आईसीसी अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप का 14वां संस्करण शुक्रवार को वेस्टइंडीज में शुरू हुआ. जहां ऑस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में मेजबान वेस्टइंडीज को छह विकेट से हरा दिया है. साथ ही श्रीलंका ने ग्रुप डी के दूसरे मैच में स्कॉटलैंड को मात दी है. ऑस्ट्रेलिया की वेस्टइंडीज पर जीत के दौरान, ऑलराउंडर निवेथन राधाकृष्णन ने अपने प्रदर्शन और अद्वितीय गेंदबाजी शैली की बदौलत सभी का ध्यान आकर्षित किया.
19 साल का यह खिलाड़ी उन चुनिंदा लोगों में से है जो बाएं या दाएं दोनों हाथों से बल्लेबाजी या गेंदबाजी कर सकता है. हम में से बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि निवेथन राधाकृष्णन का जन्म भारत के चेन्नई में हुआ है. जब उनका परिवार ऑस्ट्रेलिया चला गया था तब वह सिर्फ 10 साल के थे. हालांकि राधाकृष्णन सिडनी में पले-बढ़े और तस्मानिया के साथ अपना पहला पेशेवर अनुबंध प्राप्त किया.
हाल ही में, राधाकृष्णन ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को एक साक्षात्कार दिया, जहां उन्होंने अपनी अस्पष्ट गेंदबाजी समस्याओं के बारे में बात की. चूंकि बल्लेबाज अंपायर को बताए बिना स्विच-हिट और रिवर्स स्वीप खेल सकते हैं. इसलिए युवा खिलाड़ी ने कहा कि उन्हें भी गेंदबाजी में अंपायर को बताए बिना स्विच करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
राधाकृष्णन ने कहा कि मुझे लगता है कि मुझे अंपायर को बताए बिना दोनों हाथों से गेंदबाजी करने में सक्षम होना चाहिए. एक बल्लेबाज स्विच-हिट या रिवर्स स्वीप करने से पहले अंपायर को तो नहीं बताता. क्या होगा अगर मैं भी दोनों हाथों से गेंदबाजी करूं. जब एक गेंदबाज नहीं जानता कि बल्लेबाज कौन सा शॉट खेलेगा तो गेंदबाज को भी आजादी मिलनी चाहिए कि बल्लेबाज नहीं जान पाए कि कौन से हाथ से गेंद फेंकेगा.
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विशेष रूप से, यदि कोई गेंदबाज उसी ओवर में अपनी गेंदबाजी का हाथ बदलना चाहता है, तो उसे अंपायर को इसके बारे में सूचित करना होता है. शुक्रवार को राधाकृष्णन ने अपनी टीम के लिए 31 रनों की अहम पारी खेली. उन्होंने तीन विकेट भी चटकाए. ऑस्ट्रेलिया अब अपने अगले अंडर-19 विश्व कप खेल में सोमवार 17 जनवरी को श्रीलंका से भिड़ेगा.