BCCI ने की हलाल मीट की सिफारिश, बीफ और पोर्क पर प्रतिबंध, विवाद शुरू
खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह हलाल मांस की सिफारिश करे. उन्होंने इस फैसले को वापस लिये जाने की मांग भी की है.
कानपुर टेस्ट के दौरान हलाल मांस की सिफारिश करने बीसीसीआई विवादों में घिर गया है. भारतीय क्रिकेटरों के भोजन का जो मेन्यू है उसके अनुसार बीसीसीआई ने हलाल मांस की सिफारिश की जिसके बाद विवाद शुरू हुआ.
मेन्यू के अनुसार पोर्क (सूअर का मांस) और बीफ (गौमांस) किसी भी रूप में भोजन का हिस्सा नहीं होना चाहिए. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता और एडवोकेट गौरव गोयल ने इस सिफारिश को तुरंत वापस लेने की मांग की है. गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर जारी वीडियो में कहा, खिलाड़ी कुछ भी खाना चाहते हैं वह खायें, यह उनकी मर्जी है लेकिन बीसीसीआई को यह अधिकार किसने दिया है वह हलाल मांस की सिफारिश करे. उन्होंने इस फैसले को वापस लिये जाने की मांग भी की है.
इस संबंध में बीसीसीआई की ओर से कोई अधिकारिक बयान अबतक सामने नहीं आया है. खिलाड़ियों के लिए जो मेन्यू तैयार किया गया है उसमें पोषण का ख्याल रखा जाता है. देखा गया है कि हिंदू और सिख खिलाड़ी झटका वाला मीट खाना चाहते हैं, जिसमें जानवर का सिर एक झटके में धड़ से अलग किया जाता है, जबकि मुसलमान खिलाड़ी हलाल मीट खाना चाहते हैं.
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एक पूर्व भारतीय क्रिकेटर ने कहा कि सूअर का मांस और गौमांस को भोजन सामग्री में शामिल नहीं करना आश्चर्यजनक नहीं हैं लेकिन इस बारे में कभी लिखित निर्देश नहीं दिये गये. पीटीआई के अनुसार मैच के दिनों में कभी ड्रेसिंग रूम में गौमांस या सूअर का मांस नहीं भेजा गया. भारत में तो कम से कम कभी नहीं. इसलिए यह कहा जा सकता है कि बीसीसीआई ने जो निर्देश अभी दिया है उसमें कुछ नया नहीं है इस बात के अलावा कि यह लिखित है.
बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के मांसाहारी भोजन में भुना हुआ चिकन, भेड़ का भुना हुआ मांस, काली मिर्च सॉस के साथ भेड़ के मांस के चॉप, मुर्ग यखनी, चिकन थाई करी, मसालेदार ग्रील्ड चिकन, गोवा मछली करी, टंगड़ी कबाब और लहसुन की चटनी के साथ तला हुआ चिकन शामिल हैं.
Posted By : Rajneesh Anand