BCCI AGM: दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए डिफरेंटली एबल्ड कमेटी, बीसीसीआई के फैसले से दिव्यांग क्रिकेटर खुश
जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिश के आधार पर तीन पूर्व दिव्यांग क्रिकेर्ट्स की एक कमेटी बनाने का पिछले कई वर्षों से इंतजार किया जा रहा था. 4 दिसंबर को हुए बीसीसीआई की वार्षिक बैठक में डिफरेंटली एबल्ड कमेटी बनाने का प्रस्ताव पास किया गया.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए डिफरेंटली एबल्ड कमेटी (Differently Abled Cricket Committee) बनाने के निर्णय का दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ियों ने स्वागत किया है.
जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफारिश के आधार पर तीन पूर्व दिव्यांग क्रिकेर्ट्स की एक कमेटी बनाने का पिछले कई वर्षों से इंतजार किया जा रहा था. 4 दिसंबर को हुए बीसीसीआई की वार्षिक बैठक में डिफरेंटली एबल्ड कमेटी बनाने का प्रस्ताव पास किया गया.
दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के महासचिव हारून रशीद ने बताया वह पिछले कई साल से इस संबंध में बीसीसीआई को लगातार लिख रहे हैं. दिव्यांग क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ऑफ इंडिया के वर्तमान अध्यक्ष मुकेश कंचन का नाम बीसीसीआई को कमेटी में शामिल करने के लिए भेजा भी गया है. उन्होंने डिफरेंटली एबल्ड कमेटी में मुकेश कंचन को शामिल करने की मांग की है.
We are super excited to announce that the Board of Control for Cricket in India (BCCI) has officially formed a Differently Abled Cricket Committee.
— INDIAN DEAF CRICKET ASSOCIATION (IDCA)🇮🇳 (@indian_deaf) December 5, 2021
This decision will definitely empower the differently-abled talent in India.#IDCA #BCCI #CricketFans #DifferentlyAbledCricket pic.twitter.com/pzDCQ2q679
मुकेश कंचन के अलावा राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मानवेंद्र सिंह पटवाल और मूकबधिर टीम के पूर्व कप्तान विवेक मालशे को भी कमेटी में शामिल करने की मांग की गयी है.
मुकेश कंचन ने भारतीय टीम के लिए 57 मैच खेले हैं जिनमें 21 मैचों में उन्होंने टीम की अगुआई भी की है. मुकेश 2015 एशिया कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा भी रहे हैं.
मूकबधिर क्रिकेट के विवेक मालशे जिन्होंने 1992 से 2010 तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला है. मालशे दो बार विश्व कप में हिस्सा लिया. साथ ही विश्व कप और एशिया कप में भारतीय मूकबधिर क्रिकेट टीम की कप्तानी भी की.
जबकि 15 साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके मानवेंद्र सिंह पाटवाल ने पाकिस्तान में हुए 2006 वर्ल्ड कप में भारतीय नेत्रहीन क्रिकेट टीम की अगुआई की थी. उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने इंग्लैंड को उसी की जमीन पर 5-0 से हराया था. मानवेंद्र सिंह पाटवाल को 2018 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है.