BCCI Bans Boria Majumdar: विकेटकीपर क्रिकेटर रिद्धिमान साहा (Wriddhiman Saha) को धमकी देने वाले पत्रकार बोराल मजुमदार के खिलाफ भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक्शन में आ गया है. बीसीसीआई ने इस पत्रकार को दो साल के लिए बैन कर दिया है. कहा गया है कि उसे बीसीसीआई की ओर से दो साल तक एक्रिडिटेशन (BCCI Accreditation) कार्ड जारी नहीं किया जायेगा. न ही किसी खिलाड़ी से बातचीत करने की उसे अनुमति दी जायेगी.
बीसीसीआई की सर्वोच्च काउंसिल की बैठक में यह फैसला किया गया. मंगलवार को बीसीसीआई के सीईओ हेमंग अमीन ने खेल संघों को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया है कि मजुमदार को दो साल के लिए बैन किया जा रहा है. उसे किसी घरेलू या अंतरराष्ट्रीय मैच का एक्रिडिटेशन कार्ड जारी नहीं किया जायेगा. बता दें कि क्रिकेटर रिद्धिमान साहा ने बोर्ड के साथ वो मैसेज शेयर किये थे, जिसमें पत्रकार ने धमकी दी थी.
रिद्धिमान साहा ने बाद में बोर्ड के सदस्यों को भेजे गये ई-मेल में पत्रकार के नाम का खुलासा किया था. बीसीसीआई ने इस मामले का संज्ञान लिया और उसकी जांच के बाद पत्रकार को दो साल के लिए बैन करने का फैसला लिया. ऐसा फैसला इसलिए लिया गया, ताकि भविष्य में किसी खिलाड़ी के साथ फिर ऐसी घटना न हो. पत्रकार अब किसी खिलाड़ी (भारतीय या विदेशी) का इंटरव्यू भी नहीं ले पायेगा.
इतना ही नहीं, बीसीसीआई से संबद्ध किसी भी खेल संघ के कार्यालय में उसकी एंट्री पर दो साल तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि 19 फरवरी को रिद्धिमान साहा को श्रीलंका के खिलाफ होने वाले मैच से बाहर किये जाने के बाद पत्रकार ने इंटरव्यू नहीं देने पर धमकी दी थी. रिद्धिमान साहा ने ट्विटर का स्क्रीनशॉट बीसीसीआई से शेयर किया था.
मामला सामने आने के बाद वीरेंद्र सेहवाग, हरभझन सिंह, वेंकटेश प्रसाद, इरफान पठान जैसे क्रिकेटरों ने रिद्धमान के पक्ष में आवाज बुलंद की थी. साथ ही रिद्धिमान साहा से आग्रह किया था कि वह उस पत्रकार का नाम उजागर करें, जिसने उन्हें धमकी दी. हालांकि, रिद्धिमान साहा ने तब कहा था कि वह पत्रकार का नाम उजागर करके उसके कैरियर को खत्म नहीं करना चाहते.
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रिद्धिमान साहा की शिकायत के बाद बीसीसीआई ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया. कमेटी में बीसीसीआई के वाइस प्रेसिडेंट राजीव शुक्ला, ट्रेजरर अरुण सिंह धूम और एपेस काउंसिल के सदस्य प्रभतेज सिंह भाटिया शामिल थे. इन्होंने साहा और मजुमदार दोनों से बातचीत करने के बाद अपनी रिपोर्ट दी. उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही बीसीसीआई ने पत्रकार पर दो साल के लिए बैन लगाने का फैसला किया है.