आस्ट्रेलिया में अंतिम मैच छोड़ पिता के इलाज को अलीगढ़ पहुंचे क्रिकेटर दीपक चाहर, SA जाने से पहले कही भावुक बात
भारतीय टीम के आल राउंडर और तेज बालर दीपक चाहर एक बेटे का धर्म निभा रहे हैं. क्रिकेटर दीपक चाहर के पिता लोकेन्द्र सिंह तोमर को ब्रेन स्ट्रोक का अटैक पड़ा है. इलाज पिछले तीन दिनों से निजी अस्पताल में चल रहा है. इस दौरान दीपक चाहर अपने पिता की देखरेख कर रहे हैं.
अलीगढ़ : भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेलना सौभाग्य की बात होती है, लेकिन भारतीय टीम का एक ऐसा क्रिकेटर जो दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए चयन हुआ लेकिन पिता की बीमारी के चलते आस्ट्रेलिया दौरे से अपना अंतिम मैच भी नहीं खेला और अपने पिता की बीमारी का हाल सुन अलीगढ़ आ पहुंचा. यहां बात कर रहे है कि भारतीय टीम के आल राउंडर और तेज बालर दीपक चाहर की , जो एक बेटे का धर्म निभा रहे हैं. क्रिकेटर दीपक चाहर के पिता लोकेन्द्र सिंह तोमर को ब्रेन स्ट्रोक का अटैक पड़ा है. जिनका इलाज पिछले तीन दिनों से निजी अस्पताल में चल रहा है. इस दौरान दीपक चाहर अपने पिता की देखरेख कर रहे हैं. दीपक चाहर ने बताया कि बिल्कुल सही समय पर पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनको यहां सही इलाज मिल रहा है. उन्होंने बताया कि पहले से स्थिति बेहतर है. एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए लोकेन्द्र सिंह चाहर अचानक बीमार पड़ गये थे.
दीपक चाहर के चेहरे पर तनाव, बोले-पिता ने ही खिलाड़ी बनाया
दीपक चाहर के चेहरे पर तनाव दिखा. उन्होंने अपना मास्क भी नहीं हटाया, लेकिन उन्होंने कहा कि लोगों के सवाल है कि मैं मैच नहीं खेला या मैच खेलने नहीं जा रहा हूं. इस पर उन्होंने कहा कि मेरे लिए फादर बहुत महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने मुझे खिलाड़ी बनाया. उनकी वजह से ही मैं आज सब कुछ हूं और उनको इस कंडीशन में छोड़कर नहीं जा सकता हूं. मैंने फैसला किया है कि मैं अपने पिता के साथ रहूंगा. जब तक वह आउट ऑफ डेंजर होंगे और नॉर्मल हो जाएंगे .उसके बाद मैं खेलना स्टार्ट करूंगा. इस मामले में मैंने राहुल द्रविड़ सर से बात की है. भारतीय टीम के सिलेक्टर्स से भी बात की है. उन्होंने कहा कि पापा की कंडीशन पहले से बेहतर है. यह हमारी फैमिली के लिए खुशी की बात है कि उनकी कंडीशन सुधर रही है.
बेटे का धर्म निभाना ज्यादा जरुरी है
वही, साउथ अफ्रीका दौरे पर जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह डिपेंड करेगा कि मेरे फादर की कंडीशन कैसी है. सिलेक्टर्स और कोच से बात हुई है. जब तक फादर आउट ऑफ डेंजर नहीं हो जाते, उन्हें छोड़कर नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि बेटे का धर्म निभाना ज्यादा जरूरी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली ले जाने की जब कंडीशन होगी, तभी हम शिफ्ट कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी यहां ट्रीटमेंट ठीक हो रहा है. यहां के डॉक्टर एक्सपर्ट है. वही राय देंगे. उन्होंने कहा कि मैं अपने पिता का बेस्ट से बेस्ट इलाज चाहता हूं. लेकिन कंडीशन अच्छी होनी चाहिए कि साथ में ट्रेवल कर सकें. दीपक चाहर के पिता उनके कोच भी हैं. उनके घर में दो क्रिकेटर हैं. एक तो दीपक चाहर और दूसरा राहुल चहर , पिता ने ही दीपक चाहर के कोच बनकर काम किया. इस समय थोड़ा तनाव में दिखे.
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डाक्टर ने बताया तीन- चार दिन में होंगे स्वस्थ्य
मिथराज अस्पताल में इलाज कर रहे डॉक्टर राजेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि तीन दिन पहले यहां आए थे. इनका ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और पैरालिसिस का अटैक पड़ा था. तबीयत खराब होते ही तुरंत अस्पताल आ गये थे. उन्होंने बताया कि उनको यूटीआई भी था, ब्रेन स्ट्रोक भी पड़ा था और इस समय इंप्रूव कर रहे हैं. डॉक्टर राजेन्द्र ने बताया कि तीन-चार दिन में स्वस्थ हो जाएंगे . वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली के डॉक्टर से भी बातचीत हो रही है. परिवार के लोग भी अस्पताल में मौजूद है. जिसमें उनके चाचा और बहनें भी यहां आई हुई हैं.