सामाजिक-आर्थिक संकट से जूझने और अपने इतिहास में सबसे बुरे लोकतांत्रिक उथल-पुथल को झेलने वाले श्रीलंका को उसकी क्रिकेट टीम जश्न मनाने का कुछ मौका दे सकती है. लेकिन इसके लिए उसे रविवार को यहां एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान की मजबूत टीम को हराना होगा. श्रीलंका एक तरह से एशिया कप का मेजबान है लेकिन सुरक्षा कारणों से वह इसका आयोजन अपने देश में नहीं कर पाया और इसलिए संयुक्त अरब अमीरात को इस टूर्नामेंट को आयोजित करने का मौका मिला.
दासुन शनाका की अगुवाई वाली टीम यदि अपने घरेलू मैदान पर फाइनल खेल रही होती तो उसके लिए यह सुखद क्षण होता. सुपर चार में उसके प्रदर्शन को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि बाबर आजम की अगुवाई वाली पाकिस्तानी टीम के लिए चुनौती किसी भी तरह से आसान नहीं होगी. चाहे वह एशियाई क्रिकेट परिषद हो या फिर दुबई के दर्शक, सभी चाहते थे कि फाइनल मुकाबला भारत और पाकिस्तान के बीच हो लेकिन श्रीलंका ने बेहतरीन प्रदर्शन करके उनके सारे समीकरण बिगाड़ दिये.
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केवल यही नहीं, उसने शुक्रवार को फाइनल के अपने प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ सुपर चार के अंतिम मैच में आसान जीत दर्ज की. इससे उसकी टीम फाइनल में बढ़े मनोबल के साथ उतरेगी. लेकिन दुबई में पाकिस्तान को दर्शकों का अपार समर्थन मिलने की संभावना है और ऐसे में बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद नवाज और नसीम शाह जैसे खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे. पाकिस्तान के सामने श्रीलंका की ऐसी टीम होगी जो अपनी क्रिकेट को पुनर्जीवित करने की कवायद में लगी है.
वह एक ऐसे प्रारूप में अपनी छाप छोड़ना चाहती है जिसमें वह 2014 में विश्व चैंपियन बनी थी. श्रीलंका की क्रिकेट को पिछले कुछ समय से खराब चयन और बोर्ड के अंदर की राजनीति से जूझना पड़ा लेकिन अब उसके खिलाड़ियों ने टी20 क्रिकेट में अपना रवैया बदल दिया है और उसमें आक्रामकता जोड़ दी है. दुशमंत चमीरा जैसे अनुभवी गेंदबाज की अनुपस्थिति के बावजूद श्रीलंका का आक्रमण मजबूत नजर आता है जबकि बल्लेबाजी में उसके पास कुसाल मेंडिस और पाथुम निसांका दो शानदार सलामी बल्लेबाज हैं.
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दनुष्का गुणतिलका, भानुका राजपक्षे, शनाका और चमकात्ने करुणारत्ने ने भी उपयोगी योगदान दिया है. एशिया कप के पांच मैचों में अब तक श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने 28 छक्के और 62 चौके लगाये हैं जिससे उनके आक्रामक रवैये का पता चलता है. गेंदबाजी में महेश तीक्षणा और वानिंदु हसरंगा ने स्पिन विभाग को बखूबी संभाला है, जबकि दिलशान मधुशंका ने मुख्य तेज गेंदबाज की जिम्मेदारी काफी सराहनीय रूप से निभायी है. इसके विपरीत पाकिस्तान अपने कप्तान और सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज बाबर की फॉर्म को लेकर चिंतित है जिन्होंने अब तक पांच मैचों में केवल 63 रन बनाये हैं. वह फाइनल में निश्चित तौर पर बड़ी पारी खेलने की कोशिश करेंगे.