टीम इंडिया ने नागपुर में खेले गये पहले टेस्ट के तीसरे ही दिन ऑस्ट्रेलिया को पारी और 132 रनों से रौंद डाला. कप्तान रोहित शर्मा ने शानदार 120 रनों की जारी खेली. रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने भी अर्धशतक बनाये. जडेजा ने रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर मेहमान टीम के 15 बल्लेबाजों को आउट किया. कंगारुओं की ओर से दोनों पारियों में कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं पहुंच पाया. इसका कारण था पिच पर मिल रही टर्न.
पिच की टर्न का फायदा केवल भारतीय ही नहीं ऑस्ट्रेलिया के स्पिनर टोड मर्फी को भी मिली. उन्होंने अपने डेब्यू मैच में ही सात विकेट चटकाये. मैच के बाद रोहित शर्मा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत में हम जिस तरह की पिचों पर खेल रहे हैं, आपको रन जुटाने के लिये कुछ ऐसे तरीके अपनाने की जरूरत होती है जो परंपरागत नहीं हो और थोड़ी योजना बनानी पड़ती है. मैं मुंबई में खेलते हुए बड़ा हुआ हूं जहां की पिच काफी टर्न लेती है. आपको थोड़ा अपरंपरागत भी होना पड़ता है, अपने पैरों का इस्तेमाल करो.
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रोहित ने कहा कि कुछ अलग करके गेंदबाजों पर भी दबाव बनाने की जरूरत होती है. इस अलग चीज में वो सब करो जो आपको ठीक लगे जैसे पैर का इस्तेमाल करना, स्वीप शॉट, रिवर्स स्वीप शॉट लगाओ. उन्होंने कहा कि हां, पिछली काफी चीजों को देखते हुए यह विशेष शतक था. श्रृंखला की शुरुआत काफी अहम है कि हम विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप तालिका में कहां पर हैं, तो अच्छी शुरूआत करना हमारे लिये महत्वपूर्ण था.
रोहित शर्मा ने स्पिन विभाग में रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन ने चमकदार प्रदर्शन के बाद भी अच्छी शुरुआत देने के लिए तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज की तारीफ की. उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाजों के पहले दो ओवर अहम थे. दो रन पर दो विकेट, मैच की इस तरह शुरूआत करने से आप दबदबा बना लेते हो. प्रतिद्वंद्वी वहीं से दबाव में आ जाता है. रोहित ने कहा कि हम जानते थे कि हमारा स्पिन विभाग शानदार है. लेकिन इस तरह की पिच पर तेज गेंदबाज भी खतरनाक हो सकते हैं.