Ashwin Retirement: रविचंद्रन अश्विन के संन्यास की घोषणा ने क्रिकेट जगत को झकझोर कर रख दिया है. अब तक कोई भी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाया है कि आखिर अश्विन ने संन्यास क्यों लिया. जब भारत के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह से अश्विन के फैसले के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने माना कि यह एक बड़ा झटका था. ‘टर्बनेटर’ को लगता है कि अगले साल भारत के इंग्लैंड दौरे के लिए अपने चयन को लेकर अश्विन के मन में संदेह की वजह से ऐसा हुआ होगा.
Ashwin Retirement: पिता ने लगाया बड़ा आरोप
संन्यास के बाद रविचंद्रन अश्विन के पिता ने भी इस बात के संकेत दिए कि टीम में उनका अपमान हो रहा था. हालांकि, इस बात में कितनी सच्चाई है यह किसी को नहीं पता. अपने करियर में पहली बार अश्विन ने देखा कि टेस्ट (पर्थ में) के लिए उनसे आगे किसी दूसरे ऑफ स्पिनर (वाशिंगटन सुंदर) को तरजीह दी गई. हालांकि अश्विन ने एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गुलाबी गेंद के टेस्ट के लिए प्लेइंग इलेवन में वापसी की, लेकिन उन्हें गाबा में फिर से बेंच पर बैठा दिया गया. शायद यह अश्विन के लिए कुछ और संकेत थे.
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Ashwin Retirement: सुंदर को अश्विन के आगे रखा गया
दैनिक जागरण से बातचीत में हरभजन सिंह ने खुलासा किया कि अश्विन उन दो स्पिनरों में शामिल नहीं थे जिन्हें भारत के इंग्लैंड दौरे के लिए चुना जाना था. इसलिए, अनुभवी स्पिनर ने फैसला किया कि अब उनके लिए खेल को अलविदा कहने का समय आ गया है. हरभजन ने कहा, “मैं उनके फैसले से हैरान हूं. चल रही सीरीज के बीच में इतना बड़ा फैसला आना निश्चित रूप से आश्चर्यजनक है. शायद हम उन्हें सिडनी और मेलबर्न में देखने की उम्मीद कर रहे थे क्योंकि वहां स्पिनरों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए.”
Ashwin Retirement: अश्विन की उपलब्धियों को सलाम
हरभजन ने आगे कहा, “उन्होंने बहुत सोच-समझकर यह फैसला लिया होगा. वह बहुत बड़े गेंदबाज हैं. मैं उनकी उपलब्धियों को सलाम करता हूं. वह मैच जिताने वाले गेंदबाज रहे हैं और उन्होंने भारत को कई मैच जिताए हैं. मैं उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं. जहां तक मुझे जानकारी है, भारतीय टीम को अगले साल अक्टूबर में घरेलू मैदान पर टेस्ट क्रिकेट खेलना है और उससे पहले इंग्लैंड के साथ 5 मैच खेलने हैं. जब आपके पास इतने अच्छे रिकॉर्ड हों, तो आपका नाम प्लेइंग इलेवन में होना चाहिए.”
Ashwin Retirement: रिटायरमेंट का फैसला आसान नहीं होता
हरभजन ने दावा किया कि अश्विन को यह समझ में आ गया था कि वॉशिंगटन सुंदर उनसे कहीं ऊपर हैं. इसलिए, अश्विन के लिए टीम के साथ बने रहने का कोई कारण नहीं था. भज्जी ने कहा, “मैं इधर-उधर से जो सुन रहा हूं, उससे शायद अश्विन के दिमाग में यह बात है कि अब उनकी जगह वॉशिंगटन सुंदर को तरजीह दी जाएगी. इंग्लैंड में पांच मैच खेले जाने हैं, जहां सिर्फ दो स्पिनर ही जाएंगे, वो स्पिनर कौन होंगे. तो उनके दिमाग में कई बातें चल रही होंगी. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि यह फैसला उनके लिए इतना आसान नहीं रहा होगा.”