गुजरात में फर्जी IPL का आयोजन कर रूसी पंटर्स से ठगी, सट्टेबाजों के इशारे पर खिलाड़ी लगाते थे चौके-छक्के
गुजरात के वडनगर में एक अनोखा मामला प्रकाश में आया है. रूसी पंटर्स को ठगने के लिए यहां के एक गांव में फर्जी आईपीएल का आयोजन किया गया. स्थानीय लोगों को खिलाड़ी बनाया गया. उन्हें हर मैच के 400 रुपये दिये गये. सट्टेबाजों के इशारों पर खिलाड़ी चौके और छक्के लगाते थे. कई बार आउट भी होते थे.
गुजरात के एक गांव से चौंकाने वाली घटना सामने आयी है. पुलिस ने एक सट्टेबाजी गैंग को पकड़ा है जो गुजरात के एक गांव में नकली इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का आयोजन कर रहे थे. आयोजकों ने स्थानीय बेरोजगार खिलाड़ियों को जमा किया और आईपीएल की तर्ज पर ही कई फ्रेंचाइजी बनायी. मेहसाणा जिले के वडनगर तालुका के मोलीपुर गांव के एक दूरदराज क्षेत्र में एक फॉर्म हाउस लिया गया और उसमें स्टेडियम बनाये गये.
क्वार्टर फाइनल तक पहुंच चुका था टूर्नामेंट
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस के हरकत में आने से पहले टूर्नामेंट अपने क्वार्टर फाइनल चरण में पहुंच गया था. आईपीएल 2022 के समापन के तीन सप्ताह बाद आयोजकों ने इस फर्जी टूर्नामेंट की शुरुआत की. इन ठगों ने रूस के तीन शहरों टवेर, वोरोनिश और मॉस्को के पंटर्स से नकली क्रिकेट मैचों के लिए पैसे लिये और आईपीएल नाम के एक यू-ट्यूब चैनल और एक ऐप पर मैचों का प्रसारण किया.
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आईपीएल की तरह बनायी थी फ्रेंचाइजी
21 स्थानीय लोगों को मुंबई इंडियंस, चेन्नई सुपर किंग्स और गुजरात टाइटंस की जर्सी पहनायी गयी. रिकॉर्ड की गई भीड़ के शोर ने नकली मैचों को और अधिक असली बनाया. टेलीग्राम चैनल पर सट्टे लगाये गये और सटोरियों ने हर्षा भोगले की नकल करने के लिए मेरठ के एक कमेंटेटर को भी इसमें शामिल किया था. कुल मिलाकर, अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच जारी है.
क्या कहना है पुलिस का
एसओजी पीआई, मेहसाणा, भावेश राठौड़ ने बताया कि कैसे एक रूसी पब में आठ महीने बिताने वाले शोएब दावड़ा नाम का एक व्यक्ति पूरी योजना के साथ आया. उन्होंने कहा कि शोएब ने गुलाम मसीह के खेत को किराए पर लिया और वहां फ्लड लाइटें लगायी. उन्होंने 21 खेतीहर मजदूरों को प्रति मैच 400 रुपये दिये और उनको खेलने के लिए कहा. इसके बाद, उन्होंने कैमरामैन को काम पर रखा और आईपीएल टीमों की टी-शर्ट खरीदी.
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आरोपी शोएब ने किया खुलासा
शोएब ने बाद में खुलासा किया कि जब वह रूसी पब में काम कर रहा था, तो उसकी मुलाकात आसिफ मोहम्मद नामक एक व्यक्ति से हुई, जो योजना के पीछे का मास्टरमाइंड था. राठौड़ ने आगे बताया कि शोएब दांव लगाता. वह अंपायर कोलू को चौके और छक्के लगाने का निर्देश देता था. कोलू बल्लेबाज और गेंदबाज को सचेत करता था. इसके बाद, बॉलर एक धीमी गेंद देगा, जिससे बल्लेबाज उसे चौका या छक्का लगाता था. कैमरामैन कैमरों को आकाश की ओर यह दिखाने के लिए पैन करता था कि गेंद कहीं दिखाई नहीं दे रही है. इसके बाद, वे अंपायर में जूम करते जो छक्के का संकेत देता था.