भारतीय युवा खिलाड़ियों की तुलना में ऑस्ट्रेलियाई यूथ क्रिकेटर ‘प्राइमरी स्कूल’ में, चैपल ने कह दी बड़ी बात
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ियों को फटकार लगायी है.
नयी दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल (Greg Chappell) ने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के युवा खिलाड़ियों को फटकार लगायी है. उन्होंने कहा कि भारतीय युवा खिलाड़ियों की तुलना में ऑस्ट्रेलियाई युवा खिलाड़ी अभी भी प्राइमरी स्कूल में हैं. चैपल ने कहा कि बीसीसीआई (BCCI) के मजबूत घरेलू ढांचे की वजह से ऐसा संभव हो पाया है. उन्होंने कहा कि इनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है.
बता दें कि स्टार खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में धूल चटा दी. चार मैचों की टेस्ट श्रृंखला भारत ने 2-1 से अपने नाम कर ली. वहीं एक टेस्ट मैच ड्रा रहा. डेब्यू करने वाले गेंदबाद मोहम्मद सिराज और टी नटराजन ने तो जैसे ऑस्ट्रेलिया को नाकों चने चबवा दिये. दोनों के शानदार प्रदर्शन और बल्लेबाजों के जज्बे ने ऑस्ट्रेलिया को हर मोर्चे पर पछाड़ दिया.
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड में छपे चैपल के कॉलम में कहा गया कि भारतीय युवा क्रिकेटरों के मुकाबले हमारे युवा खिलाड़ी कमजोर साबित हुए. उन्होंने अपने खिलाड़ियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये वही खिलाड़ी हैं जिन्हें अंडर-16 में ही मुश्किल हालातों से लड़ना सीखाया जाता है. अभी भी हमारे युवा खिलाड़ी प्राइमरी स्कूल में ही हैं. चैपल ने टेस्ट मुकाबला शुरू होने से पहले अपने युवा खिलाड़ियों की तारीफ की थी.
चैपल ने कैमरन ग्रीन की तुलना रिकी पोंटिंग से की थी. उन्होंने कहा था कि ग्रीन पोंटिंग के बाद सबसे प्रतिभावान खिलाड़ी साबित होगा. बता दें कि चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में ग्रीन ने एक अर्धशतक लगाया और पूरी सीरीज में उन्होंने 236 रन बनाये. जबकि एक और युवा खिलाड़ी विल पुकोवस्की चोटिल होने की वजह से केवल एक ही टेस्ट मैच खेल पाए.
चैपल ने केवल खिलाड़ियों की ही तुलना नहीं की, उन्होंने बीसीसीआई और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की भी तुलना कर डाली. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रीक कार के इस जमाने में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अब भी 1960 का मॉडल की निकाल रहा है. बीसीसीआई जहां अपने खिलाड़ियों पर करोड़ों डॉलर खर्च करती है, वहीं क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया अपने खिलाड़ियों के लिए हाथ बांधे खड़ा रहता है.
Posted By: Amlesh Nandan