16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जन्मदिन विशेष : लेफ्ट आर्म स्पिनर के तौर टीम इंडिया में शामिल हुए थे रवि शास्त्री, फिर ऐसे बने बैटिंग ऑल राउंडर

रवि शास्त्री के जन्मदिन के मौके पर उनके द्वारा हासिल की गयी उपलब्धियां

रवि शास्त्री भारतीय क्रिकेट टीम का वो नाम जो गिरती हुई टीम को अर्स से फर्स तक पहुंचाया. वो कोच जिसने टीम इंडिया के गिरते आत्म विश्वास को फिर जगाया और टीम इंडिया को लड़ना सीखाया. एक ऐसा कॉमेंटेटर जिसकी आवाज आज भी हर भारतीयों के दिलो दिमाग गूंजता है. दरअसल हम बात रवि शास्त्री की इसलिए कर रहे हैं क्योंकि रवि शास्त्री का कल जन्मदिन है. कल वो 58 साल के हो जाएंगे. रवि शास्त्री का जन्म 27 मई 1962 को महाराष्ट्र के मुंबई में हुआ. रवि शास्त्री ने 17 साल की उम्र में अपना रणजी ट्रॉफी डेब्यू किया था. उस समय वो बॉम्बे के लिए खेलने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर थे. उन्होंने टीम इंडिया की तरफ से पहला डेब्यू मैच 25 नवंबर को किया था.

उन्होंने अपने करियर की शुरूआत एक लेफ्ट आर्म स्पिनर के तौर पर किया था. लेकिन बाद में उन्होंने अपने आप को एक ऑल राउंडर के तौर टीम में बनाया. उनकी बल्लेबाजी को देखते हुए विजडन ने उनकी पहली शृंखला पर टिप्पणी करते हुए उन्हें एक उपयोगी ऑल राउंडर करार दिया था. उनके शांत और सूझ बूझ के कारण ही टीम इंडिया में वो नंबर 1 से 10 तक सभी बैटिंग पोजीशन पर बल्लेबाजी की. साल 1982 रवि शास्त्री करियर में आगे बढ़ने का शानदार मौका मिला था. वो मौका था अपने आप को एक शुद्ध बल्लेबाज के रूप में साबित करने का. इंग्लैंड के ओवल के मैदान में उन्हें पहली बार टेस्ट सीरीज में ओपनिंग करने की जिम्मेदारी दी गयी.

और उन्होंने सलामी बल्लेबाज के रूप 66 रनों की पारी खेली, साल 1984 में टीम इंडिया तीसरी बार पाकिस्तान का दौरा की थी. 1984 के लाहौर टेस्ट में पाकिस्तान ने 428 रनों का स्कोर खड़ा किया. लेकिन भारतीय टीम उस वक्त पर पहली पारी में केवल 156 रन ही बना सकी. पाकिस्तान ने उन्हें फॉलोऑन के लिए मजूबर कर दिया. भारत उस वक्त 92 रन पर अपने 6 विकेट गंवा कर संघर्ष कर रहा था. लेकिन रवि शास्त्री और मोहिंदर अमरनाथ के बीच 126 रन की साझेदारी ने पाकिस्तान के मुंह से जीत छीन लिया और मैच ड्रॉ हो गया.

उन्होंने 1985- 86 के कार्यकाल में उपकप्तानी की भी जिम्मेदारी संभाली थी. उन्होंने अपने पूरे करियर में 80 टेस्ट मैचों में 35 की औसत से 3830 रन बनाए हैं जिसमें 11 शतक और 12 अर्द्ध शतक शामिल हैं. वहीं अगर हम उनके वनडे करियर की बात करें तो उन्होंने 150 एकदिवसीय मैचों में 3108 रन बनाए हैं. जिसमें 4 शतक और 18 अर्द्धशतक शामिल है.

रवि शास्त्री का कोचिंग कार्यकाल

अपनी कोचिंग कार्यकाल में शास्त्री ने टीम इंडिया को बहुत सी उपलब्धियां दिलवाईं हैं, फिर चाहे वो टेस्ट क्रिकेट में दुनिया की नंबर वन टीम बनना हो या ऑस्ट्रेलिया में पहली सीरीज जीतना, ये सब इंडियन क्रिकेट टीम ने शास्त्री की कोचिंग की मदद से ही हासिल किया है. रवि को हेड कोच की जिम्मेदारी कुंबले के विवादित तरीके से कोच के पद से हटने के बाद बनाया गया था. 2011 में गैरी कर्स्टन के शानदार कार्यकाल के बाद बीसीसीआई ने डंकन फ्लेचर को कोच बनाया, लेकिन उनका कार्यकाल बेहद खराब रहने के कारण बीसीसीआई का विदेशी कोच के रूप में मोहभंग हो गया और रवि शास्त्री को टीम का डायरेक्टर बनाया गया.

वह 2014 से 2016 तक टीम डायरेक्टर के रूप में रहे. टीम डायरेक्टर और कोच के रूप में रवि शास्त्री के कार्यकाल में ही महेंद्र सिंह धोनी ने टेस्ट से संन्यास लिया और विराट कोहली टेस्ट टीम जबकि धौनी वनडे और टी-20 टीम के कप्तान थे. उनके इस कार्यकाल में भारत ने श्रीलंका को और घर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हराया था. एशिया कप टी-20 में जीत के बाद टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भी टीम इंडिया पहुंची. साथ ही टी-20 क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया को उसके ही घर में पहली बार हराया. रवि शास्त्री साल 2017 में टीम इंडिया के मुख्य कोच चुने गए. जुलाई 2017 से भारत ने 21 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें रवि शास्त्री के कार्यकाल में टीम ने 13 मैचों में जीत दर्ज की है. जबकि टी- 20 में उनका कार्यकाल और भी शानदार रहा है. भारत ने उनके कार्यकाल में 36 टी- 20 मैच खेले हैं जिसमें 25 मैचों में जीत मिली है. वनडे में भारत ने 60 में से 43 मुकाबले जीते हैं. रवि के कोच बनने के बाद टीम इंडिया का सफलता दर 70 प्रतिशत रहा है. रवि के कोच बनने के बाद टीम इंडिया दो बार एशिया कप पर कब्जा जमा चुकी है. जबकि टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराने का कारनामा भी कर चुकी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें