सलाइवा के इस्तेमाल पर रोक ने गेंदबाजों को अपंग बना दिया, मास्टर ब्लास्टर सचिन ने कही यह बात
नयी दिल्ली : महान क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा कि सलाइवा (लार) के इस्तेमाल पर रोक के बाद गेंदबाज अपाहिज हो गये हैं. कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus) के क्रिकेट के पूरे स्वरूप को ही बदल कर रख दिया है. खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के दौरान जहां बायो बब्बल (Bio Bubble) में रहना है, वहीं गेंदबाजों को गेंद पर लार के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसा कोविड-19 प्रोटोकॉल (Covid-19 Protocol) के तहत किया गया है. जिससे संक्रमण फैलने की जरा भी संभावना नहीं हो.
नयी दिल्ली : महान क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा कि सलाइवा (लार) के इस्तेमाल पर रोक के बाद गेंदबाज अपाहिज हो गये हैं. कोरोनावायरस संक्रमण (Coronavirus) के क्रिकेट के पूरे स्वरूप को ही बदल कर रख दिया है. खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के दौरान जहां बायो बब्बल (Bio Bubble) में रहना है, वहीं गेंदबाजों को गेंद पर लार के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. ऐसा कोविड-19 प्रोटोकॉल (Covid-19 Protocol) के तहत किया गया है. जिससे संक्रमण फैलने की जरा भी संभावना नहीं हो.
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि पिच पर गेंदबाजों के सामने सबसे बड़ी चुनौती सलाइवा पर प्रतिबंध है. इससे पहले टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने भी यह बात कही थी. उन्होंने आईपीएल के दौरान कहा था कि टेस्ट मैचों में इस प्रतिबंध से गेंदबाजी पर काफी प्रभाव देखने को मिलेगा. बुमराह ने कहा था कि सलाइवा का इस्तेमाल खास तौर पर रिवर्स स्विंग के लिए किया जाता है.
सचिन ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि गेंदबाजों के लिए लार पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इससे खेल बल्लेबाजों के पक्ष में जा सकता है. पहले लार के इस्तेमाल से गेंदबाजों को काफी मदद मिलती थी. अब मैच बल्लेबाजों के पक्ष में झुक जायेगा. गेंदबाज कोई भी कमाल करने के लिए उतना स्वतंत्र नहीं होगा, जितना पहले होता था. उन्होंने सलाइवा के विकल्पों को गेंदबाजी के लिए नाकाफी बताया.
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सचिन ने एएनआई से कहा कि सलाइवा बैन के साथ गेंदबाज अपंग हैं, अगर उन्हें सलाइवा का कोई विकल्प नहीं मिलता. आज हमारे पर सलाइवा का कोई विकल्प नहीं है. क्रिकेट हमेशा से ऐसा ही रहा है. पसीना और सलाइवा हमेशा इसमें था. मैं कहूंगा की पसीने से भी कहीं ज्यादा महत्वूपर्ण सलाइवा है. इसलिए 60 प्रतिशत तक अच्छा है. गेंदबाज पसीने से ज्यादा सलाइवा पर ही निर्भर करते हैं.
Posted By: Amlesh Nandan.