BGT: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर गावस्कर सीरीज के शुरुआती मैच की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 90 रनों की पारी खेली. पहली पारी में शून्य पर आउट होने वाले जायसवाल ने रिकॉर्डतोड़ बैटिंग की. जायसवाल ने पर्थ की तेज गेंदबाजों की मददगार पिच से सामंजस्य बैठाने के लिए कड़ा अभ्यास किया. उन्होंने दो दिनों में लगभग 200 ओवर तक बल्लेबाजी अभ्यास किया. जायसवाल ने इंडियन प्रीमियर लीग में राजस्थान रॉयल्स के क्रिकेट निदेशक जुबिन भरूचा की देखरेख में बल्लेबाजी में काफी सुधार किया है. वह कोविड-19 महामारी के दौरान महाराष्ट्र के तालेगांव स्थित भरूचा की अकादमी में अभ्यास करते थे.
BGT: 145 KMPH की रफ्तार वाली गेंद का किया सामना
न्यूजीलैंड सीरीज में स्पिनरों की मददगार पिच पर खेलने के बाद ऑस्ट्रेलिया की तेज और उछाल वाली पिचों से सामंजस्य बिठाने के लिए यशस्वी जायसवाल के पास काफी कम समय था. वह इस तैयारी के लिए दो दिनों तक अपने घर के निकट ठाणे स्टेडियम में रुके रहे और वहां थ्रो डाउन’ पर लगभग 200 ओवरों तक बल्लेबाजी अभ्यास किया. उन्होंने कंक्रीट के स्लैब को 45 डिग्री के कोण पर रख कर लगभग 145 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार वाली गेंदों पर अभ्यास किया. इस दौरान गेंद को उनके शरीर के साथ ऑफ स्टंप को निशाना बना कर डाली गयी.
That's Stumps on Day 2 of the first #AUSvIND Test!
— BCCI (@BCCI) November 23, 2024
A mighty batting performance from #TeamIndia! 💪 💪
9⃣0⃣* for Yashasvi Jaiswal
6⃣2⃣* for KL Rahul
We will be back tomorrow for Day 3 action! ⌛️
Scorecard ▶️ https://t.co/gTqS3UPruo pic.twitter.com/JA2APCmCjx
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BGT: ठाणे में जायसवाल ने किया था अभ्यास
इंडियन प्रीमियर लीग की नीलामी के लिए जेद्दाह में मौजूद भरूचा ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, ‘उनके पास समय कम था, इसलिए उन्होंने ठाणे स्टेडियम में अभ्यास किया. उन्होंने अभ्यास में हल्की गेंदों का इस्तेमाल किया क्योंकि वह तेजी से निकलती है. कंक्रीट स्लैब को ‘गुथ लेंथ’ से थोड़ा पीछे रखा गया था. ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले उन्होंने दो दिनों में लगभग 200 ओवरों तक बल्लेबाजी अभ्यास किया.’
BGT: पहले अलग ढंग से होता था अभ्यास
भरूचा से जब पूछा गया कि वह एक दिन में लगभग 100 ओवर तक बल्लेबाजी कैसे कर पाये, तो उन्होंने कहा, ‘अभ्यास के दौरान दो गेंदों के बीच में काफी कम समय था. गेंदें बिना रुके एक के बाद एक डाली जा रही थी ऐसे में हमने थोड़ा विश्राम करने के साथ लगभग ढाई घंटे में ऐसा कर लिया.’ अतीत में ऑस्ट्रेलिया या दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले भारतीय खिलाड़ी कंक्रीट की पिच पर 15 गज की दूरी से की जाने वाली गेंदबाजी का सामना करते थे लेकिन समय के साथ इसमें काफी बदलाव आया है.
BGT: सिंथेटिक गेंद से जायसवाल ने किया अभ्यास
उन्होंने कहा, ‘सामान्य पिच जैसी उछाल टर्फ पिच पर हासिल करना मुश्किल है. इस लिए कंक्रीट स्लैब का इस्तेमाल ऐसे किया गया और उसी तरह से रखा गया जिससे अनियमित उछाल मिले. इस दौरान हमने सिंथेटिक गेंदों का प्रयोग किया था जो अधिक तेज गति से निकलती हैं.’
(यह खबर समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की न्यूज फीड से ली गई है.)