Asia Cup 2023: वर्ल्ड कप से पहले खिताबी जीत के मायने, टीम इंडिया के लिए 5 सकारात्मक बातें
भारत ने वनडे वर्ल्ड कप से पहले एशिया कप में अपना दम दिखा दिया. वनडे फॉर्मेट में खेले गये इस टूर्नामेंट में भारत को केवल एक हार बांग्लादेश के खिलाफ मिली. भारत ने श्रीलंका को फाइनल में रौंदकर आठवीं बार एशिया कप का खिताब अपने नाम किया.
एशिया कप 2023 से पहले भारतीय टीम संयोजन को लेकर गंभीर चिंता बनी हुई थी. तीन चोटिल खिलाड़ियों केएल राहुल, जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल की वापसी ने इस चिंता को थोड़ा कम किया. वेस्टइंडीज के पिछले दौरे में लाइनअप में कई बदलाव देखने को मिले थे, खासकर बल्लेबाजी क्रम में. जिससे इस बात पर संदेह पैदा हो गया था कि क्या टीम प्रबंधन को पता है कि अगले महीने विश्व कप में किस खिलाड़ी को जगह देनी है. लेकिन एशिया कप में भारत की टीम काफी हद तक वही थी, जिसे वर्ल्ड कप के लिए चुना गया है. घर में वर्ल्ड कप से पहले भारत के लिए इस खिताबी जीत के काफी मायने हैं. भारत ने रविवार को श्रीलंका को बुरी तरह हराकर आठवीं बार खिताब जीता.
फाइनल में मोहम्मद सिराज का दमदार प्रदर्शनटीम इंडिया की श्रीलंका पर यह काफी सनसनीखेज जीत थी. भारत ने श्रीलंकाई को हराया, जो फाइनल से पहले अपने पिछले 15 एकदिवसीय मैचों में से सिर्फ एक हारा था. फाइनल मैच शुरू होने से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि एक रोमांचक मुकाबला होगा. लेकिन मोहम्मद सिराज ने तो जैसे चमत्कार ही कर दिया. उन्होंने अपने स्पेल के दूसरे ओवर में चार विकेट चटकाए. उन्होंने कुल छह बल्लेबाजों को आउट किया और प्लेयर ऑफ द मैच चुने गये. भारत ने श्रीलंका को 50 के स्कोर पर ऑलआउट कर दिया और सातवें ओवर में 10 विकेट से आसान जीत दर्ज की. इस सीरीज में भारत के पांच सकारात्मक बातें निकलकर सामने आई हैं.
टीम प्रबंधन पूरे साल वर्ल्ड कप में अपने मुख्य स्पिनर के रूप में कुलदीप यादव पर नजरें गड़ाए हुए था. 2019 विश्व कप के बाद से भारतीय टीम के साथ कुलदीप की उपस्थिति में भारी गिरावट देखी गई थी. उन्होंने 2020, 2021 और 2022 में सिर्फ 17 एकदिवसीय मैच खेले, लेकिन इस साल उन्होंने 16 मैच खेले. यह साल उनके वलडे करियर का सबसे शानदार साल रहा. उन्होंने 15.51 की औसत से 31 विकेट लेकर उस विश्वास का जवाब दिया है. इस साल एकदिवसीय क्रिकेट में विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाली टीमों के बीच सर्वाधिक विकेट लेने के मामले में कुलदीप यादव श्रीलंका के महेश थीक्षाना के साथ बराबरी पर हैं. एशिया कप की बात करें तो उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 11.44 की औसत से नौ विकेट लिए और उनके प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का पुरस्कार दिया गया.
