BCCI News: हाल के दिनों में भारतीय बल्लेबाज अपने खराब प्रदर्शन की वजह से काफी आलोचनाएं झेल रहे हैं. कुछ सीनियर खिलाड़ियों के करियर पर भी तलवार लटकती नजर आ रही है. सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं नये चीफ कोच बने गौतम गंभीर और उनके कोचिंग स्टाफ भी आलोचकों के निशाने पर हैं. कोच बनने के बाद गंभीर के मार्गदर्शन में टीम इंडिया ने ऐसा एक भी कारनामा नहीं किया है, जिसके लिए उनकी तारीफ की जाए. राहुल द्रविड़ ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के साथ टीम की कमान गंभीर के हाथों में सौंपी थी, लेकिन उनकी कोचिंग में खेल के सबसे बड़े प्रारूप में टीम को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है. बीसीसीआई अब कुछ कड़े फैसले लेने की तैयारी में है, जिसका असर गंभीर और उनके कोचिंग स्टाफ पर भी पड़ेगा.
गंभीर की भूमिका का चैंपियंस ट्रॉफी के बाद होगा आकलन
गौतम गंभीर की मुख्य कोच के रूप में स्थिति का अगले महीने भारत के चैंपियंस ट्रॉफी के प्रदर्शन के आधार पर पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा, क्योंकि टीम में लंबे समय से चली आ रही ‘सुपरस्टार कल्चर’ को खत्म करने के उनके प्रयास के कारण ड्रेसिंग रूम में असंतोष है. पिछले साल जुलाई में गंभीर के पदभार संभालने के बाद से भारतीय टीम 10 में से छह टेस्ट और श्रीलंका में एक द्विपक्षीय वनडे सीरीज हार चुकी है. इन नतीजों ने विराट कोहली और रोहित शर्मा के अंतरराष्ट्रीय भविष्य को काफी हद तक खतरे में डाल दिया है, क्योंकि वे खुद भी खराब फॉर्म में हैं.
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ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर टीम इंडिया का शर्मनाक प्रदर्शन
गंभीर की स्थिति थोड़ी ज्यादा डांवाडोल हो गई है. ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज के दौरान प्रमुख खिलाड़ियों के साथ उनके मतभेद की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें भारत 1-3 से हार गया. अगर भारत चैंपियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है, तो मुख्य कोच की स्थिति अस्थिर हो सकती है. उनका अनुबंध जरूर 2027 विश्व कप तक है, लेकिन मूल्यांकन की प्रक्रिया जारी है. ऐसे में उन्हें 2025 में ही अपना पद गंवाना पड़ सकता है.
अब तक गंभीर ने नहीं दिया है ठोस परिणाम
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘खेल परिणाम महत्वपूर्ण है और अब तक गंभीर ने कोई ठोस परिणाम नहीं दिया है. गंभीर सुपरस्टार संस्कृति को खत्म करना चाहते हैं जो इतने सालों से चली आ रही है. 2012 में कोलकाता नाइट राइडर्स के कप्तान के रूप में, उन्होंने CSK के खिलाफ आईपीएल फाइनल के लिए ब्रेंडन मैकुलम को प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया था. वह सुपरस्टार संस्कृति को खत्म करने के लिए यहां आए हैं और यही बात कुछ खिलाड़ियों के लिए परेशानी का कारण बनी है.’