Bajrang Punia Ban: बजरंग पूनिया को लगा तगड़ा झटका, चार साल तक नहीं दिखेंगे रिंग में

Bajrang Punia Ban: बजरंग पूनिया को नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) ने चार साल के लिए बैन कर दिया है. ओलंपिक मेडलिस्ट पर यह बैन एंटी डोपिंग कोड का उल्लंघन करने के कारण लगाया गया है.

By Anant Narayan Shukla | November 27, 2024 9:15 AM

Bajrang Punia Ban: पहलवान बजरंग पूनिया को बड़ा झटका लगा है. बजरंग अगले 4 साल तक कुश्ती रिंग में नहीं दिखाई देंगे. ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पून‍िया पर नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी ने 4 साल का बैन लगा दिया है. यह बैन एंटी डोपिंग कोड का उल्लंघन करने के कारण लगाया गया है. बजरंग पूनिया ने 10 मार्च को नेशनल टीम के सलेक्शन ट्रॉयल के दौरान डोप टेस्ट के लिए अपना नमूना देने से मना कर दिया था. उनका यह सस्पेंशन 23 अप्रैल 2024 से लागू होगा.

टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग को नाडा ने सबसे पहले 23 अप्रैल को निलंबित किया था, जिसके बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने भी उन्हें निलंबित कर दिया. बजरंग ने निलंबन के खिलाफ अपील भी की लेकिन नाडा ने 31 मई को इसे रद्द कर दिया था. यह तब तक के लिए रद्द था जब तक नाडा आरोप पत्र जारी नहीं कर देता. नाडा ने 23 जून को पहलवान को नोटिस भेजा जिसके बाद बजरंग ने 11 जुलाई को लिखित रूप से अपनी बात दर्ज कराई थी. 

नमूना देने से कभी नहीं इनकार

बजरंग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि उन्होंने नमूना देने से कभी इनकार नहीं किया, बल्कि अपने ईमेल पर नाडा की प्रतिक्रिया जानना चाहा था. इसमें उन्होंने जवाब मांगा था कि दिसंबर 2023 में उनके नमूने लेने के लिए एक्सपायर किट क्यों भेजी गईं. नाडा ने अपनी कार्रवाई का कारण भी स्पष्ट करते हुए कहा कि डीसीओ ने उनसे विधिवत संपर्क किया था और बताया था कि डोप टेस्ट के लिए उन्हें मूत्र का नमूना देना आवश्यक है. बजरंग ने अपने लिखित बयान में कहा था कि पिछले दो बार से नाडा के आचरण ने उनके मन में अविश्वास पैदा कर दिया है.

विदेश में भी नहीं दे पाएंगे कोचिंग

बजरंग के जवाब के बाद 20 सितंबर और 4 अक्टूबर को सुनवाई हुई. नाडा की अनुशासनात्मक पैनल (ADDP) ने अपने आदेश में कहा कि रेसलर अनुच्छेद 10.3.1 के तहत बैन के लिए उत्तरदायी हैं और उन्हें 4 वर्ष की अवधि के लिए अयोग्य घोषित किया जा सकता है. निलंबन का मतलब है कि पहलवान बजरंग अब प्रतिस्पर्धी कुश्ती में वापसी नहीं कर पाएंगे. इतना ही नहीं अगर वह चाहें तो भी विदेश में कोचिंग की नौकरी के लिए आवेदन भी नहीं कर पाएंगे.

हरियाणा चुनाव से पहले कांग्रेस में हुए थे शामिल

टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले पहलवान पूनिया 7 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल सहित अपने कैरियर में 20 से ज्यादा पदक हासिल कर चुके हैं. बजरंग ने वर्ल्ड चैम्पियनशिप में एक सिल्वर सहित तीन ब्रॉन्ज मेडल, एशियन गेम्स में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल, जबकि कॉमनवेल्थ गेम्स में दो गोल्ड, चार सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीता है. बजरंग वर्ल्ड रेसलिंग में नंबर वन रैंकिंग हासिल करने वाले पहले भारतीय हैं. उन्होंने आधिकारिक तौर पर रेसलिंग करियर से विराम लेने का ऐलान नहीं किया है. स्टार रेसलर उस समय वापस चर्चा में आए जब महिला पहलवानों ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर महिला रेसलर्स के यौन शोषण के आरोप लगाए.  बजरंग, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक की अगुवाई में 18 जनवरी 2023 से आंदोलन शुरू हुआ, जिसका मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. बजरंग ने डब्लूएफआई के अध्यक्ष के चुनाव को लेकर विरोध जताते हुए अपना पद्म श्री पुरस्कार भी वापस कर दिया था. बजरंग रेलवे में ओएसडी पद पर तैनात थे. हरियाणा चुनाव से पहले वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उनको अखिल भारतीय किसान कांग्रेस का प्रभार दिया गया था.

Next Article

Exit mobile version