मुल्तान में बुधवार से शुरु होने वाले एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बेताब दर्शकों को दोनों देशों के बीच तीन ‘हाई वोल्टेज’ मुकाबले देखने को मिल सकते हैं जबकि पांच टीमों को विश्व कप से पहले अपने खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखने अंतिम मौका भी मिलेगा. यह ऐसा टूर्नामेंट है जो अकसर पिछले एक दशक में द्विपक्षीय मुकाबलों की बढ़ती संख्या और टी20 क्रिकेट की घटती लोकप्रियता में प्रासंगिक बनने के लिए जूझता रहा है. लेकिन इस बार यह सभी टीम के ‘थिंक टैंक’ का अहम हिस्सा दिख रहा है.
विश्व कप पांच अक्टूबर से शुरु हो रहा है जिससे पहले यह नेपाल को छोड़कर अन्य पांच टीमों के पास खिलाड़ियों को लेकर चल रहे कुछ सवालों के जवाब ढूंढने का अंतिम मौका होगा. निश्चित रूप से वैश्विक टूर्नामेंट से पहले कुछ द्विपक्षीय और अभ्यास मैच कराये जायेंगे. लेकिन श्रीलंका और पाकिस्तान में खेले जाने वाले एशिया कप से सभी टीम को कई देशों के टूर्नामेंट का माहौल मिलेगा जो करीब करीब विश्व कप जैसा होगा.
भारतीय टीम सात बार के चैम्पियन के तौर पर एशिया कप में उतरेगी जो किसी भी टीम के सर्वाधिक खिताब हैं लेकिन टीम की प्राथमिकता आठवां खिताब अपनी झोली में डालने की नहीं होगी बल्कि मुख्य कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा विश्व कप से पहले बल्लेबाजी क्रम के कुछ स्थानों पर खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखना चाहेंगे. अगर टीम ट्राफी जीत लेती है तो यह खिलाड़ियों के मनोबल के लिए फायदेमंद रहेगा.
केएल राहुल पहले दो मैचों में नहीं खेलेंगे जिन्हें भारतीय टीम में अतिरिक्त शर्त के साथ शामिल किया गया है. राहुल ने सर्जरी के बाद उबरने की प्रक्रिया के बाद बल्लेबाजी स्तर में प्रगति दिखायी है लेकिन विकेटकीपिंग की तैयारी को लेकर अब भी कुछ चिंतायें हैं क्योंकि उन्हें एक हल्की सी चोट विकेटकीपिंग अभ्यास के दौरान लग गयी. एशिया कप के दौरान राहुल के प्रदर्शन पर निगाहें लगी रहेंगी क्योंकि उनकी मौजूदगी से भारतीय मध्यक्रम में मजबूती और लचीलापन मिलता है.
भारत दो सितंबर पालेकेले में पाकिस्तान से भिड़ेगा जिसमें श्रेयस अय्यर के मैदान पर उतरने की उम्मीद है. श्रेयस ने नेट पर काफी ‘ड्रिल्स’ की हैं और एशिया कप टीम में अपने चयन से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में ‘मैच सिम्युलेशन’ (मैच की परिस्थितियों के हिसाब से अभ्यास) भी किया. लेकिन टीम प्रबंधन यह देखने के लिए बेताब होगा कि दायें हाथ का बल्लेबाज असली मैच परिस्थितियों में किस तरह से खेलता है.
जसप्रीत बुमराह और प्रसिद्ध कृष्णा को लेकर भी इसी तरह की चिंता होगी. दोनों गेंदबाजों ने चोट के कारण लंबे समय से बाहर रहने के बाद इस महीने के शुरू में आयरलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान भारतीय टीम में वापसी की जिसमें उन्होंने अच्छी गेंदबाजी भी की. लेकिन वनडे क्रिकेट की जरूरतें टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों से काफी अलग होती हैं क्योंकि उन्हें 10 ओवरों तक गेंदबाजी करने के अलावा 50 ओवर तक क्षेत्ररक्षण भी करना होगा.
भारतीय टीम प्रबंधन श्रीलंका की उमस भरी परिस्थितियों में इस अतिरिक्त कार्यभार पर इन दोनों की प्रतिक्रिया देखना चाहेगा. एशिया कप में भारत सबसे मजबूत दावेदार रहता है लेकिन पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान भी अपनी ताकत दिखाने के लिए आतुर होंगे. श्रीलंका की टीम छह बार एशिया कप जीत चुकी है लेकिन अभी वह पूरी टीम जुटाने में जूझ रही है क्योंकि दुश्मंता चामीरा, वानिंदु हसारंगा, लाहिरू कुमारा और दिलशान मधुशनाका चोटिल हैं.
बाबर आजम की अगुआई में पाकिस्तान की टीम हाल में अफगानिस्तान पर 3-0 की जीत से आईसीसी वनडे रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंच गयी और टीम सही समय पर शिखर की ओर बढ़ रही है. हाल में पाकिस्तान बनाम अफगानिस्तान श्रृंखला से क्रिकेट में नयी प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली. अगले कुछ हफ्तों में हम देखेंगे कि प्रतिद्वंद्विता फिर से शुरू हो रही है जबकि इस दौरान कुछ नये नायक भी देखने को मिलेंगे.