Brian Lara ने इन 4 युवा खिलाड़ियों पर 400 रनों का रिकॉर्ड तोड़ने का जताया भरोसा, लिस्ट में दो भारतीय शामिल
Brian Lara: ब्रायन लारा का मानना है कि यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिलउनका 400 रन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं.
Brian Lara: काउंटी मैच में नाबाद 501 रन से लेकर टेस्ट मैच की एक पारी में नाबाद 400 रन तक, ब्रायन लारा ने अपने खेल करियर के दौरान कई अविश्वसनीय रिकॉर्ड बनाए. लारा ने टेस्ट मैच की एक पारी में बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन के रिकॉर्ड को एक बार नहीं, बल्कि दो बार तोड़ा. 1994 में, उन्होंने हमवतन गैरी सोबर्स के 365 रन को पीछे छोड़ते हुए इंग्लैंड के खिलाफ सेंट जॉन्स में 375 रन बनाए. यह रिकॉर्ड 10 साल बाद तब टूटा जब मैथ्यू हेडन ने जिम्बाब्वे के खिलाफ 385 रन बनाए.
हालांकि, लारा ने इस बार भी इसे नहीं छोड़ा और उसी मैदान पर इंग्लैंड के खिलाफ नाबाद 400 रन बनाए, जहां उन्होंने पहले स्थान पर सोबर्स को पीछे छोड़ा था. अब, 20 साल बाद, लारा का रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है. वास्तव में, 350 को पार करने वाले आखिरी बल्लेबाज श्रीलंका का महेला जयवर्धने थे, जिसने 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 374 रन बनाए थे.
Brian Lara: शुबमन गिल और यशश्वी जैस्वाल पर जताया भरोसा
हालांकि, लारा ने माना कि मौजूदा पीढ़ी के कुछ खिलाड़ी उनके रिकॉर्ड को तोड़ने में सक्षम हैं. लारा ने इंग्लैंड और भारत से दो-दो खिलाड़ियों का नाम लिया जो उनके इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तोड़ सकते हैं. लारा ने डेली मेल से कहा, ‘मेरे समय में ऐसे खिलाड़ी थे जो चुनौती देते थे, या कम से कम 300 रन का आंकड़ा पार करते थे – वीरेंद्र सहवाग, क्रिस गेल, इंजमाम उल हक, सनथ जयसूर्या. वे काफी आक्रामक खिलाड़ी थे.’
उन्होंने कहा, ‘आज कितने आक्रामक खिलाड़ी खेल रहे हैं? खासकर इंग्लैंड की टीम में. जैक क्रॉली और हैरी ब्रुक. शायद भारतीय टीम में? यशस्वी जायसवाल, शुभमन गिल. अगर उन्हें सही स्थिति मिले तो दोनों मेरा रिकॉर्ड तोड़ सकतें हैं.’
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इस रिकॉर्ड को दो बार तोड़ने के लिए उन्हें किस बात ने प्रेरित किया, इस पर बोलते हुए लारा ने कहा: ‘मुझे वह पल पसंद आया, जिससे विरोधी टीम के विकल्प कम हो गए, उन्हें लगभग खाली देखना पड़ा. मैंने इसे अपनी खूबी बना लिया – जब मुझे पता था कि कोई टीम हार चुकी है, तो मैं उसे नहीं छोड़ूंगा. मैं स्थिति का फायदा उठाने जा रहा था।.वह 375, 400, 501 था. यह वेस्टइंडीज के महान गेंदबाजों के रवैये से काफी मिलता-जुलता था. जब आपके हाथ में लाल गेंद होती है और आप 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे होते हैं, तो आप जानते हैं कि खिलाड़ी डरे हुए होंगे.’