एडीलेड : आस्ट्रेलिया दौरे पर गयी टीम इंडिया के आलराउंडर रविंद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद क्रिकेट ग्राउंड में सुरक्षा का मुद्दा एक बार फिर से बहस में आ गया है. इससे पहले जब आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिलिप ह्यूज की क्रिकेट ग्राउंड में चोट लगने के बाद मौत हुए थी उस वक्त भी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर खूब बहस हुई थी.
आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने सुरक्षा उपायों की समीक्षा का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसा कोई भी कड़ा नियम बनाना अच्छा विचार होगा जिससे शार्ट पिच गेंदों का सामना करने वाले टेलएंडर बैट्समैन का बचाव हो सके. भारत और आस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट श्रृंखला से पहले सिर में चोट लगने और कनकशन (सिर में हल्की चोट) के लिए सब्सीटियूट खिलाड़ी लेने की घटनाएं हुई जिससे तेज गेंदबाजों द्वारा बाउंसर के उपयोग को लेकर चर्चा फिर से शुरू हो गयी.
चैपल ने हालांकि इस गेंद पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने के विचार को सिरे से नकार दिया. चैपल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो में अपने कॉलम में लिखा, बाउंसर पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने के किसी भी विचार को उसी तरह से तुरंत खारिज कर देना चाहिए जैसे गेंदबाज न्यूजीलैंड के पुछल्ले बल्लेबाज क्रिस मार्टिन को आते ही पवेलियन भेज देते थे. अपने जमाने के इस दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, अब बल्लेबाज, गेंदबाज और अंपायरों सहित मैदानी सुरक्षा की विश्वव्यापी समीक्षा करना का समय आ गया है, जिसमें बल्लेबाजी तकनीक प्राथमिकता हो.
उन्होंने कहा, इस तरह की समीक्षा करते हुए पुछल्ले बल्लेबाजों को शार्ट पिच गेंदबाजी से बचाने के लिए किसी भी तरह का कड़ा नियम बनाना उचित होगा. खेल के कुशल विशेषज्ञों में से एक चैपल ने खिलाड़ियों विशेषकर निचले क्रम के बल्लेबाजों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है.
उन्होंने कहा कि बाहर होने वाले खिलाड़ी के समान योग्यता रखने वाले खिलाड़ी को मैदान में उतारने को लेकर शिकायत करना व्यर्थ लगता है. चैपल ने यह बात टी20 श्रृंखला के दौरान कनकशन के शिकार हुए रविंद्र जडेजा की जगह युजवेंद्र चहल को उतारने के संदर्भ में कही.
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चैपल ने कहा, यह बहस तब बढ़ी जब चहल ने तीन विकेट लिये और भारत की करीबी मैच में मैन ऑफ द मैच बने. समान योग्यता रखने वाले खिलाड़ी को उतारने को लेकर शिकायत करना व्यर्थ लगता है. सभी पक्षों को खुश करना हमेशा मुश्किल होगा.
Posted By : Rajneesh Anand