2. ईशान किशनइशान किशन ने अपने प्रदर्शन के दम पर विश्व कप के लिए प्लेइंग इलेवन में जगह बना ली है. इस साल 13 एकदिवसीय मैचों में, किशन ने 40.00 की औसत से 360 रन बनाए हैं. यह 2022 में उनके द्वारा किए गए प्रदर्शन से ज्यादा है. 2022 में उन्होंने आठ मैचों में 59.57 की औसत से 417 रन बनाए थे. उन्होंने इस प्रारूप में अपना लगातार चौथा अर्धशतक बनाकर एशिया कप की शुरुआत की. उनके और हार्दिक पंड्या के प्रयास से भारत को पाकिस्तान के खिलाफ एक सम्मानजन कुल स्कोर मिला. किशन ने चौथे विकेट के लिए पंड्या के साथ 138 रन की साझेदारी में 81 गेंदों में 82 रन बनाए और भारत को 66/4 पर सिमटने के बाद बचाया. उस मैच को खेलने के बाद श्रेयस अय्यर घायल हो गए, किशन और केएल राहुल नंबर 4 और नंबर 5 पर खेलने के लिए आगे आए. अय्यर की फिटनेस अब भी चिंता का सबब है.
3. जसप्रीत बुमराह और केएल राहुल का ठीक होनाइस टूर्नामेंट में यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय टीम में समस्याओं का एक बड़ा हिस्सा इस तथ्य से आया कि उनकी पहली टीम के नियमित खिलाड़ी घायल हो गए थे. आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज में ही जसप्रीत बुमराह ने अपनी फिटनेस की झलक दिखा दी थी लेकिन एशिया कप में ही उन्होंने अपना पहला वनडे मैच खेला था. यह बहुत जल्दी स्पष्ट हो गया कि प्रमुख तेज गेंदबाज ने चोट लगने से पहले ही वह स्पर्श हासिल कर लिया था जिसने उसे दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक बना दिया था. उन्होंने चार विकेट लिए लेकिन नई गेंद से रन बनाना लगभग असंभव था. हो सकता है कि मोहम्मद सिराज ने श्रीलंका के खिलाफ छह विकेट लिए हों, लेकिन बुमराह ने मैच की तीसरी ही गेंद पर विकेट लेकर विनाश की शुरुआत की दी.
4. केएल राहुल कर रहे विकेटकीपिंगकेएल राहुल ने यह भी याद दिलाया कि उन्होंने भारतीय वनडे टीम में नंबर 5 की पोजिशन को अपना क्यों बनाया है. पाकिस्तान के खिलाफ भारत का सुपर फोर मैच चोट से वापसी पर उनका पहला मैच था और उन्होंने विराट कोहली के साथ रिकॉर्ड 233 रनों की नाबाद साझेदारी की. उन्होंने 106 गेंदों में नाबाद 111 रन बनाकर भारत की 228 रनों से मैच जीतने में मदद की. काफी समय बाद देखा गया कि टीम दो विकेटकीपर को प्लेइंग इलेवन में रख रहा था. ईशान ने बल्ले से अपनी उपयोगिता साबित की और केएल राहुल एक बार फिर विकेट के पीछे शानदार थे. अधिकतर मैचों में केएल ने पूरे मैच के दौरान विकेट के पीछे का जिम्मा उठाया और बेहतरीन कैच भी लपके. यह टीम के लिए अच्छे संकेत हैं.
5. मोहम्मद सिराजभारत ने इस साल मोहम्मद शमी पर मोहम्मद सिराज को तरजीह दी है और यह एशिया कप में पहले से कहीं अधिक स्पष्ट था. इन दोनों में से केवल एक ही खेल सकता था क्योंकि जसप्रीत बुमराह की वापसी हुई थी और श्रीलंका की पिचें काफी हद तक स्पिन गेंदबाजों के लिए अनुकूल थीं. ऐसे में भारत सिराज के साथ गया था. 29 वर्षीय खिलाड़ी ने फाइनल से पहले खेले गए तीन मैचों में या तो किफायती प्रदर्शन करके या नेपाल के खिलाफ एक मैच में तीन विकेट लेकर इस विश्वास का बदला चुकाया. हालांकि, फाइनल में वह चीजों को अभूतपूर्व स्तर पर ले गए. सिराज ने मेडन ओवर से शुरुआत की और फिर अपने दूसरे ओवर में चार विकेट लेकर मैच के चौथे ओवर में ही भारत को खिताब दिला दिया. उस गेम में सिराज शीर्ष पर थे और उनके आगे कोई नहीं टिक सका.