विलो की जगह बांस से तैयार होगा क्रिकेट बल्ला, यॉर्कर पर चौका मारना होगा आसान
Cricket bat, bamboo, willow क्रिकेट का बल्ला एक खास किस्म की लकड़ी कश्मीर या इंग्लिश विलो से तैयार किया जाता है. जिस लकड़ी से बल्ला तैयार किया जाता है उस पेड़ को तैयार होने में करीब 15 साल लगते हैं. उसमें भी बल्ला बनाते समय 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत लकड़ी बर्बाद हो जाती है.
क्रिकेट का बल्ला एक खास किस्म की लकड़ी कश्मीर या इंग्लिश विलो से तैयार किया जाता है. जिस लकड़ी से बल्ला तैयार किया जाता है उस पेड़ को तैयार होने में करीब 15 साल लगते हैं. उसमें भी बल्ला बनाते समय 15 प्रतिशत से 30 प्रतिशत लकड़ी बर्बाद हो जाती है. यही कारण है कि बल्ला काफी महंगा होता है. लेकिन अब बल्ला ऐसी लकड़ी से तैयार किया जाएगा जिससे यह काफी सस्ता और बल्ले का इस्तेमाल कम खर्चीला होगा.
इसके साथ ही बल्लेबाज यॉर्कर गेंद पर भी आसानी से चौके जड़ पाएंगे. दरअसल इस समय बांस के बल्ले के इस्तेमाल पर शोक जारी है. इंग्लैंड के कैम्ब्रिज विश्व विद्यालय के एक शोध में पता चला है कि बांस के बने बल्ले का इस्तेमाल कम खर्चीला होगा और उसका ‘स्वीट स्पॉट’ भी बड़ा होगा. बल्ले में स्वीट स्पॉट बीच के हिस्से से थोड़ा नीचे लेकिन सबसे नीचले हिस्से से ऊपर होता है और यहां से लगाया गया शॉट दमदार होता है. इस शोध को ‘स्पोर्ट्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है.
शोध दर्शील शाह और बेन टिंकलेर डेविस ने किया है. शाह ने ‘द टाइम्स’ से बातचीत में बताया कि बांस के बल्ले से यॉर्कर गेंद पर चौका मारना आसान होता है क्योंकि इसका स्वीट स्पॉट बड़ा होता है. यॉर्कर पर ही नहीं बल्कि हर तरह के शॉट के लिए यह बेहतर है.
बांस से कैसे तैयार किया बल्ला
शाह और डेविस की जोड़ी ने बताया कि बांस की लकड़ी को परत दर परत चिपकाकर बनाया गया है. उनके अनुसार बांस से बना बल्ला विलो से बने बल्ले की तुलना में अधिक सख्त और मजबूत था, हालांकि इसके टूटने की संभावना अधिक है.
हालांकि शाह ने बताया कि यह विलो के बल्ले की तुलना में भारी है. शोधकर्ताओं ने बताया कि वो इसमें और भी कुछ बदलाव कर रहे हैं. आपको बता दें आईसीसी के नियमों के अनुसार फिलहाल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सिर्फ विलो के बल्ले के इस्तेमाल की इजाजत है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra