Loading election data...

पैसों की तंगी से जूझ रहे भारतीय क्रिकेटर, कप्तान के पास नहीं है नौकरी, BCCI से कर दी ऐसी मांग

बीसीसीआई (BCCI) जब कोरोना संकट से जूझ रहे घरेलू क्रिकेटरों को मुआवजा राशि देने को लेकर फॉर्मूला तैयार करने में लगा है. उसी बीच घरेलू क्रिकेट में केंद्रीय अनुबंध की मांग (Central Contracts In Domestic Cricket) तेज हो गयी है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 3, 2021 8:03 AM
an image

बीसीसीआई (BCCI) जब कोरोना संकट से जूझ रहे घरेलू क्रिकेटरों को मुआवजा राशि देने को लेकर फॉर्मूला तैयार करने में लगा है. उसी बीच घरेलू क्रिकेट में केंद्रीय अनुबंध की मांग (Central Contracts In Domestic Cricket) तेज हो गयी है.

इसकी शुरुआत सबसे पहले टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर के बेटे रोहन गावस्कर ने की थी. उसके बाद जयदेव उनादकट, शेल्डन जैकसन और हरप्रीत सिंह भाटिया जैसे घरेलू क्रिकेटरों की ने भी उनके सुर में सुर मिलाया.

रोहन गावस्कर ने कुछ दिनों पहले राज्य संघों से मांग की थी कि वे मैच फीस के इतर खिलाड़ियों को अनुबंध दें जैसे राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों को दिए जाते हैं. उन्होंने कहा था कि अधिकतर घरेलू खिलाड़ियों को आईपीएल में खेलने का मौका नहीं मिलता है और उनके पास नौकरी भी नहीं होती. ऐसे में वे आजीविका के लिए मैच फीस पर निर्भर रहते हैं.

Also Read: इंटरनेट पर तहलका मचा रहा धनाश्री का नया वीडियो, ‘एक लड़की भीगी भागी सी’ गाने पर किया धांसू डांस

सौराष्ट्र के कप्तान और भारतीय क्रिकेटर जयदेव उनादकट ने कहा, राज्य के टॉप 30 खिलाड़ियों को अनुबंध दिया जाना चाहिए. वहीं छत्तीसगढ़ के कप्तान हरप्रीत सिंह भाटिया ने कहा, पिछले सत्र में मैं सीमित ओवरों के सभी 10 मैच खेला. स्पष्ट तौर पर यह पर्याप्त नहीं था. मुझे अतिरिक्त पैसे के लिए ब्रिटेन आना पड़ा.

उन्होंने कहा, भारत में मेरे पास नौकरी नहीं है इसलिए अपनी कमाई में इजाफे के लिए मुझे इंग्लैंड आना पड़ता है. उन्होंने कहा, अगर स्वदेश में मेरे पास केंद्रीय अनुबंध होता तो मेरा खेलने के लिए ब्रिटेन आना अनिवार्य नहीं होता. उन्होंने बीसीसीआई पर भरोसा जताया है कि उनकी बातें सुनी जाएंगी.

Also Read: शादी से पहले धौनी की पत्नी साक्षी की ऐसी थी लाइफस्टाइल, ऐसे हुई थी माही के साथ पहली मुलाकात

उन्होंने कहा, मेरे पास नौकरी नहीं है और तब क्या होगा अगर मैं चोटिल हो जाऊं और पूरे सत्र में नहीं खेल पाऊं. यहीं पर अनुबंध और अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. शेल्डन जैकसन ने महिला क्रिकेटरों को भी अनुबंध दिए जाने की मांग गी. उन्होंने कहा, राज्य संघों को अनुबंध देने चाहिए. खासकर ऐसे समय में जब किसी को यह पता नहीं है कि कोरोना महामारी कब तक चलेगी.

जैकसन ने कहा अगर केंद्रीय अनुबंध खिलाड़ियों को मिलेगी तो कम से कम उनके पास सुरक्षा तो होगी और समय में अपने परिवारों का ख्याल रख सके. गौरतलब है कि बीसीसीआई कोषाध्यक्ष अरूण धूमल ने पहले ही बयान दिया था कि बोर्ड राज्य संघों के साथ मिलाकर मुआवजे के पैकेज पर काम कर रहा है.

posted by – arbind kumar mishra

Exit mobile version