Cristiano Ronaldo Coca Cola Controversy, Virat Kohli Pepsi Add: क्रिस्टियानो रोनाल्डो जो कुछ भी करते हैं, दुनिया में वह चर्चा का विषय बन जाती है. पुर्तगाली फुटबॉलर एक वैश्विक खेल आइकन है, जिनके सोशल मीडिया पर अनगिनत फॉलोअर्स हैं. जब से उन्होंने यूरो 2020 प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोका-कोला जैसे कार्बोनेटेड ड्रिंक्स ना पीने का इशारा किया है मानो दुनिया में हड़कंप मच गया है. रोनाल्डो की इस हरकत के बाद कोको-कोला के शेयर धड़ाम हो गये थें और कंपनी को करीब 30 हजार करोड़ का नुकसान हुआ था. हालांकि, यह पहली बार नहीं था जब उनके जैसे किसी स्पोर्ट्स पर्सनैलिटी ने इस तरह के पेय पदार्थ को ठुकराया था.
भारत के क्रिकेट स्टार विराट कोहली ने भी 2017 में कोका-कोला के प्रतिद्वंद्वी पेप्सी के साथ अपने 6 साल के करार को भी समाप्त कर दिया था. उनसे पहले, भारत के बैडमिंटन सुपरस्टार पुएलेला गोपीचंद ने वर्ष 2002 में ऐसा ही किया था. आपको बता दें कि कप्तान विराट कोहली अपने डाइट और खान-पान को लेकर काफी सचेत रहते हैं और इसी वजह से उन्होंने लंबे समय से सॉफ्ट ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों का सेवन बंद कर दिया था. शायद इसीलिए कोहली विज्ञापन के माध्यम से और ज्यादा बढ़ावा देना नहीं चाहते हैं.
बता दें कि साल 2017 में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने करीब पेप्सी सहित 13 अन्तर्राष्ट्रीय कंपनियों से अनुबंध करने का ऑफर ठुकरा दिया है. इस अनुबंध में कोहली को अच्छा खासा फायदा होने की बात कही जा रही है थी. एक रिपोर्ट के मुताबिक कोहली ने सॉफ्ट ड्रिंक से जुड़े स्वास्थ खतरों के लिए अपनी राय रखी थी, जिसके कारण उन्हें 30 अप्रैल को पेप्सी कंपनी के साथ होने वाले अनुबंध को कोहली ने रद्द करने का फैसला किया था.
इसके बाद एक इंटरव्यू में कहा था कि कोहली ने सॉफ्ट ड्रिंक जैसे पेय पदार्थों में ब्रांड एंबेसडर बनने पर प्रतिक्रया देते हुए कहा है कि ‘वह सिर्फ पैसे के लिए किसी ब्रांड का ब्रांड एंबेसडर बनना नहीं चाहते हैं. कोहली ने अपने इंटरव्यू में यह भी कहा था कि मुझे करोड़ों प्रशंसक फॉलो करते हैं. अगर मैं ऐसे सॉफ्ट ड्रिंक और जंक फूड जैसे विज्ञापनों में नजर आऊंगा तो इसका युवाओं पर गलत प्रभाव पड़ेगा.