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IPL 2020 : चीनी कंपनी को IPL 13 का प्रायोजक बनाने पर भारी बवाल, RSS ने बताया, सैनिकों का अपमान

Chinese company, sponsor in IPL 13, fans angry, social media इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की संचालन परिषद ने रविवार को चीनी मोबाइल कंपनी वीवो सहित सभी प्रायोजकों को बरकरार रखने का फैसला किया और इस साल संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले टूर्नामेंट के दौरान कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने की स्थिति में असीमित संख्या में खिलाड़ियों को बदलने की मंजूरी दी.

नयी दिल्ली : इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की संचालन परिषद ने रविवार को चीनी मोबाइल कंपनी वीवो सहित सभी प्रायोजकों को बरकरार रखने का फैसला किया और इस साल संयुक्त अरब अमीरात में होने वाले टूर्नामेंट के दौरान कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने की स्थिति में असीमित संख्या में खिलाड़ियों को बदलने की मंजूरी दी. इधर चीनी कंपनी को प्रायोजक बनाये जाने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल शुरू हो गया है. लोग बीसीसीआई को इसके लिए जमकर लताड़ लगा रहे हैं. सोशल मीडिया में #bcci_चाइनीज_प्राचार_बन्द_करो ट्रैंड करने लगा.

विदेश मामलों के जानकार विष्णु प्रकाश ने तो यहां तक लिख दिया कि ऐसे में तो बीजिंग हम सब पर हंसेगा. दुनिया हमें गंभीरता से नहीं लेगा. दरअसल लद्दाख में 15 जून की रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बरकरार है. इस घटना के बाद भारत ने चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करने के लिए भारत करीब 100 ऐप को बैन कर दिया और कई करार भी रद्द कर दिये गये.

इस मुद्दे पर आरएसएस-संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने भी विरोध दर्ज कराया है. एसजेएम ने तो आईपीएल बहिष्कार करने की अपील की है, साथ ही कहा है कि इससे शहीद हुए सैनिकों का अपमान हुआ है. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) द्वारा एक चीनी मोबाइल कंपनी को प्रायोजक बनाने का फैसला चकित करने वाला है. अपने इस निर्णय से आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने चीन के जघन्य कृत्य द्वारा शहीद हुए सैनिकों के प्रति अपना अपमान प्रकट किया है.

सोशल मीडिया में इसी को लेकर लोग आक्रोशित हैं कि एक ओर सरकार चीन को सबक सीखाने में लगा है और दूसरी ओर बीसीसीआई चीनी कंपनी को ही प्रायोजक बना दिया.

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विदेश मामलों के जानकार विष्णु प्रकाश ने ट्वीट कर लिखा, आईपीएल को करोड़ों भारतीय फैंस देखते हैं. हम चीन की ओर से हिंसा भी देख चुके हैं. ऐसे में वीवो को आईपीएल का स्पॉन्सर देखने की अनुमति देंगे?’ उन्होंने आगे लिखा, ‘बीजिंग हम सब पर हंसेगा. कौन हमें दुनिया में गंभीरता से लेगा? क्यों भारत का अपमान?’

एक अन्य क्रिकेट फैन ने लिखा, अगर चीनी कंपनी को ही प्रायोजक बनाया जाता है तो वो आईपीएल का ही विरोध करेंगे. एक और शख्स ने कटाक्ष करते हुए लिखा, वीवो ही आईपीएल का प्रायोजक बना, मस्त देश है.

गौरतलब है आईपीएल संचालन परिषद (जीसी) ने रविवार को हुई ‘वर्चुअल’ बैठक में फैसला किया कि सरकार की मंजूरी मिलने की स्थिति में (अगले दो दिन में मिलने की उम्मीद) टूर्नामेंट 19 सितंबर से 10 नवंबर तक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के तीन स्टेडियमों – दुबई, शारजाह और अबुधाबी – में खेला जायेगा.

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, 53 दिन के टूर्नामेंट में 10 मैच दोपहर को खेले जायेंगे जो भारतीय समयानुसार साढ़े तीन बजे शुरू होंगे जबकि शाम के मैच भारतीय समयानुसार साढ़े सात बजे शुरू होंगे. बीसीसीआई के अधिकारी ने कहा, मानक परिचालन प्रक्रिया अभी तैयार की जा रही है लेकिन इस साल कोविड-19 के कारण इसमें कितने भी खिलाड़ियों का बदलाव संभव होगा.

रविवार को आईपीएल में चीनी प्रायोजन को लेकर एक पेचीदा मुद्दा भी खत्म हो गया. जून में पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना के बीच हुई भिंड़त के बाद चीनी प्रायोजन बड़ा मुद्दा बन गया था. भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) ने इसके बाद करार की समीक्षा का वादा किया था. आईपीएल जीसी के एक सदस्य ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, मैं सिर्फ यही कह सकता हूं कि हमारे सभी प्रायोजक हमारे साथ हैं. उम्मीद है कि आप समझ ही गये होंगे.

आईपीएल टाइटल प्रायोजक विवो प्रत्येक साल करब 440 करोड़ रुपये देता है और पांच साल का यह करार 2022 में समाप्त होगा. मौजूदा वित्तीय कठिन परिस्थितियों को देखते हुए इतने कम समय में बोर्ड के लिये नया प्रायोजक ढूंढना मुश्किल होता.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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