Champions Trophy: फिर एक विवाद, इंग्लैंड के 160 नेताओं की अपील, अफगानिस्तान से मैच न खेले इंग्लैंड
Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी में भारत पाकिस्तान विवाद के कारण काफी देरी हुई. लेकिन आईसीसी के हस्तक्षेप के बाद यह सुलझा लिया गया. लेकिन अब इंग्लैंड के 160 सांसदों ने अफगानिस्तान के साथ इंग्लिश क्रिकेट टीम के न खेलने की अपील की है. इसके लिए ईसीबी प्रमुख को एक पत्र लिखा है.
Champions Trophy: भारत और पाकिस्तान के बीच मैच स्थान को लेकर लगभग दो महीने तक विवाद चला. आईसीसी ने इसमें मध्यस्ता करते हुए इसे सुलझाया. लेकिन अब एक और मामला आाया है. ब्रिटेन के 160 से अधिक राजनेताओं ने इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से अगले महीने अफगानिस्तान के खिलाफ चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट मैच का बहिष्कार करने का अनुरोध किया है. राजनेता चाहते हैं कि ईसीबी तालिबान शासन के महिलाओं के अधिकारों के दमन के खिलाफ आवाज उठाए और 26 फरवरी को पाकिस्तान के लाहौर में अफगानिस्तान के खिलाफ होने वाले पुरुषों के एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का बहिष्कार करे. तालिबान की 2021 में सत्ता में वापसी के बाद से खेल में महिलाओं की भागीदारी को प्रभावी रूप से गैरकानूनी घोषित कर दिया गया. यह फैसला आईसीसी के नियमों का उल्लंघन भी है लेकिन अफगानिस्तान को आईसीसी की प्रतियोगिताओं में भाग लेने की अनुमति है. ऐसे में ब्रिटेन के सांसदों ने एक पत्र लिखकर ईसीबी से अपनी नैतिकता के नाते आपत्ति दर्ज कराने की अपील की है.
अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के लिए उठाई आवाज
यह पत्र लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाज़ी में लिखा है तथा इसमें नाइजेल फराज और जेरेमी कॉर्बिन सहित हाउस ऑफ कॉमन्स और हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सांसदों के हस्ताक्षर हैं. ईसीबी के मुख्य कार्यकारी रिचर्ड गोल्ड को संबोधित पत्र में कहा गया है, ‘‘हम इंग्लैंड की पुरुष टीम के खिलाड़ियों और अधिकारियों से तालिबान के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाले बुरे व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह करते हैं.’’ इसके साथ ही इस पत्र में ईसीबी से अफगानिस्तान के खिलाफ आगामी मैच के बहिष्कार पर विचार करने का भी आग्रह किया है, ताकि यह स्पष्ट संकेत दिया जा सके कि इस तरह के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हमें लैंगिक भेदभाव के खिलाफ अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों को एकजुटता और आशा का एक दृढ़ संदेश देने का आग्रह भी पत्र के माध्यम से किया गया है.
किसी भी निर्णय के लिए सामूहिक जिम्मेदारी से बनेगी बात
ईसीबी के मुख्य कार्यकारी गोल्ड ने त्वरित प्रतिक्रिया जारी करते हुए ईसीबी के सिद्धांतों की पुष्टि करते हुए सुझाव दिया कि वह अकेले कोई फैसला करने के बजाय सभी सदस्य देशों से एक समान दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ईसीबी तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में महिलाओं और लड़कियों के साथ के जा रहे बुरे व्यवहार की कड़ी निंदा करता है. आईसीसी के संविधान के अनुसार सभी सदस्य देश महिला क्रिकेट के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं. इस प्रतिबद्धता के अनुरूप, ईसीबी ने अफगानिस्तान के खिलाफ किसी भी द्विपक्षीय क्रिकेट मैच का आयोजन नहीं करने की अपनी स्थिति बरकरार रखी है.” उन्होंने आगे कहा कि किसी एक सदस्य के बजाय आईसीसी के सभी सदस्यों द्वारा एक साथ उठाया गया कदम अधिक प्रभावी होगा.’’ इंग्लैंड ने 2003 में एकदिवसीय विश्व कप में रॉबर्ट मुगाबे के शासन के विरोध में जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच नहीं खेला था.
चैंपियंस ट्रॉफी की शुरुआत अगले महीने 19 फरवरी से होनी है. इंग्लैंड और अफगानिस्तान के बीच मुकबला 28 फरवरी को होना है. हाल के वर्षों में अफगानिस्तान सफेद गेंद क्रिकेट में एक बड़ी ताकत बन गया है, और एकदिवसीय विश्व रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंच गया है. उन्होंने 2023 एकदिवसीय विश्व कप में इंग्लैंड को हराया और पिछले साल टी20 विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंचकर ऑस्ट्रेलिया को हराया. एकदिवसीय मैचों के साथ उसने अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ भी शानदार प्रदर्शन किया है.
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यह खबर न्यूज एजेंसी भाषा से ली गई है.