाई कप जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अवसर था जिसके क्वार्टर फाइनल में पहुंचने से उनकी विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने की उम्मीद भी बढ़ जाती. यदि विश्व कप में जगह नहीं मिलती तो वे अंतरमहाद्वीपीय प्लेऑफ में खेलते और यह भी भारतीय फुटबॉल के लिये ऐतिहासिक क्षण होता.
सब कुछ तबाह हो गया: भारतीय खिलाड़ी
महिला एशिया कप फुटबॉल से भारतीय टीम के बाहर होने के बाद सीनियर खिलाड़ी और गोलकीपर अदिति चौहान ने कहा, सब कुछ तबाह हो गया. एक अन्य खिलाड़ी ने कहा, पिछले एक साल से हमारी जिंदगी एशियाई कप के इर्द गिर्द घूम रही थी. हमारा एकमात्र लक्ष्य के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाना और विश्व कप के लिये क्वालीफाई करने की उम्मीदें बढ़ाना था. उन्होंने कहा, हम इस समय बेहद दुखी और निराश हैं. लेकिन यह दुनिया का अंत नहीं है और उम्मीद है कि अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते रहे तो हमें भविष्य में इसे हासिल करने के मौके मिलेंगे. यही सोचकर हम स्वयं को सांत्वना दे रहे हैं.